राजनीति

CM के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं ने खोला मोर्चा, दागे सवाल, 2019 में करेंगे रघुवर की विदाई

मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोल दिया हैं। ये भाजपा कार्यकर्ता मुख्यमंत्री रघुवर दास का नाम भी सुनना पसंद नहीं करते, जैसे ही इनके पास कोई मुख्यमंत्री रघुवर दास का नाम लेता है, वे भड़क उठते हैं, पिछले दो दिनों से भाजपा कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया का सहारा लेकर मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ कम्पेन चला रखा हैं, जिससे भाजपा में अफरातफरी की स्थिति मची हुई हैं। ये भाजपा कार्यकर्ता इतने नाराज है कि इन्होंने संकल्प ले रखा है कि अगर भाजपा ने रघुवर दास को 2019 में सीएम के रुप में कम्पेन चलाया तो इसके खिलाफ वे आंदोलन चलायेंगे और रघुवर दास को किसी भी हालत में सीएम बनने नहीं देंगे।

भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपने व्हाट्सएप ग्रुप में मुख्यमंत्री रघुवर दास से सवाल किया है कि मुख्यमंत्री बताये कि एक ही राज्य में दो समुदायों के बीच दोहरा मापदंड क्यो? ईद का बाजार मेन रोड पर कैसे लग गया? ईद बाजार लगाकर मेन रोड को जाम क्यों कर दिया गया? इधर इस संबंध में दो ऑडियो भाजपा कार्यकर्ताओं के व्हाटसएप ग्रुप में खुब वायरल हो रहे है। एक ऑडियों में एक अपर बाजार की दीप्ति अग्रवाल नामक महिला, एसडीओ अंजलि यादव से बात कर रही हैं और दूसरे में रांची नगर निगम के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय से सवाल दाग रही है, सच्चाई यह है कि दोनों उक्त महिला के सवालों का सही जवाब नहीं दे पा रहे हैं, जबकि सवाल महत्वपूर्ण हैं।

वायरल ऑडियों में रांची की अनुमंडलाधिकारी से सवाल पूछा जाता है कि मेन रोड में ईद बाजार लगाकर जो मेन रोड जाम कर दिया गया, यह कैसे हुआ? अनुमंडलाधिकारी अंजलि यादव कहती है कि नगर निगम से परमिशन लिया होगा, मेरे से कोई परमिशन नहीं लेता, हमारे पास इसकी कोई सूचना नहीं हैं। इसी बीच जब डिप्टी मेयर से यह सवाल पूछा जाता है कि मेन रोड में ईद बाजार लगाकर पूरे मेन रोड को जाम क्यों कर दिया गया तो डिप्टी मेयर का जवाब होता है कि ये सवाल आप रांची के एसडीओ से पूछिये, क्योंकि ये सभी उनके अधिकार क्षेत्र में आता है, इसमें नगर निगम कहां से आ गया। यानी रांची में जिनको प्रशासन चलाना है, वे सवालों का जवाब न देकर, सवालों को एक दूसरे के मत्थे फेंक रहे हैं।

कमाल यह भी है कि राज्य के नगर विकास मंत्री सी पी सिंह हैं, जो रांची विधानसभा क्षेत्र के विधायक भी हैं, पर वे भी इस मुद्दे पर खुलकर बोलने से बच रहे हैं, भाजपा कार्यकर्ताओं की माने, तो वे बेचारे क्या करें, अगर नहीं चुप रहेंगे तो मुख्यमंत्री रघुवर दास, उनको मंत्रिमंडल से हटा देगा। इधर भाजपा कार्यकर्ताओं ने अपनी नाराजगी नगर विकास मंत्री सी पी सिंह को भी बता दी है, इन कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को खुली चुनौती दे दी है, कि भाजपा कार्यकर्ताओं का अपमान अब किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

भाजपा कार्यकर्ताओं ने विद्रोही 24.कॉम को बताया कि जब भाजपा कार्यकर्ता अपना गार्जियन समझकर प्रोजेक्ट बिल्डिंग में सीएम रघुवर दास से मिलने गये थे, और घटित घटना का बखान किया, तब मुख्यमंत्री के तेवर बहुत सख्त थे, भाजपा कार्यकर्ताओं को बैठने तक को नहीं कहा, उलटे ये पूछ डाला कि तुम्हे मेन रोड में जुलूस निकालने को किसने परमिशन दिया था? साथ ही ये भी कह दिया कि चलान कट गया है, सात दिन के बाद देखो, क्या होता है, हमने वरिष्ठ पुलिस पदाधिकारी को आदेश दे दिया है, इस घटना का रिपोर्ट देने को।

भाजपा कार्यकर्ता क्रुद्ध होकर कहते है कि जब उन्हें परमिशन नहीं मिला था, जुलूस निकालने को, तो उनकी पिटाई हो गई और केस में उलझाने का सारा मैटर तैयार हो रहा हैं तो सरकार बताएं, मुख्यमंत्री रघुवर दास बताएं, नगर विकास मंत्री सीपी सिंह बताएं, एसडीओ अंजलि यादव बताएं, रांची नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर बताएं कि मेन रोड में ईद बाजार लगाने और मेन रोड को जाम करने की परमिशन किसने दी? और अगर इसका जवाब किसी के पास नहीं हैं, तो इसका मतलब है कि यहां न तो भाजपा का शासन है, और न ही कोई संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का शासन है, यहां सभी अपनी मनमानी कर रहे हैं, और गरीब भाजपा कार्यकर्ताओं को परेशान कर रहे हैं, साथ ही उन्हें असामाजिक तत्वों एवं गुंडो से पीटवा भी रहे हैं।

भाजपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा इस बात को लेकर भी है कि 10 जून को जिन भाजपा कार्यकर्ताओं की मेन रोड में जुलूस निकालने के दौरान असामाजिक तत्वों तथा गुंडों द्वारा पिटाई की गई थी, जिस पुलिस पदाधिकारी की पिटाई हुई थी, उन भाजपा कार्यकर्ता एवं पुलिस पदाधिकारी की कुशल क्षेम पूछने के लिए न तो मुख्यमंत्री और न ही नगर विकास मंत्री या कोई भाजपा का वरिष्ठ नेता उन भाजपा कार्यकर्ताओं के घर जाकर कुशल क्षेम जानने पहुंचा। ऐसे में भाजपा कार्यकर्ता किसी पार्टी के बंधुआ मजदूर नहीं है, इसलिए मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ उनका कम्पेन तब तक जारी रहेगा, जब तक मुख्यमंत्री के पद से रघुवर दास हट नहीं जाते।