सावधान, सिर्फ धनबाद जिला प्रशासन को ही आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का अधिकार है

जो धनबाद जिला प्रशासन खुद बेईमानी व भ्रष्टाचार में लिप्त है, वही सुदृढ़ प्रजातंत्र हेतु वृहत्तर सहभागिता, आपका वोट “बेईमानी और भ्रष्टाचार पर सबसे तगड़ी चोट” का नारा भी दे रहा है। अगर इसका उदाहरण देखना है तो अगर आप धनबाद में हैं तो सिटी सेन्टर के पास स्थित कम्बाइंड बिल्डिंग में प्रवेश कर बाये साइड में नजर दौड़ाइये। यहां आपको दो होर्डिंग मिलेंगे, जिस एक होर्डिंग में धनबाद के ही आइपीएल खेल रहे क्रिकेटर नदीम आपको संदेश दे रहे मिलेंगे, जिस पर लिखा है कि लोकसभा 2019 देश का महात्यौहार और लिखी हुई वह बातें भी, जो हमने उपर में उद्धृत किये हैं।

और ठीक इसी के बगल में धनबाद जिला प्रशासन का चरित्र उजागर करता हुआ झारखण्ड सरकार का ग्रामीण विकास विभाग का बोर्ड भी मिलेगा, जिसमें नरेन्द्र मोदी और रघुवर दास का मुस्कुराता फोटो दिखेगा और बोर्ड में वो बाते लिखी हुई मिलेंगी, जो बताता है कि यह बोर्ड आदर्श आचार संहिता का सीधा-सीधा उल्लंघन है। हम आपको बता दे कि पूरे देश में आदर्श आचार संहिता 10 मार्च से ही लागू है, जब पूरे देश में एक साथ लोकसभा चुनाव के तिथियों की घोषणा हो गई, पर धनबाद जिला प्रशासन के लिए आदर्श आचार संहिता कोई मायने नहीं रखता।

इनके यहां आदर्श आचार संहिता केवल सामान्य नागरिकों पर लागू होता है, अगर कोई सामान्य व्यक्ति अज्ञानतावश जिसे आचार संहिता के बारे में जानकारी तक नहीं, अगर कुछ गलत-सही कर देता है, तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने में और उसकी रिकार्डिंग कराने में जिला प्रशासन तनिक देर नहीं करता, पर अपनी गलतियों के लिए न तो वह प्राथमिकी दर्ज करता है, न कोई एक्शन लेता है, उलटे गर्दन उंचा कर कहता है कि हमें कौन और क्या बिगाड़ लेगा? जहां इस प्रकार की सोच हो, वहां लोकतंत्र कैसे मजबूत हो सकता है। उदाहरण के लिए, धनबाद के कतरासगढ़ के डा. विश्वनाथ चौधरी के उपर की गई इस प्राथमिकी को आप ध्यान से देखें।

दरअसल डा. विश्वनाथ चौधरी के क्लिनिक पर एक काफी पुराना स्टीकर लगा था, उस स्टीकर पर पीएम मोदी का फोटो था, जो आयुष्मान योजना से संबंधित था, जिसकी शिकायत किसी ने कर दी थी, और केवल स्टीकर के लिए डा. विश्वनाथ चौधरी पर आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का प्राथमिकी दर्ज कर दिया गया और जो जिला प्रशासन खुद पीएम मोदी और सीएम रघुवर दास का होर्डिग लगाकर अपने कार्यालय में कलेजे से साटे हुए हैं, उस पर प्राथमिकी दर्ज करने में जिला प्रशासन को पता नहीं क्यों और कैसी दिक्कत आ रही हैं, ये तो वही बात हो गई, कि आम जनता को मामूली सी घटना पर उलटा लटका दो और जिला प्रशासन कोई गुनाह करें तो कोई गुनाह ही नहीं।

धनबाद की यह घटना साफ बताती है कि धनबाद जिला प्रशासन भाजपा के पक्ष में किस प्रकार सीना तानकर खड़ा है, विद्रोही24. कॉम हाल ही में एक और समाचार कुछ दिनों पहले प्रकाशित किया था, जब धनबाद के अम्बेडकर चौक के ठीक सामने डीआरएम आवास के चहारदिवारी पर श्रम विभाग का एक बोर्ड लगा था, जो साफ बता रहा था कि यहां आचार संहिता का किस प्रकार उल्लंघन हो रहा है।

सूत्रों का कहना है कि आज भी कई स्थानों पर राज्य सरकार के कई होर्डिंग आपको आदर्श आचार संहिता की धज्जियां उड़ाते मिल जायेंगे, पर धनबाद जिला प्रशासन को इससे क्या मतलब? उन्हें तो लगता है कि कम से कम इन हरकतों से राज्य के मुख्यमंत्री और भाजपा कार्यकर्ता तो प्रसन्न हो रहे हैं, चुनाव संपन्न होने के बाद इनके द्वारा आशीर्वाद स्वरुप कुछ न कुछ तो अवश्य प्राप्त हो जायेगा, इसलिए भाजपा की खिदमत में, थोड़ा बहुत आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन ही हो गया तो क्या हो गया? हां सामान्य नागरिक अगर कुछ करें तो उसे उलटा जरुर लटका दो।