अपनी बात

स्पीकर तैयार थे उत्कृष्ट पत्रकार का पुरस्कार देने को, लेकिन लाइफ टाइम अचीवमेंट का अवार्ड देनेवाला रांची प्रेस क्लब के अधिकारियों का समूह एक उत्कृष्ट पत्रकार का चयन नहीं कर पाया

वे लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड किसे देना हैं, इसका चयन कर लेते हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक में किसे बेस्ट रिपोर्टिंग का अवॉर्ड देना हैं, इसका भी चयन कर लेते हैं। बेस्ट फोटोग्राफी (प्रिंट) और बेस्ट फोटोग्राफी (इलेक्ट्रॉनिक) के लिए किसे अवॉर्ड देना हैं, इसका भी चयन कर लेते हैं। इन अवॉर्ड प्राप्त करनेवालों को एक खास होटल में बुला भी लेते हैं। यहीं नहीं, जिनके हाथों उन्हें पुरस्कृत करना है। उन पुरस्कृत करनेवालों को भी आमंत्रित कर डालते हैं।

जिनसे तालियां बजवानी हैं। उसकी भी सूची तैयार कर, उन्हें भी आमंत्रित कर डालते हैं। लेकिन जिस होटल में ये सारे कार्य संपन्न होते हैं। उस होटल से जो कुछ छन कर निकलता है। जिसे कार्य रूप देने की जिनके ऊपर जिम्मेदारी आ जाती है। उस जिम्मेदारी को निभाने में इन आयोजकों को तेल निकल जाता है। इन लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड देनेवाले रांची प्रेस क्लब के धुरंधर पदाधिकारियों को एक उत्कृष्ट पत्रकार का नाम चुनकर झारखण्ड विधानसभाध्यक्ष के पास भेजने में पसीने छूट जाते हैं।

विद्रोही24 इस बात को आज इसलिए लिख रहा है, क्योंकि पिछले दो नवम्बर को रांची प्रेस क्लब ने एक निजी संस्था के साथ मिलकर रांची के एक निजी होटल में कार्यक्रम रखा था। जिसमें राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने भाषण देने के दौरान कहा था कि जैसे झारखण्ड विधानसभा में हमलोग उत्कृष्ट विधायक का पुरस्कार देते हैं, क्यों न उसी में एक उत्कृष्ट पत्रकार का भी पुरस्कार देने की व्यवस्था कर दें।

इसके बाद जैसे ही झारखण्ड विधानसभाध्यक्ष को मौका मिला। उन्होंने राधाकृष्ण किशोर की बातों को आगे बढ़ाते हुए कहा कि वे भी चाहते हैं कि आनेवाले दिनों में जब झारखण्ड विधानसभा का स्थापना दिवस मनेगा तो उसमें उत्कृष्ट पत्रकार को भी पुरस्कृत करेंगे। लेकिन हुआ क्या? झारखण्ड विधानसभा ने अपना स्थापना दिवस तो मना लिया। उत्कृष्ट विधायक को भी पुरस्कृत किया गया। लेकिन उत्कृष्ट पत्रकार का पुरस्कार पाने से राज्य के पत्रकार वंचित रह गये। पता चला कि यह मुद्दा किसी ने झारखण्ड विधानसभाध्यक्ष के पास स्थापना दिवस के पूर्व उठाया था।

लेकिन विधानसभाध्यक्ष ने जिसने मुद्दा उठाया था, उसको बढ़िया से यह कहकर समझा दिया कि उनकी नजरों में सारे के सारे पत्रकार उत्कृष्ट हैं। अच्छा रहेगा कि पत्रकारों की तरफ से ही किसी का नाम उनके पास आ जाये, वे उक्त पत्रकार को उत्कृष्ट समझकर, पुरस्कृत कर देंगे। ये बातें स्पीकर रबीन्द्र नाथ महतो ने उस वक्त कही थी, जब उन्होंने उत्कृष्ट विधायक के नाम की घोषणा की थी।

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