सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी की आड़ में अडानी व अंबानी को खुश करने के लिए मोदी सरकार अब राज्यों का भी सौदा करने लगीः सुप्रियो
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज रांची झामुमो कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि लद्दाख में सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद्, बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी व लद्दाख की पहचान सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी अन्यायपूर्ण कार्रवाई हैं, जिसके कारण पूरे देश में आक्रोश हैं। झारखण्ड में भी आक्रोश है। राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और उनकी पूरी पार्टी आक्रोशित है। सोनम वांगचुक की बिना शर्त रिहाई होनी चाहिए।
झामुमो नेता ने कहा कि दरअसल भाजपा की केन्द्र सरकार ने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी इसलिए करवाई है कि बिना सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के जो उनके मन में चल रहा हैं। वो पूरी नहीं हो सकती। सुप्रियो ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने पिछले मानसून सत्र के दौरान अपने भाषण में पहले ही आशंका व्यक्त कर दी थी कि जो लद्दाख में चल रहा है, उसकी परिणति क्या होगी और जिस प्रकार से सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी हुई। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की आशंका सच साबित हुई।
सुप्रियो ने कहा कि केन्द्र सरकार देश में जनतांत्रिक आंदोलन और नये-नये आविष्कारों को रोकना चाहती है, साथ ही अपने पूंजीपति मित्रों अडानी और अंबानी को इसका लाभ दिलाना चाहती है। उन्होंने कहा कि विगत पांच वर्षों से सोनम वांगचुक शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन चला रहे थे। कई बार अनशन किया। लद्दाख से दिल्ली तक यात्रा की। उनका डिमांड सिर्फ यह था कि लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल कर उसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाये।
सुप्रियो ने यह भी कहा कि खुद भाजपा ने भी 2020 में जब लद्दाख में टेरिटोरियल कौंसिल का चुनाव हो रहा था तो उसने अपने घोषणा पत्र में इस बात का जिक्र किया था कि वो लद्दाख, लेह व कारगिल को छठी अनुसूची के तहत पूर्ण राज्य का दर्जा देंगी। लेकिन जैसे ही इनके मित्रों अडानी व अंबानी को लद्दाख में छूपे बहुमूल्य खनिजों का पता चला, वे अपने किये गये वायदों से मुकर गये, क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि उनके मित्रों को यहां छुपी खनिजों को प्राप्त करने में दिक्कत हो।
सुप्रियो ने कहा कि ये वही सोनम वांगचुक हैं, जिन्होंने भारतीय सेना के लिए एक ऐसे टेंट का आविष्कार किया। जिसके टेंट पर ऐसा सोलर पैनल था, जो इस भीषण सर्द इलाकों में भी जहां टेम्परेचर -40 तक चला जाता है। वहां -39 तक अंदर गर्म रखता। जिसकी स्वीकृति भारतीय सेना व भारत सरकार ने दी। जिसकी प्रशंसा डीआरडीओ ने भी की और उसे अपनाया भी। इसी सोलर रुफ पर अडानी की नजर पड़ी और मामला उलट गया। यही नहीं कारगिल में लीथियम का विशाल भंडार मिला, तब इलेक्ट्रिकल व्हीकल में उपयोग होनेवाली इस खनिज को पाने के लिए अडानी-अंबानी ने दिमाग लगा दी और सरकार इनकी सारी मांगों को पूरी करने के लिए सोनम वांगचुक के उचित मांगों पर पानी फेर दिया।
सुप्रियो ने कहा मोदी सरकार ने कारपोरेट लूट के लिए अब राज्यों का सौदा करने लगे। पहले पीएसयू, रेलवे, एयरपोर्ट और सीपोर्ट का सौदा किया, अब राज्यों का भी सौदा करने लगे। कारपोरेट के साथ मिलकर ये आंदोलनकारियों व पर्यावरणविद की आवाज तक दबाने लगे। मतलब साफ है कि जहां खनिज संपदा होंगे। वहां-वहां भाजपा के पूंजीपतियों की नजर होंगी।
सुप्रियो कहा कि आज पूरा देश दुर्गा-पूजा व नवरात्र की धूम में मगन है और इस उत्साह के माहौल में सोनम वांगचुक को गिरफ्तार कर लिया गया। उन पर देशद्रोह के मुकदमे ठोक दिये गये। आरोप लगाया गया कि वे देश की संप्रभुता के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। जबकि सोनम वांगचुक ने तो खाद्य स्वायत्तता की बात की थी। जिस खाद्य स्वायत्तता की बात महात्मा गांधी और हमारे दिशोम गुरु शिबू सोरन करते थे। लोगों को यह कहकर कि वे खेती करें, पशुपालन करें, फलदार वृक्ष लगाएं, क्योंकि अंत में यही काम देगा। आज यही मुद्दा सोनम वांगचुक ने उठाया, तो जेल में डाल दिया गया।
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