अपनी बात

झारखण्ड को अपराध की धधकती आग में फेंकने की मुकम्मल तैयारी में जुटे हैं भाजपा के दिग्गज

ऐसे नेताओं को खुद सोचना चाहिए कि उन्हें क्या दंड मिलना चाहिए, जो अपराधी प्रवृति के व्यक्तियों को बढ़ावा देने का काम करते हो। इधर देखने में आ रहा है कि जैसे-जैसे भारतीय जनता पार्टी की पूरे देश में सामरिक शक्ति बढ़ी है। इनके नेता धरले नहीं धरा रहे हैं। वे समझ रहे हैं कि वे जो बोल रहे हैं, वही ब्रह्म वाक्य है और उन्हें अगर कोई चुनौती देगा, तो उसे समाज में सही ढंग से रहने का अधिकार ही नहीं हैं। हम बात कर रहे है – भाजपा के बाघमारा विधायक ढुलू महतो और उनके लिए मर रहे भाजपा के बड़े नेताओं की, जिन्होंने कुछ दिन पहले ढुलू महतो के आवास पर जाकर, संवाददाता सम्मेलन की और 40  आरोपों में आरोपित ढुलू को महिमामंडित किया।

ढुलू को महिमामंडित करनेवालों में अभी नये-नये भाजपा में गये और विरोधी दल का नेता बनने के लिए नाक रगड़ रहे राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी है तथा नये-नये राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश है। इन दोनों ने ढुलू के घर जाकर प्रेस कांफ्रेस कर दुनिया को बता दिया कि इनके मन-मस्तिष्क में किस प्रकार का खुराफात चल रहा हैं, ये राजनीति का अपराधीकरण कर रहे हैं कि अपराधियों का राजनीतिकरण कर रहे हैं, इन्हें समझ नहीं आ रहा।

इनका कहना है कि ढुलू को राजनीतिक विद्वेष के तहत उसे जेल में डाला गया है, जबकि सच्चाई यह है कि ढुलू पर 40 अपराधिक मुकदमे हैं, वह अपने विरोधियों को झूठे मुकदमे में फंसाने के लिए निरन्तर दिमाग लगाता रहता है, उसके इशारे पर तो धनबाद में पुलिस की वर्दी तक फाड़ दिये जाते हैं और हथियार तक छीन लिये जाते है। एक लड़के पर दुष्कर्म का आरोप लगाकर उसकी जिंदगी तबाह करने की कोशिश की जाती है, ये अलग बात है कि वो लड़का इसके झूठे आरोप से बच गया। यही नहीं इस ढुलू ने एक महिला डाक्टर के साथ भी उसके चैंबर में घुसकर बदतमीजी की, जिसका उक्त महिला डाक्टर ने कड़ा प्रतिवाद किया, जो धनबाद के समाचारों की सुर्खियां बना।

आज भी बाघमारा जाइये, आपको ऐसे लोग बहुत सारे मिलेंगे, जो भाजपा में ही रहे हैं और ढुलू महतो के इशारे पर उन लोगों के खिलाफ झूठे मुकदमे ठोक दिये गये, यहीं नहीं चलती ट्रेन पर इसके गुर्गों ने उन्हें पीटा भी हैं, पर भाजपा के इन बड़े-बड़े नेताओं का कलेजा नहीं पसीजा। रांची में भी भाजपा के कई ऐसे दिग्गज नेता हैं, जो इस प्रकार की हरकत करते हैं और लोगों का जीना हराम कर रहे हैं। मेरा तो मानना है कि जो भी भाजपा की आड़ में ऐसे अपराध करते हैं, ऐसे लोगों को भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के नेता बाहर का रास्ता दिखायें, नहीं तो आनेवाले समय में दिक्कत होगी।

यही नहीं एक समय था, कि धनबाद पुलिस की हिम्मत नहीं होती थी कि उसके घर क्या, बाहर में भी उसके खिलाफ कुछ एक्शन ले सकें। धनबाद के बड़े-बड़े व्यापारी ही नहीं, बल्कि बीसीसीएल के अधिकारी भी उससे भयाक्रांत थे, कई छोटे-बड़े कोयला से जुड़े व्यवसाय में तो इस व्यक्ति ने ताले लगवा दिये और उसके बावजूद बाबू लाल मरांडी को ढुलू में भगवान ही नजर आते हैं तो समझ लीजिये, झारखण्ड को अपराध की धधकती आग में फेंकने की मुकम्मल तैयारी कर ली गई है।

इसी पार्टी की भाजपा नेतृ जो आज कांग्रेस का दामन पकड़ चुकी हैं, भाजपाइयों ने इस महिला की एक नहीं सुनी। जब वह महिला भाजपा में थी, तभी उसने ढुलू पर दुष्कर्म का आरोप लगाया, पर क्या मजाल भाजपा के ये नेता उस महिला की दर्दनाक दास्तां सुने, उन्हें तो ढुलू में भगवान जो नजर आ रहा था, और अब जबकि सत्ता बदली, पुलिस को अपना चरित्र नजर आया, आज ढुलू जेल में बंद हैं तो इसके लिए उग्र आंदोलन चलाने की धमकी देकर, भाजपा के ये दिग्गज नेता किस प्रकार की हरकत करने की सोच रहे हैं, समझने की जरुरत है।

अरे भाई, जब आपके अतिप्रिय ढुलू का मामला अदालत में चल रहा हैं, तो आप अदालत में उसे देखिये न, घर पर जाकर प्रेस कांफ्रेस कर, आप किसका भला कर रहे हैं?  कमाल है, ये कौन नहीं जानता कि ढुलू को झाविमो का टिकट किसने दिया और जब वो झाविमो छोड़कर भाजपा में गया, आप खुद भाजपा में आ गये तो ढुलू की याद आपको क्यों सता रही हैं, ये कौन नहीं जानता।

जानती तो धनबाद के बाघमारा की जनता भी है, वो यह जानती है कि अगर सत्ता नहीं बदलता, तो ढुलू की हेकड़ी आज भी बरकरार रहती, ये तो सत्ता परिवर्तन का कमाल है कि ढुलू जेल में है और जनता सुख चैन की नींद सो रही है। इसके लिए तो हेमन्त सोरेन की जितनी प्रशंसा की जाय कम है। ऐसे भी जनता सब देख रही हैं, जो भी बचा-खुचा बाबूलाल का सम्मान है, वो जल्द ही खत्म हो जायेगा, अगर उन्होंने अपने में सुधार नहीं लाया और ईमानदारी से राजनीति नहीं शुरु की, तो ऐसे लोग जो बाबू लाल मरांडी को जानते हैं, वे ये भी जानते है कि 2000 के बाबूलाल में और 2020 के बाबूलाल में आकाश-जमीन का अंतर है। पूर्व के बाबूलाल राजनीति में शुचिता की बात करते थे और आज वे शुचिता का दाह संस्कार कर चुके हैं, शायद उन्हें लगता है कि इसके द्वारा ही उनकी मनोकामना पूरी होगी, पर उन्हें नहीं पता कि ढुलू के घर जाकर प्रेस कांफ्रेस कर, ढुलू भक्ति दिखा, जनता के सामने उन्होंने खुद को नंगा कर दिया है।

अच्छा रहता, बाबू लाल और दीपक प्रकाश जैसे भाजपा नेता, उन लोगों के घरों में जाकर प्रेस कांफ्रेस करते, जिनके जीवन को ढुलू महतो और उसकी सोच ने तबाह कर दिया, पर ऐसा वे लोग करते हैं, जिनके अंदर शुचिता व शुद्धता होती हैं, वे लोग नहीं करते जो कभी झाविमो, कभी भाजपा, कभी कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे तो कभी अकेले लड़ेंगे। कभी बोलेंगे कि बीजेपी में कभी नहीं जायेंगे और लालच की रोटी पर नजर क्या पड़ी, अपनी पिछला बोल बच्चन भी भूल गये। क्या ऐसे नेता झारखण्ड बनायेंगे, क्या ऐसे लोग सत्ता में आयेंगे तो जनता का भला होगा या ऐसे नेता अपराधियों के आगे जनता को परोस देंगे। भगवान बचाएं झारखण्ड को, ऐसे भाजपा नेताओं से।