राजनीति

देश की प्रशासनिक व्यवस्था को अधिक सक्षम, समन्वित और परिणामोन्मुख बनाने का संकल्प के साथ त्रिदिवसीय 5वां राष्ट्रीय मुख्य सचिव सम्मेलन संपन्न

नई दिल्ली में (26 से 28 दिसंबर) तक आयोजित तीन दिवसीय मुख्य सचिवों के 5वें राष्ट्रीय सम्मेलन का रविवार को सफलतापूर्वक समापन हुआ। सम्मेलन का आयोजन “विकसित भारत के लिए मानव पूंजी” की थीम पर किया गया, जिसका उद्देश्य भारत की जनसंख्या को कुशल, उत्पादक और भविष्य के लिए तैयार कार्यबल के रूप में विकसित करना रहा।

सम्मेलन की प्रमुख उपलब्धि ‘टीम इंडिया’ की भावना के तहत केंद्र और राज्यों के बीच खुले संवाद और संरचित सहयोग को सशक्त बनाना रहा। ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए केंद्र–राज्य साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता दोहराई गई। मानव पूंजी विकास पर केंद्रित इस सम्मेलन में प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा, स्कूली शिक्षा, कौशल विकास, उच्च शिक्षा, खेल एवं पाठ्येतर गतिविधियों पर विचार-विमर्श हुआ।

‘विकसित भारत’ की थीम के तहत जनसंख्या को जनसांख्यिकीय लाभांश के बजाय सशक्त मानव पूंजी के रूप में विकसित करने पर ज़ोर दिया गया। चर्चाओं का फोकस कौशल, उत्पादकता, नवाचार और रोज़गार क्षमता बढ़ाने वाले तंत्रों पर रहा, ताकि समावेशी, सतत और भविष्य-उन्मुख जन-केंद्रित विकास को बढ़ावा मिल सके।

सम्मेलन के दौरान शासन सुधार, प्रशासनिक दक्षता और नीतियों के प्रभावी क्रियान्वयन से जुड़े विषयों पर भी गहन मंथन किया गया> झारखंड सरकार की ओर से मुख्य सचिव अविनाश  कुमार,अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव कृपानंद झा, योजना एवं विकास विभाग के सचिव मुकेश कुमार तथा विशेष सचिव राजीव रंजन सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने सहभागिता की। सम्मेलन में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों, वरिष्ठ केंद्रीय अधिकारियों और विशेषज्ञों ने भाग लिया। यह सम्मेलन देश की प्रशासनिक  व्यवस्था को अधिक सक्षम, समन्वित और परिणामोन्मुख बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।

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