अपनी बात

अधिवक्ता अवनीश रंजन मिश्र ने प्रभात खबर को भेजी लीगल नोटिस, ब्राह्मणों को अपमानित करने का लगाया आरोप

झारखण्ड उच्च न्यायालय के सुप्रसिद्ध अधिवक्ता अवनीश रंजन मिश्र ने रांची से प्रकाशित अखबार “प्रभात खबर” के प्रबंधक कमल कुमार गोयनका, प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी तथा हजारीबाग प्रभात खबर कार्यालय में कार्यरत संवाददाता मो. सलाउद्दीन को कानूनी नोटिस भेजी है।

अवनीश रंजन मिश्र ने संप्रेषित कानूनी नोटिस में इस बात का जिक्र किया है कि प्रभात खबर के हजारीबाग संस्करण में दिनांक 25 मई को प्रकाशित खबर “दलित के हाथों बना खाना खाने से किया इनकार” और तदुपरांत दिनांक 26 मई को प्रकाशित खबर “सबने एक साथ खाया दीदी किचन का बना खाना” समाचार से ब्राह्मण समुदाय का अपमान हुआ है।

अपने कानूनी नोटिस के माध्यम से अधिवक्ता अवनीश रंजन मिश्र ने कहा है कि प्रभात खबर के 25 मई के अंक में प्रकाशित खबर “दलित के हाथों से बना खाना खाने से किया इनकार” के अनुसार चार ब्राह्मणों ने दलित के हाथों बना खाना खाने से इनकार किया और दलित समाज का अपमान करते हुए छुआछूत सबंधित अपराध किया।

जब यह मामला हजारीबाग के उपायुक्त के पास गया, तब उन्होंने जांचोपरांत इसे गलत पाया और अपने ऑफिसियल ट्वीटर हैंडल से शाम को ट्वीट कर खबर का खंडन किया। इस दरम्यान प्रभात खबर के झूठे खबर के आधार पर सोशल साइट्स पर इन मिथ्या खबर को बार-बार पोस्ट कर ब्राह्मणों को अश्लील और भद्दी-भद्दी गालियां दी जाने लगी।

अवनीश रंजन मिश्र  द्वारा संप्रेषित कानूनी नोटिस में इस बात का जिक्र है कि उपायुक्त के द्वारा जांचोपरांत मामला असत्य पाये जाने के बावजूद स्थानीय संपादक संजय मिश्र को दिनांक 25 मई को ही उन्होंने इस झूठे खबर के कारण ब्राह्मणों की जो मानहानि हुई, उस मानहानि के विरुद्ध खबर का खंडन छापने का अनुरोध किया था।

लेकिन खबर का खंडन छापने के बजाय, आश्चर्यजनक रुप से दिनांक 26 मई को एक नई खबर प्रकाशित कर दी गई। खबर थी – “सबने एक साथ खाया दीदी किचन का बना खाना”। यह खबर अपने आप में विरोधाभासी था। जो बताता है कि प्रभात खबर और प्रभात खबर की टीम ने इरादतन खबर छापकर ब्राह्मणों का मान-मर्दन करने का कुत्सित प्रयास किया।

सामाजिक रुप रेखा बिगाड़ने की कोशिश की गई, विधि-व्य़वस्था खराब करने का असफल प्रयास किया गया और प्रशासनिक जांच में गलत पाये जाने पर लीपा-पोती कर अपना गिरेबां बचाने का प्रयास किया गया। अवनीश रंजन मिश्र ने इस बात का जिक्र भी किया है कि प्रभात खबर का यह इतिहास रहा है और माननीय उच्च न्यायालय झारखण्ड में पूर्व में भी प्रभात खबर के खिलाफ 4918/2001 मुकदमा चला है, जो तकनीकी आधार पर समाप्त हुआ, न कि मेधा आधार पर।

अवनीश रंजन मिश्र ने प्रभात खबर पर गंभीर आरोप लगाते हुए नोटिस में लिखा है कि आपके तथ्यों से प्रथम दृष्ट्या यह स्थापित होता है कि आपके समाचार पत्र द्वारा एक सोची समझी साजिश के तहत इरादतन एक मिथ्या, कुटरचित खबर का प्रकाशन कर ब्राह्मण समाज की भावना आहत की गई और उनका सामाजिक अपमान करवाया गया।

अवनीश रंजन मिश्र ने प्रभात खबर को अपने लीगल नोटिस में 27 मई को उक्त खबर का खंडन छापने का अनुरोध किया था, साथ ही ब्राह्मण समाज से इस कुकृत्य के लिए माफी मांगने को कहा, पर अखबार ने ऐसा नहीं किया। ऐसे में मामला न्यायालय में एक दो दिनों में चला जायेगा। इधर पूरा ब्राह्मण समाज प्रभात खबर के खिलाफ अंदर ही अंदर गुस्सा हैं और उसे माफ करने की स्थिति में नहीं हैं।