राजनीति

लोबिन के सदन में दिये गये बयान को ढाल बनाकर बाबूलाल ने CM हेमन्त पर बोला हमला, कहा राज्य की हेमन्त सरकार से पूरे संताल व आदिवासी समाज को खतरा

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम के सदन में दिये गये बयान को ढाल बनाकर अपने दो ट्विटों से राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन पर कड़ा हमला बोला है। ज्ञातव्य है कि झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने कल झारखण्ड विधानसभा में कहा था कि उनकी जान को खतरा है, इसलिए उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाये, नहीं तो अपनी सुरक्षा को लेकर वे केन्द्र से गुहार लगायेंगे।

फिर क्या था, बैठे-बैठाये भाजपाइयों को मौका मिल गया, झामुमो और मुख्यमंत्री हेमन्त सोरन पर हमला बोलने का। उन्होंने इसका फायदा भी उठाया। बाबूलाल मरांडी का सोशल साइट हैंडल करनेवाले लोगों ने इसे मुद्दा बना दिया और फिर इसे ट्विट कर डाला। तो लीजिये सबस पहला ट्विट पढ़िये और अंदाजा लगाइये कि झामुमो के एक-एक गतिविधि पर कैसे भाजपा के लोग नजर गड़ाये बैठे हैं …

‘झारखंड मुक्ति मोर्चा के सीनियर विधायक लोबिन हेम्ब्रम को अपनी ही सरकार में खनन माफ़ियाँ से जान का ख़तरा है। उन्होंने विधानसभा में यह खुलासा करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने हाउस गार्ड तक हटा कर उन्हें और ख़तरे में डाल दिया है। उन्होंने कहा है कि पन्द्रह दिनों में उनकी जान बचाने की फ़रियाद नहीं सुनी गई तो वे दिल्ली जाकर केन्द्र सरकार से मदद की गुहार लगायेंगे।

भाई लोबिन, आपकी इस सरकार और इसके पाले हुए खनन माफियाओं से ख़तरा सिर्फ़ आपको ही नहीं है। ख़तरा तो पूरे संताल और आदिवासी समाज को भी हैं जिनका अस्तित्व और पहचान ये माफिया मिटा रहे हैं। ख़तरा आपके जैसे पक्ष-विपक्ष के उन सारे लोगों को है जो इस सोरेन राज परिवार के तानाशाह के ग़लत कार्यों और लूटपाट का विरोध करते हैं। आप तो सोरेन परिवार के वफ़ादार सदस्य रहे हैं, हेमंत के चाचा समान हैं।

कभी पूछिये हेमंत जी से कि जो लोग झारखंड को लूटने के आरोप में जेल गये हैं और जा रहे हैं वो कौन हैं और इन सबों से हेमंत जी की कैसी निकटता है? पूछिये कि झारखंड की बर्बादी, लूट और आदिवासियों, संतालों का वजूद समाप्त करने का इतिहास लिखा जायेगा तो उसमें हेमंत का नाम सबसे उपर आख़िर क्यों नहीं होगा?’ और इसके बाद ये दूसरा ट्विट पर नजर डालिये…

‘कहीं झामुमो की ट्रोल आर्मी अपनी पार्टी के सीनियर विधायक लोबिन हेम्ब्रम जी को भी आदिवासी विरोधी और झारखण्ड विरोधी न कह दें। नये ज़माने में झामुमो में शिबू सोरेन कैद, उनके साथ काम करने वाले सब पार्टी से किनारे लगा दिए गए, अब सिर्फ प्रेम प्रकाश, अमित अग्रवाल, पंकज मिश्रा जैसे “कमाऊ लोग” ही असली खतियानी समझे जाएंगे। खुद संघर्ष करने में और पिता की विरासत एक्सिडेंटली मुफ्त में मिलने में बहुत फर्क होता है,सोने का चम्मच मुंह में लेकर पैदा होने वाले अयोग्य, अहंकारी तानाशाह इसे कैसे समझ सकते हैं?’