भाई भगवान औलाद दें तो CE बीरेन्द्र राम व IAS पूजा सिंहल जैसा, नहीं तो न दें और ED तुम इन महान लोगों के खिलाफ षडयंत्र रचते हो, हम तुमसे बात नहीं करेंगे, कट्टीस्स्स्स

भाई भगवान औलाद दें तो मुख्य अभियंता बीरेन्द्र राम व आईएएस पूजा सिंहल जैसा, जो मालदार पोस्ट पाने के बाद, खुब मलाई में आकंठ डूबने के बाद अगर पकड़ा भी जाये तो सजा काटने के बाद भी बाकी समय आराम से कटें, क्योंकि अगर सजा या जुर्माना भी मिलेगा तो कितना, उतना ही न, जितना कानून में लिखा हैं। मान लिया जेल में ही चले गये तो क्या हो जायेगा, वहां भी इनके लिए विशेष प्रबंध हो ही जायेंगे।

ऐसे में ये गैर-कानूनी काम करना घाटे का सौदा थोड़े ही हैं, कम से कम इतना करते-करते बेटे-बेटियां, बहू-पत्नियां, प्रेमी-प्रेमिकाएं तो मालदार हो जायेंगी और उनका बाकी जीवन तो सुख से कटेगा, इसलिए इसमें गलत कहां हैं, ऐसे भी कलियुग में तो अधर्मियों को ही सारा सुख लिखा हैं, ऐसा तुलसीदास बाबा ने श्रीरामचरितमानस में लिखा है। फिल्म गोपी में पर्दे पर दिलीप कुमार ने गाया है – हे रामचंद्र कह गये सिया से, ऐसा कलयुग आयेगा, हंस चुगेगा…

इसलिए खुब दो नंबर का काम करें, ईडी व सीबीआई भी क्या तुम्हारा कबाड़ लेगा, सजा उतना ही न दिलवायेगा, जितना कानून में लिखा है। जरा देखो न बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के पिता लालू प्रसाद जैसे महान राजनीतिज्ञ, पिछड़ों के मसीहा, सामाजिक न्याय के पुरोधा को तो झारखण्ड के कई अदालतों ने चारा घोटाला में दोषी ठहराकर उन्हें सजा सुना दी, उससे क्या हुआ? करोड़ों का घोटाला लाखों में निबट गया।

ऐसे भी इस लाखों रुपये को अदालत में जमा करने में महान नेता लालू जी को कोई अपने घर से थोड़े ही देना हैं, कई दानदाता उनके लिए आगे आ जायेंगे, बेचारे अपने शासनकाल में बहुत लोगों को मदद किये हैं, तो क्या उनकी सेवा में कोई नहीं आयेगा। ऐसा भला हुआ है क्या? देखिये पेरोल पर घुम रहे हैं, नीतीश जैसे तथाकथित सुशासन बाबू को अपनी गलती का पछतावा हो रहा हैं, वो कह रहे हैं कि हम तो लालू के गोद में ही बैठकर 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। आज से 20 वर्ष पहले जो लालू को हटाकर बिहार की जनता ने उनका राज्याभिषेक किया, उस पाप को वे तेजस्वी का राज्याभिषेक कर अपना पाप धोयेंगे, गंगा नहायेंगे।

इसलिए भ्रष्टाचार को बढ़ाना है, बीरेन्द्र राम व पूजा सिंहल जैसे लोगों के फोटो घर-घर तक बंटवाना है। सुनने में आया है कि जैसे पूजा सिंहल हर शासनकाल में मुख्यमंत्री की विशेष प्रिय हो जाया करती थी, ठीक उसी प्रकार बीरेन्द्र राम भी मुख्यमंत्री कोई हो, सभी के प्रिय हो जाया करते थे। उनकी लोकप्रियता का आलम यह है कि झारखण्ड के संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम उन्हें बॉडीगार्ड मिले, इसके लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक को पैरवी पत्र भी लिख दिया था।

ऐसे भी ऐसे ही लोगों के लिए तो बॉडीगार्ड रखे जाते हैं। हमारे झारखण्ड में तो भाजपा के कई मुख्यमंत्रियों ने एक भ्रष्ट चैनल के मालिक को एक नहीं, तीन-तीन बॉडीगार्ड वो भी एके 47 के साथ दिलवा दिया था, पर आज बेचारा वो धनबाद जेल की शोभा बढ़ा रहा हैं। ऐसे में आलमगीर ने आलम में अपना डंका बजा दिया और डीजीपी को पैरवी पत्र लिख दिया तो क्या गलत किया। हम तो इस पर आलमगीर की प्रशंसा ही करेंगे…

जय आलम, जय आलमगीर,

तुम्हारी महिमा, गाये बीर।

डीजीपी को लिखो तू पत्र,

सारे भ्रष्टाचारियों को करो एकत्र।

सभी के तुम रक्षक बन जाओ,

और कांग्रेस का मान बढ़ाओ।

आज तो कुछ अखबारों में आईएएस/आईपीएस ने कितने माल कमाए हैं, कितने इनके दोस्तों ने इनके माल को बढ़ाने में मदद की हैं। ससुराल वालों ने कितनी इनकी आवभगत की है। साला-सालियों ने इनका कितना ख्याल रखा हैं। उसकी भी चर्चा है। भाई, माल कमाना गलत है क्या? आप के किस्मत में आईएएस/आईपीएस बनना नहीं लिखा हैं तो उसमें आज के आईएएस/आईपीएस कहां  दोषी हो गये। जिन आईएएस/आईपीएस के माता पिता ने उन्हें चरित्रवान बनना सीखाया और वे इस कारण माल नहीं कमा पाये, तो उसमें गलती तो उन माता-पिता की हैं, जिन्होंने उन्हें माल कैसे कमाया जाये, भ्रष्ट कैसे बना या बनाया जाये, उसकी प्रशिक्षण नहीं दी।

हमें तो गुस्सा ईडी, सीबीआई, आयकर विभाग, आईटी विभाग पर आता है कि वे हमेशा भ्रष्टाचारियों पर अपना गिद्ध दृष्टि डाल देते हैं, होना तो ये चाहिए कि जो ईमानदार हैं, उनका जीना दूभर कर दें, बेचारा बीरेन्द्र राम और पूजा सिंहल लोग कितना मेहनत किया होगा, भ्रष्ट तरीके से माल बनाने में और ये लोग उसकी सारी मेहनत पर पानी फेर दिया। जाओ ईडी, सीबीआई, आयकर विभाग व आईटीवालों हम तुमसे बात नहीं करेंगे, कट्टीसस्स्स्स…