UN Women की ‘She Leads 3’ वुमेन लीडरशिप कार्यशाला का दिल्ली में हुआ समापन, अन्नी अमृता ने किया जमशेदपुर का प्रतिनिधित्व
आनेवाला समय आधी आबादी यानि महिलाओं का है और अपनी राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिलाओं को अपनी मेहनत जारी रखनी होगी। उनके जज्बे को यूएन (यूनाइटेड नेशन–संयुक्त राष्ट्र संघ) वुमेन का नैतिक समर्थन और मार्गदर्शन मिलता रहेगा. इसी उद्घोष के साथ UN women She Leads 3 महिला लीडरशिप कार्यशाला का नई दिल्ली में समापन हो गया।
4 और 5 दिसंबर को नई दिल्ली के ‘द होटल ललित’ में संपन्न हुए इस ‘लीडरशिप कार्यशाला’ में देश भर से करीब 30 महिला सामाजिक कार्यकर्ताओं और महिला नेत्रियों ने भाग लिया, जो अपने-अपने क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य कर रही हैं। इनमें बड़ी संख्या में सरपंच के पद पर आसीन महिलाएं भी शामिल रहीं।
कार्यशाला में चुनावी रणनीतिकार सह विश्लेषक अलिंपग बनर्जी और हमराज सिंह शामिल हुए, जिन्होंने महिला प्रतिभागियों को चुनावी रणनीति को लेकर प्रशिक्षण दिया। डोर टू डोर कैंपेन के साथ ही जनता से जुड़ने के आधुनिक तरीकों, चुनावी प्रपंचों से लेकर मुद्दों को समझने और जनता तक पहुंचने के विभिन्न तरीकों के बारे में बताया।
कार्यशाला में सांसद महुआ मोइत्रा, सांसद रेणुका चौधरी और सांसद भरत बतौर अतिथि शामिल हुए, जिन्होंने अपने अपने राजनीतिक सफर के बारे में प्रतिभागियों को बताया। रेणुका चौधरी ने अपने चालीस सालों के अनुभव साझा करते हुए बताया कि कैसे एक महिला का राजनीति में उतरना आज भी कठिन है, लेकिन लोगों के सोच की परवाह न करते हुए अपनी राह बनानी है और देश को आगे बढ़ाने में अपना योगदान देना है।
सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा कि महिलाओं को राजनीति में उतरने पर एक खास तरह के परिधानों को धारण करने को कहा जाता है, जिस पर ध्यान देने की जगह अपनी अंदरुनी प्रतिभा और इरादे पर फोकस करना चाहिए। इससे जनता जुड़ती है न कि पोशाक से।
विशाखापत्तनम के सांसद भरत ने खुलकर कहा कि उनका राजनीति में आने का उद्देश्य समाज सेवा ही है। भले ही, उनको राजनीतिक विरासत मिली, पर वे अपने ‘विजन’ पर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अक्सर लोग राजनीति में दांव-पेंच की ही बातें करते हैं, मगर देश को आगे बढ़ाना है, तो सच्चे लोगों के हाथ बागडोर आनी होगी।
महिला प्रतिभागियों की यात्रा
इस कार्यशाला में तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, झारखंड, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश समेत विभिन्न राज्यों से आईं महिला प्रतिनिधियों ने अपनी अपनी-अपनी यात्रा साझा करते हुए बताया कि तमाम विपरीत हालातों के बावजूद वे अपना कार्य जारी रखे हैं। जिन प्रतिभागियों ने चुनाव लड़ा, उन्हें अपने अनुभव खास तौर पर साझा करने का मौका मिला।
वरिष्ठ पत्रकार सह सामाजिक कार्यकर्ता अन्नी अमृता ने अपने 22 वर्ष के पत्रकारिता और जमशेदपुर पश्चिम से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ने के अपने अनुभव साझा किए। कार्यशाला में पूछा गया कि किस-किस मोड़ पर कठिनाइयां आईं और फिर प्रतिभागियों को इस संबंध में प्रशिक्षण दिए गए। अन्नी अमृता ने जमशेदपुर पश्चिम विधानसभा के मुद्दों, वहां के सामाजिक और आर्थिक समीकरणों की जानकारी दी। इस विधानसभा के उदाहरण के साथ राजनीतिक विश्लेषकों ने प्रतिभागियों को चुनावी रणनीति के विषय में विस्तार से समझाया।
इन महिला प्रतिभागियों ने भाग लिया
इस कार्यशाला में हाँकी वाली सरपंच के नाम से मशहूर राजस्थान से आईं सरपंच नीर यादव, सरपंच नवजोत संधू, असम से सरपंच एलोरा डेका, असम से सामाजिक कार्यकर्ता पद्मिनी ब्रह्मा, झारखंड के जमशेदपुर से अन्नी अमृता, झारखंड के चाईबासा से भालेन चंपा, पुडुचेरी से गायत्री, कर्नाटका से काव्यरम्मा, यूपी के गोरखपुर से सोनिका समेत देश भर से लगभग 30 प्रतिभागियों ने भाग लिया.
आयोजन में इनकी भूमिका रही महत्वपूर्ण
UN Women की She Leads 3 की आयोजन समिति की काव्या, शुभ्रा और निधि पुनेधा समेत विभिन्न महिलाओं का इस आयोजन में मुख्य और महत्वपूर्ण योगदान रहा।
