राजनीति

मोदी-शाह के कट्टर विरोधी को फिल्म कौंसिल का अध्यक्ष बनाये जाने पर भाजपा कार्यकर्ता गुस्से में

झारखण्ड में मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा इस बार सातवे आसमान पर पहुंच गया है, हालांकि लोकसभा चुनाव को देखते हुए, ये भाजपा कार्यकर्ता फिलहाल सीएम रघुवर के खिलाफ कुछ भी खुलकर बोलने से बच रहे हैं, पर इन्होंने संकल्प कर लिया है कि विधानसभा चुनाव जब भी कभी होंगे, वे खुलकर सीएम रघुवर दास का विरोध करेंगे। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस बार सीएम रघुवर दास ने सारी सीमाएं लांघ दी है, उन्होंने ऐसे व्यक्ति को माथे पर बिठा लिया है, जिसने कभी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पसन्द नहीं किया और न ही भाजपा को स्वीकार किया, जब भी मौका मिला, भाजपा के खिलाफ आग ही उगला। विरोध के स्वर ही तेज किये।

आज भी उस व्यक्ति के फेसबुक पर ऐसे-ऐसे पोस्ट शेयर किये गये हैं, जिससे उस व्यक्ति के मोदी विरोधी होने का आराम से पता चल जा रहा है। इन भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि एक ओर इस राज्य में भाजपा कार्यकर्ताओं/समर्थकों को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है और उन पर मुकदमे ठोके जा रहे हैं, वहीं पीएम नरेन्द्र मोदी को अपशब्द कहनेवाले, उन्हें नीचा दिखानेवाले को महिमामंडित किया जा रहा है, यहीं नहीं ऐसे लोगों के लिये पुरानी कमेटी भंग कर नई कमेटी बना दी जा रही हैं, और उसे उसका अध्यक्ष बना दिया जा रहा है।

ताजा मामला रांची के फिल्मकार मेघनाथ से जुड़ा है, जिन्हें राज्य सरकार ने फिल्म डेवलेपमेंट काउसिंल ऑफ झारखण्ड का अध्यक्ष बना दिया है, जबकि पुरानी कमेटी झारखण्ड फिल्म तकनीकी सलाहकार समिति को भंग कर दिया गया। जिसके अध्यक्ष पूर्व में सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेता अनुपम खेर हुआ करते थे। कमेटी में 16 सदस्य भी है। फिल्म में रुचि रखनेवाले भाजपाइयों का कहना है कि इनमें ज्यादातर लोगों का फिल्म से कोई लेना-देना ही नहीं है। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि पार्टी के लिए लड़े हम, पार्टी को जीताये हम, और जब पार्टी सत्ता में आये तो फायदा उठाएं वे लोग, जिन्होंने भाजपा को कभी न तो स्वीकार किया और न ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए कभी अच्छे दो शब्द ही निकाले।

भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि आखिर अचानक वामपंथी विचारधारा और कट्टर मोदी विरोधी मेघनाथ पर रघुवर दास का अचानक प्रेम कैसे उमड़ गया, उन्हें समझ नहीं आ रहा। भला कोई व्यक्ति या राज्य का मुख्यमंत्री ये कैसे स्वीकार कर सकता है कि जिसके कारण वह राज्य का सत्ता संभाल रहा हैं, उसी व्यक्ति को कोई नीचा दिखाने की कोशिश करें और उसे राज्य में एक ऐसे कमेटी का अध्यक्ष बना दिया जाय, जो काफी मायने रखता हो। भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस बात पर भी सवाल उठाया कि जब राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू था, तो ऐसे में बैक डेट से इस कमेटी का गठन क्यों किया गया और उसे चार दिन पूर्व क्यों जारी किया गया? रघुवर दास के इस कार्य से पूरा मामला ही संदिग्ध दीख रहा है।

दूसरी ओर भाजपा को छोड़कर, अन्य राजनीतिक दल तथा वामपंथी विचारधारा एवं मेघनाथ से जुड़े लोगों को जैसे ही इस बात की जानकारी मिली, उन्होंने इस समाचार का स्वागत किया। उनका कहना था कि मेघनाथ को झारखण्ड फिल्म तकनीकी सलाहकार समिति भंग कर, फिल्म डेवलेपमेंट काउंसिल ऑफ झारखण्ड का अध्यक्ष बनाया जाना, झारखण्ड के लिए खुशी की बात है। इनका यह भी कहना था कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद, 7 मार्च को बैक डेट में काउंसिल का गठन कर, उसकी अधिसूचना चार दिन पूर्व जो जारी की गई, उससे राज्य का कुछ न कुछ भला अवश्य होगा। मेघनाथ वृत्तचित्रों के निर्माता हैं, कई राष्ट्रीय पुरस्कारों को भी उन्होंने प्राप्त किया हैं। झारखण्ड में वामपंथी विचारों के पोषक भी है।

कुछ लोगों का कहना है कि मेघनाथ बराबर वामपंथी विचारधाराओं को अपने फिल्मों के माध्यम से दिखाते रहे हैं, उनकी सोच ही उनकी फिल्म का आधार भी होता है, ऐसे में अब जबकि कट्टर संघ से जुड़ी भाजपा द्वारा उन्हें फिल्म डेवलेपमेंट काउंसिल ऑफ झारखण्ड का अध्यक्ष बनाया गया है, तो यह एक तरह से उनकी परीक्षा भी है, अब वे ये नहीं कह सकते कि उन्हें मौका नहीं मिला काम करने को, सरकार ने मौका दिया है, अब वे काम करके दिखाये, नहीं तो लोग यही कहेंगे कि मौका तो झारखण्ड के मेघनाथ को भी मिला, उन्होंने कौन सा बेहतर काम करके दिखा दिया।

क्या मेघनाथ अपनी परीक्षा में उत्तीर्ण होंगे? क्या भाजपा कार्यकर्ताओं का सीएम रघुवर के प्रति गुस्सा समाप्त होगा? क्या भाजपा के बड़े नेता ये स्वीकार कर पायेंगे कि जिस पीएम नरेन्द्र मोदी के सपनों पर वे चलने का संकल्प ले रहे हैं, नारा लगा रहे हैं कि मोदी शासन फिर एक बार, वे भाजपा विरोधी मेघनाथ को उक्त पद पर स्वीकार कर पायेंगे।

One thought on “मोदी-शाह के कट्टर विरोधी को फिल्म कौंसिल का अध्यक्ष बनाये जाने पर भाजपा कार्यकर्ता गुस्से में

  • राजेश कृष्ण

    यही तो राजनीति है,
    माल ले जाने वाले माले..
    दाम पर बिक रहा वाम..
    भौंचक..।।आवाम।।
    भौ भौं करे कुत्ता गुलाम..
    कहीं चोर चंडाल और बेईमान
    तो कहीं बाहुबली और शैतान..
    मिलकर लीकह रहे नई..इबारत ए तौहीन.
    कह रहे नया हिंदुस्तान..
    है भगवान..करुणा निधान.
    रखना हमसबका ,ध्यान.
    महादेव करें कल्याण..।।

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