राजनीति

16 निर्दोष मुसलमानों पर हुए झूठे मुकदमे पर AIPF गरम, अधिकारियों पर सरकार के इशारे पर काम करने का लगाया आरोप

ऑल इंडिया पीपुल्स फोरम ने अपने राष्ट्रीय अभियान समिति सदस्य तथा फोरम की झारखण्ड राज्य संचालन टीम के सदस्य एवं वरिष्ठ झारखण्ड आंदोलनकारी बशीर अहमद समेत कई मुस्लिम सामाजिक कार्यकर्ताओं पर तथाकथित सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने व आचार संहिता उल्लंघन के नाम पर स्थानीय पुलिस द्वारा झूठे मुकदमे किये जाने की कड़ी आलोचना की है। साथ ही मांग की है कि तमाम लोगों पर से अविलम्ब फर्जी मुकदमे हटाई जाये।

फोरम ने अपने बयान में कहा है कि वर्तमान सरकार सुनियोजित ढंग से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कराने की साजिश के तहत प्रतिष्ठित मुस्लिम सामाजिक कार्यकर्ताओं और सामाजिक सौहार्द, एकता व अमन के लिए काम करनेवालों को ही निशाना बनाकर चुनाव पूर्व मनोवैज्ञानिक भय का वातावरण बनाना चाहती है, जबकि स्थानीय प्रशासन के लोग अच्छी तरह से जानते है कि ये वहीं लोग है, जिनकी मदद से राजधानी में अमन और सौहार्द के लिए जनता को जागरुक बनाने का काम होता रहा है, फिर भी इन्हीं लोगों पर फर्जी मुकदमा थोपकर आरोप लगाया जा रहा है।

पुलिस ने जिस कार्यक्रम को लेकर केस का आधार बनाया है, वह मुस्लिम समाज की चुनावी भागीदारी के सवाल पर आपसी विमर्श का एक निजी विमर्श कार्यक्रम था, जो किसी सार्वजनिक स्थल और किसी संगठन अथवा पार्टी विशेष का राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था। फोरम की ओर से नागरिक समाज का प्रतिनिधिमंडल प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ चुनाव आयोग से मिलकर प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ताओं को सरकार के इशारे पर स्थानीय पुलिस द्वारा प्रताड़ित व मानहानि किये जाने पर उचित कार्रवाई करने की मांग करेगा तथा उचित कानूनी कार्रवाई भी करेगा।