अपनी बात

नहीं मिला भाव बाबूलाल मरांडी को धनबाद में, भाजपा के बड़े नेताओं समेत मंडल अध्यक्षों ने उनके कार्यक्रम से बनाई दूरी, सोशल साइट पर उनके कार्यकर्ताओं ने ही उड़ाए मजाक

आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्मदिवस था। पार्टी आज के दिन को विशेष तौर पर मना रही थी। भाजपा के कई बड़े प्रदेश के नेता झारखण्ड के प्रमुख शहरों के दौरे पर थे। उन्हीं में से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी आज धनबाद में थे। उन्हें भी अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस कार्यक्रम में शामिल होना था। वे शामिल हुए भी।

लेकिन जो स्थितियां थी वो उनके बिल्कुल विपरीत थी। भूली में जहां अटल बिहारी वाजपेयी की आदमकद प्रतिमा थी। वहीं कार्यक्रम होना था। परन्तु वहां उपस्थिति बहुत ही कम थी। अगर कुल गिनती की जाये तो 250 से भी कम लोग उपस्थित थे। वहां उपस्थित लोगों ने बताया कि धनबाद के सांसद पीएन सिंह वहां मौजूद तो थे, पर वे बहुत ही जल्दी निकल लिये, जल्दबाजी में उन्हें ही भाषण करने को पहले कहा गया, वे भाषण दिये निकल गये।

यहीं नहीं पास में ही बाघमारा है। जहां के भाजपा विधायक ढुलू महतो है। जिसे पहली बार विधानसभा में पहुंचाने का काम बाबूलाल मरांडी ने ही किया था। वे भी उनके कार्यक्रम में उपस्थित होना जरुरी नहीं समझे। रघुवर दास के नाक के बाल कहे जानेवाले धनबाद के निवर्तमान मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल भी अनुपस्थित रहे। इनके बारे में तो कहा जा सकता है कि ये रघुवर गुट के नेता है तो रघुवर गुट के लोग तो आज भी बाबूलाल मरांडी को पचा नहीं पा रहे हैं। भाजपा नेतृ रागिनी सिंह भी सभास्थल पर नहीं थी।

कमाल तो तब हो गया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जिस धनबाद में मौजूद है। उस धनबाद के प्रमुख झरिया इलाके में भाजपा के पांच मंडल अध्यक्ष हैं और पांचों यहां नदारद दिखे। यहीं नहीं बाघमारा में भी पांच मंडल अध्यक्ष जिसमें सिर्फ एक ही दिखा, बाकी चारों नदारद। जबकि यहीं पार्टी बूथस्तर पर खुद को मजबूत करने की बात कहती है। जब प्रदेश अध्यक्ष के कार्यक्रम में मंडल अध्यक्ष ही गायब रहे तो बूथ की क्या हालत होगी, समझा जा सकता है।

कमाल यह भी वहां देखा गया कि 1972 के कालखंड के भाजपा नेता हरि प्रकाश लाटा और 1980 के कालखंड के नेता राज कुमार अग्रवाल, जिन्होंने कई बार अटल बिहारी वाजपेयी की सभा में उनके साथ बैठकर सभा को बेहतर बनाने में मुख्य भूमिका निभाई। वहां इन दोनों नेताओं को बोलने का अवसर तक नहीं दिया गया। जिसको लेकर लोग नाराज दिखे। यही नहीं कई भाजपा कार्यकर्ता तो सोशल साइट पर बाबूलाल मरांडी के खिलाफ लिखकर अपनी नाराजगी व्यक्त कर दी। जो यहां चर्चा का विषय बना हुआ है।