न्यूज 11 भारत के मालिक अरुप और उसके रिपोर्टर नरेन्द्र के खिलाफ गोड्डा न्यायालय में ब्लैक मेलिंग का केस दर्ज, भारत सरकार से चैनल के लाइसेंस को रद्द करने की अपील भी

सबसे पहले भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को शिकायतकर्ता राजीव रंजन भगत ने क्या लिखा, उस पर ध्यान दीजिये। गोड्डा के महुआरा गांव के रहनेवाले राजीव रंजन भगत ने भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को लिखा है कि न्यूज 11 भारत चैनल पैसा ऐठने एवं छवि धूमिल करने तथा व्यक्तिगत रुप से विरोधियों को लाभ पहुंचाने के लिए उसका तथा अन्य लोगों का फोटो लगाकर कभी जमीन लूटेरा आदि के रुप में प्रोमो न्यूज में दिनांक 28.06.21 से लगातार दिखा रहा है।

कभी किसी का फोटो जोड़ देता है तो कभी किसी का हटा देता है, एवं विभिन्न माध्यमों से भारी भरकम राशि की मांग करता है। विदित हो कि चैनल द्वारा 500 एकड़ जमीन लूट की बात कही जा रही है, जबकि यहां पर पांच डिसिमिल भी जमीन की लूट नहीं हुई है, जिसका वो कभी भी किसी भी समय प्रमाण दे सकता है। अतः उसका आग्रह है कि ऐसे चैनल जो फर्जी प्रोमो न्यूज प्रसारित कर रहा है, पर तुरन्त प्रभाव से लाइसेन्स रद्द करते हुए चैनल के समस्त गतिविधियों का उच्चस्तरीय जांच कराई जाय। जो पत्र भेजा गया, उसकी छाया प्रति इस प्रकार है, आप भी देखिये…

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार को शिकायतकर्ता द्वारा लिखा गया पत्र, जिसमें न्यूज 11 भारत की लाइसेंस रद्द करने की मांग की गई है

इधर यही शिकायतकर्ता राजीव रंजन भगत ने गोड्डा न्यायालय में लिखित शिकायत दर्ज करवा दी। ये शिकायत न्यूज 11 भारत के मालिक अरुप चटर्जी और उसके संवाददाता नरेन्द्र महतो के खिलाफ की गई है। दोनों के उपर ब्लैकमेलिंग के द्वारा पैसे ऐंठने के आरोप है। इन दोनों के खिलाफ भा.द.वि की धारा 384, 500, 501, 502 एवं 504 के तहत मामला दर्ज कराया गया है।

आश्चर्य है कि इसके साथ ही एक ऑडियो भी जोर-शोर से वायरल हुआ है, जिसमें न्यूज 11 भारत का सम्पादक और उसका संवाददाता आपस में बात कर रहा हैं, जिसे सुनकर किसी भी ईमानदार पत्रकार का सिर शर्म से झूक जायेगा, जिसमें साफ ब्लैकमेलिंग करने को रिपोर्टर से कहा जा रहा है, उसे यह भी कहा जा रहा है कि वो घबराए नहीं, सम्पादक उसके साथ है।

राजनीतिक पंडित तो ये सुनकर साफ कह रहे है कि चुल्लू भर पानी में ऐसे लोगों को डूब मरना चाहिए, जो ब्लैक मेलिंग करने/कराने में लगे हैं। राजनीतिक पंडित तो ये भी कह रहे है कि ऐसे ब्लैकमैलर लोगों के चैनल में लोग जाते ही क्यों हैं? विभिन्न विषयों पर बहस में भाग ही क्यों लेते हैं, क्या उन्हें नहीं पता कि जो न्यूज, चैनल पर चल रहे हैं, उसका मुख्य उद्देश्य समाचार प्रसारित न कर, बल्कि उसके एवज में संबंधित व्यक्ति (जिस पर आरोप लगाया जा रहा है) से रुपये ऐठना है।

शिकायतकर्ता ने जो न्यूज 11 भारत के मालिक और संवाददाता पर जो आरोप लगाये हैं, वे प्रथम दृष्टया सही प्रतीत हो रहे हैं, क्योंकि पहले तीन लोगों को जमीन लूटेरा कहकर प्रोमो में दिखाया जा रहा था, बाद में इसकी संख्या दो हो गई और फिर अंत में एक ही व्यक्ति को जमीन लूटेरा कहकर बदनाम किया जाने लगा, सच्चाई आपके सामने हैं, आप स्वयं देखिये…

पहला प्रोमो – तीन का फोटो दिखाया गया घोटालेबाज के रुप में
दूसरा प्रोमो – तीन की जगह, दो का फोटो दिखाया गया घोटालेबाज के रुप में
तीसरा प्रोमो – अब दो की जगह, एक का फोटो दिखाया गया घोटालेबाज के रुप में

इसका मतलब क्या होता है, इसका मतलब होता है कि जिसने-जिसने न्यूज 11 भारत के साथ मिलकर, अपना हिसाब-किताब बिठाया, उसे प्रोमो से हटाया जाने लगा और जिसने हिसाब-किताब नहीं बिठाया, उस पर सारा तोहमत लगा दिया गया, उसकी बेइज्जती की जाने लगी। अब सवाल उठता है कि जब गलत हैं तो तीनों गलत हैं, ऐसा क्या कि एक दिन तीनों गलत, दूसरी बार सिर्फ दो गलत और अंतिम बार सिर्फ एक ही गलत, निम्नलिखित प्रोमो के फोटो देखिये पता लग जायेगा। इसके सारे सबूत विद्रोही24 के पास मौजूद है।

ऐसे भी न्यूज 11 भारत इसी के लिए जाना जाता है, कुछ लोग तो ये भी कहते है कि आखिर क्या वजह है, कि बड़े-बड़े चैनल बंद हो गये और ये न्यूज 11 भारत अभी चल ही रहा हैं, उसका मूल मकसद पर स्थानीय राज्य सरकार या झारखण्ड पुलिस सही से जांच बैठा दें, तो दूसरे दिन चैनल ही बंद हो जाये, पर चूंकि राज्य सरकार और झारखण्ड पुलिस का इसको वरद् हस्त प्राप्त हैं, ऐसा में यहां इसके खिलाफ कार्रवाई होना मुश्किल है।

जिसे आप इस प्रकार समझिये कि जिसके मालिक को, तीन-तीन बॉडीगार्ड वो भी एके 47 के साथ दिया गया हो, तो वो मालिक और वो चैनल क्या करेगा? समझते रहिये। राजनीतिक पंडित तो साफ कहते है कि जहां का मुख्यमंत्री ऐसे लोगों से गलबहियां डालकर बात करते हो, अरुप जी कहकर इंटरव्यू देते हो, ऐसे लोगों का मनोबल नहीं बढ़ेगा तो क्या सामान्य जनता का मनोबल बढ़ेगा? जहां की पुलिस, ऐसे अपराधियों को बढ़ावा देती हो, उससे ये आशा रखना कि वो न्यूज 11 भारत के मालिक या संवाददाता या सम्पादक के गिरेबां को पकड़ेगा, असंभव है।

फिलहाल, अब तो सभी का ध्यान सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार की ओर हैं, क्योंकि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार ने कुछ महीने पहले ही न्यूज 11 भारत को सशर्त चेतावनी दे रखी है, ऐसे भी कई शिकायतें न्यूज 11 भारत से संबंधित भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को गई हुई है, अगर इस बार नकेल सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार ने कस दिया तो समझ लीजिये, हो गई छुट्टी। नहीं तो राज्य सरकार से आशा मत रखिये कि ये न्यूज 11 भारत के खिलाफ एक्शन लेगी, ये तो वही करेगी, इसकी पुलिस वही करेगी जो अरुप चटर्जी चाहेगा। उदाहण विद्रोही24 के पास कई हैं, जिसे देखना हो, या समझना हो, विद्रोही24 के पास आये, बता देंगे/दिखा देंगे।