LS चुनाव को लेकर अमित शाह ने बनाई कमेटी, अर्जुन मुंडा को मिली जगह, रघुवर को नहीं मिला स्थान

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने आसन्न लोकसभा चुनाव को देखते हुए तैयारियां शुरु कर दी है। अमित शाह ने भाजपा को सफलता दिलाने के लिए फिलहाल कई कमेटियां बनाई हैं, जिनमें एक भाजपा के लिए संकल्प पत्र तैयार करेगी, दूसरी प्रचार-प्रसार, जबकि तीसरी कमेटी सामाजिक-स्वयंसेवी संगठन संपर्क का काम देखेंगी।

अमित शाह द्वारा बनाये गये सामाजिक-स्वयंसेवी संगठन संपर्क में चौदह लोगों को स्थान दिया गया है, जिनमें नितिन गडकरी, कैलाश विजयवर्गीय, सदानंद गौड़ा, कलराज मिश्र, शिव प्रसाद शुक्ला, विजय सापंला, एस एस अहलूवालिया, बंडारु दत्तात्रेय, सरदार आरपी सिंह, मांगेराम गर्ग, एल गणेशन, लक्ष्मीकांत वाजपेयी, भूपेन्द्र सिंह चूड़ासभा एवं मदन कौशिक के नाम प्रमुख है, इसमें झारखण्ड का एक भी व्यक्ति शामिल नहीं है।

भाजपा के प्रचार प्रसार में आठ लोग शामिल है, जिनमें अरुण जेटली, पीयूष गोयल, राज्यवर्द्धन राठौर, अनिल जैन, महेश शर्मा, सतीष उपाध्याय, राजीव चन्द्रशेखर, ऋतुराज सिन्हा के नाम शामिल है। इस ग्रुप में भी झारखण्ड के किसी भी नेता को स्थान नहीं दिया गया है।

दूसरी ओर संकल्प-पत्र को तैयार करने के लिए राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में 20 लोगों की कमेटी बनाई गई है, जिनमें झारखण्ड से अर्जुन मुंडा को शामिल किया गया है। अर्जुन मुंडा के अलावा जिन भाजपा नेता के नाम इसमें शामिल हैं, वे हैं – अरुण जेटली, निर्मला सीतारमण, थावरचंद गहलोत, रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, मुख्तार अब्बास नकवी, के जी अल्फोंस, शिवराज सिंह चौहान, किरण रिजिजू, सुशील मोदी, केशव प्रसाद मौर्य, राम माधव, भूपेन्द्र यादव, नारायण राणे, मीनाक्षी लेखी, संजय पासवान, हरि बाबू     और राजेन्द्र मोहन सिंह चीमा।

अमित शाह द्वारा बनाई गई इन प्रमुख कमेटियों में झारखण्ड के मुख्यमंत्री रघुवर दास का नाम नहीं होना तथा अर्जुन मुंडा को छोड़कर प्रदेश के अन्य धाकड़ नेताओं को भी स्थान नहीं दिया जाना, झारखण्ड में चर्चा का विषय बन गया है, लोग अभी से ही तरह-तरह के कयास लगाने शुरु कर दिये हैं।

सूत्र बताते है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह नहीं चाहते कि रघुवर दास की अलोकप्रियता का असर उनके कमेटियों या राज्य के अन्य भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं पर पड़े। अर्जुन मुंडा के संकल्प पत्र वाली कमेटी में स्थान मिलने पर, लोग इस बात को स्वीकार करने लगे है कि भले ही पीएम मोदी या राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सीएम रघुवर दास के साथ मंच पर विभिन्न कार्यक्रमों को लेकर मंच शेयर करें, पर उन्हें भी पता हैं कि भाजपा के लिए वर्तमान में झारखण्ड में तारणहार अर्जुन मुंडा ही दीख रहे हैं।

ऐसे भी झारखण्ड में, भाजपा में फिलहाल कार्यकर्ताओं तथा जनता के बीच अगर कोई नेता टिक पाने की स्थिति में हैं तो वह अर्जुन मुंडा ही हैं, पर सीएम रघुवर दास की अलोकप्रियता ने भाजपा की झारखण्ड में वह भद्द पीट कर रख दी है, कि अर्जुन मुंडा को भी भाजपा को यहां मजबूत स्थिति में लाने में पसीने छूट जायेंगे।

फिलहाल इन्हें संकल्प पत्र का सदस्य बनाया गया हैं, और चूकि वे आदिवासी समुदाय से आते हैं तो ज्यादातर झारखण्ड के आदिवासियों तथा अन्य समुदाय के लोगों की यही चाहत होगी कि वे अपने संकल्प पत्र में आदिवासियों के लिए कौन सी महत्वपूर्ण बातों को ये समायोजित करने-कराने की कोशिश करेंगे, क्योंकि भाजपा जैसी राष्ट्रीय पार्टी के लिए, संकल्प पत्र तैयार करनेवाली कमेटी में अर्जुन मुंडा को रखा गया है, तो कुछ न कुछ बातें तो अवश्य होगी।