अपराध

धन्य है वो बहू जो अपने ही सास-ससुर के घर से, सास-ससुर को ही निकाल देती है, पति को प्रताड़ित करती तथा अपने तीन देवरों को फंसाने का तरीका भी जानती है और धन्य है दुमका का डीसी जो पीड़ित को न्याय भी नहीं दिला पाता

ऊपर जो आप फोटो देख रहे हैं। ये फोटो है यमुना कांत मिश्र और उनकी पत्नी रेखा मिश्रा का। यमुना कांत मिश्र झारखण्ड सरकार के गव्य विकास विभाग में उप निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। यमुना कांत मिश्र रांची एक्सप्रेस के वरिष्ठ पत्रकार रहे प्रमोद झा के रिश्तेदार भी है। इन दोंनों को उनकी बहू ने उनके अपने ही घर से निकाल दिया और ये दर-दर भटक रहे हैं।

पुलिस के पास जा रहे हैं कि पुलिस उनकी मदद करें। पुलिस मदद नहीं कर रही। ये अंत में दुमका के उपायुक्त के पास गये। दुमका के उपायुक्त ने वहां के एसपी को पत्र लिखा कि मामले को देखें और उन्हें न्याय दिलाएं। लेकिन अभी तक यमुनाकांत मिश्र को न्याय नहीं मिला है। ये आज भी अपना घर रहते हुए दर-दर भटकने को मजबूर हैं।

यमुनाकांत मिश्र दुमका नगर थाना के हरणाकुंडी रोड के रहनेवाले हैं। वे स्वयं कैंसर पीड़ित हैं। अपने कैंसर का इलाज कराने के लिए ये अपनी पत्नी रेखा मिश्रा के साथ तमिलनाडू के एक अस्पताल में गये थे। जब आठ अप्रैल को इलाजोपरांत घर लौटे। तब उन्होंने अपने घर का दरवाजा खटखटाया। लेकिन उनकी बड़ी बहू ने दरवाजा नहीं खोला। उलटे बदसलूकी करने के बाद अंदर से ताला तक लगा दिया।

इस संबंध में एक अखबार लिखता है कि उस वक्त उनकी बड़ी बहू अंदर से कही कि कहकर गये थे कि 15 दिन में आ जायेंगे और 13 महीने के बाद लौट रहे हैं। इसलिए दरवाजा नहीं खुलेगा। मोहल्ले के लोगों ने भी समझाने की कोशिश की, यमुनाकांत के इलाज की बात कही, कैंसर से पीड़ित होने की बात कही, लेकिन यमुनाकांत के बड़ी बहू के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। ऐसे में निराश होकर दोनों पति-पत्नी पैतृक घर बांका चले गये। 20 अप्रैल को जब फिर दोनों घर आये तो उसके बाद भी उनकी बहू ने घर में पैर रखने नहीं दिया।

लोग बताते हैं कि बड़ी बहू के इसी गंदी हरकत के कारण यमुनाकांत मिश्रा का बड़ा बेटा तनाव का शिकार हो गया। जिसका इलाज अभी भी गुड़गांव में चल रहा है। बचे हुए इनके तीनों बेटे इसलिए घर में कदम नहीं रखते कि उसने धमकी दी है कि घर में कदम रखा तो वो उन्हें रेप केस में फंसा देगी।

यमुनाकांत मिश्र का कहना है कि उनकी बड़ी बहू उनके घर के अलावा पुश्तैनी जमीन को भी हड़पना चाहती है। घर बरबाद करने पर तुली है। ऐसे में उनसे जहां तक हो रहा है, गुहार लगा रहे हैं। देखते हैं कि उन्हें कब तक न्याय मिलता है। लोग बताते हैं कि एक बार कुछ दिन पहले नगर थाना के सहायक अवर निरीक्षक अशोक मिश्रा यमुनाकांत मिश्र और उनकी पत्नी को लेकर घर पर पहुंचे थे। उसके बावजूद भी यमुनाकांत मिश्र की बड़ी बहू ने दरवाजा नहीं खोला। पुलिस की मानें तो महिला ने दरवाजा नहीं खोला और उसके साथ जबरदस्ती नहीं की जा सकती। अब देखते हैं कि भुक्तभोगी को कैसे न्याय दिलाया जा सकता है।

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