कौन कहता है कि सदियों से महिलाओं को पुरुष से पीछे रखा गया है? सच्चाई तो यह है कि महिलाएं नेतृत्वकर्ता हुई हैं
कौन कहता है कि सदियों से महिलाओं को पुरुष से पीछे रखा गया है? मेरे विचार से यह सवाल खड़ा करना ही गलत है, चाहे वह सवाल किसी ने भी उठाये हो। भारतीय वांग्मय या साहित्य में तो ऐसे कई उद्धरण है कि जिसे देखते ही पता चल जाता है कि महिलाओं को कभी भी पुरुषों के पीछे नहीं रखा गया, हमेशा उन्हें समानान्तर स्थान दी गई। इतिहास पलटिये तो पता चलता है कि हमारे देश की महिलाओं ने कदम से कदम मिलाकर पुरुषों को महान बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी,
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