अपनी बात

JSCA स्टेडियम में कथित क्रिकेट प्रशंसक द्वारा विराट कोहली के चरण चुंबन की घटना ने झारखण्ड पुलिस के सुरक्षा दावे की पोल खोली, मीडिया ने इस लोमहर्षक घटना पर अंगुली उठाने के बजाय उसे किया महिमामंडित

रांची में 30 नवम्बर को संपन्न हुए भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले गये एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच के दौरान पिच पर अचानक पहुंचे एक कथित क्रिकेट प्रशंसक द्वारा की गई हरकतों ने क्रिकेट जगत में सनसनी फैला दी है। सनसनी इस बात के लिए कि जिस झारखण्ड पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था का जनता से वायदा किया था। उस सुरक्षा व्यवस्था की उक्त कथित क्रिकेट प्रशंसक ने धज्जियां उड़ा दी।

आश्चर्य इस बात की भी, कि इतनी बड़ी सुरक्षा चूक को रांची के किसी मीडिया हाउस ने मुद्दा नहीं बनाया, बल्कि भविष्य में फिर कभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच हो, तो एक अदना सा पास के लिए उन्हें जिल्लत नहीं उठानी पड़े, नाक रगड़नी नहीं पड़े, जेएससीए से जुड़े पदाधिकारी उनके घर/कार्यालय के दरवाजे पर झोला में भर-भर कर पास लेकर खड़े रहे, इस लालच में झारखण्ड स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन पर अंगुली नहीं उठाई, बल्कि इस पूरे प्रकरण को ही महिमामंडित करने में दिलचस्पी दिखा दी, साथ ही पुलिस विभाग के इस चूक पर ऐसी चुप्पी साधी कि इसकी जितनी आलोचना की जाये, कम है।

जबकि मैच के एक दिन पहले ही जेएससीए स्टेडियम रांची में भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच होने वाले वनडे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच के मद्देनजर शहर में सुरक्षा व्यवस्था एवं विधि-व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखने हेतु मनोज कौशिक, पुलिस महानिरीक्षक, दक्षिणी छोटानागपुर प्रक्षेत्र एवं राकेश रंजन, वरीय पुलिस अधीक्षक, रांची के साथ संयुक्त रूप से सभी दंडाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की बैठक हुई थी।

बैठक में मैच के दौरान स्टेडियम के अंदर एवं बाहर, पार्किंग स्थल, मुख्य मार्गों, वीआईपी/वीवीआईपी मूवमेंट तथा शहर के संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। जिसमें स्टेडियम परिसर एवं आसपास के क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारी एवं पुलिस बल की तैनाती, तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा तथा एंटी सैबोटेज चेकिंग, पार्किंग व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने हेतु अलग-अलग जोन बनाने तथा टोइंग व्यवस्था, मुख्य मार्गों पर ट्रैफिक डायवर्शन एवं वन-वे व्यवस्था लागू करने, वीआईपी/वीवीआईपी मूवमेंट हेतु विशेष सुरक्षा प्रोटोकॉल, क्विक रिस्पॉन्स टीमें (QRT), बम डिस्पोजल स्क्वॉड, डॉग स्क्वॉड एवं ड्रोन निगरानी, सादे लिबास में पुलिस कर्मियों की तैनाती तथा संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर आदि की बातें की गई थी।

लेकिन हुआ क्या? एक कथित क्रिकेट प्रशंसक ने इन पुलिस पदाधिकारियों की सारी सुरक्षा व्यवस्था और उनके दावे की पोल खोलकर रख दी। कहनेवाले तो यह भी कह रहे है कि इनकी सारी सुरक्षा व्यवस्था में कील ठोक दी। कुछ का कहना है कि इस प्रकार की हरकतों से हो सकता है कि रांची में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच के टोटे पड़ जाये।

कई खेलप्रेमियों ने विद्रोही24 को कहा कि जिस प्रकार से मीडिया ने कल की घटना (कथित क्रिकेट प्रशंसक द्वारा विराट कोहली के चरण चुंबन करने पर) को लेकर इस समाचार को महिमामंडित किया है। कही ऐसा न हो कि भविष्य में रांची में ऐसी घटना की लंबी लाइन लग जाये। क्योंकि जिस प्रकार से हर अखबार/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने इस घटना की आलोचना करने के बजाय महिमामंडित करना शुरु किया हैं, उससे तो इस प्रकार की घटना की बढ़ोत्तरी ही होगी और ये आगे चलकर सिरदर्द बन जायेगा। मीडिया को ऐसी घटनाओं को महिमामंडित करने से बचना चाहिए था।

आश्चर्य यह भी है कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच के दौरान किसी भी स्थानीय इलेक्ट्रॉनिक मीडियाकर्मी को स्टेडियम के अंदर विजुअल लेने के लिए कैमरा ले जाने की मनाही है/थी। अगर प्रिंट मीडिया के फोटोग्राफर हैं तो आप कैमरा ले जा सकते हैं, वो भी एक खास जगह में ही रहकर आप फोटो ले सकते हैं। उसके बावजूद एक मीडिया हाउस को मुंहमांगी पास संप्रेषित करना और दूसरे को नाक रगड़वाने पर मजबूर कर देने की प्रवृत्ति आनेवाले समय में जेएससीए के लिए ही मुसीबत खड़ी करेंगी। शायद यही कारण है कि कई मीडिया हाउस जिनको जेएससीए ने भाव नहीं दिया। उन तक पास नहीं पहुंचाये। केवल पास नहीं मिलने के कारण, वे उनसे खफा हैं और अखबार के साथ-साथ सोशल साइट पर भी अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए।

आश्चर्य यह भी है कि जिन मीडियाकर्मियों को पास मिली है। उनकी औकात सिर्फ स्टेडियम में जाकर अपना सेल्फी लेने और उसे सोशल साइट पर डालने से ज्यादा की नहीं हैं और उनकी ये सारी हरकतें झूठी शान बटोरने की हैं। कि देखो हमें जेएससीए द्वारा पास रूपी मंगलसूत्र मिला है। मैं उसे बड़े प्रेम से धारण कर स्टेडियम में इठला रहा/रही हूं। हमारा जेएससीए से बहुत ही मधुर संबंध है।

दूसरी ओर यही हाल यहां के कुछ राजनीतिज्ञों/पुलिस पदाधिकारियों/प्रशासनिक अधिकारियों का रहा। स्थिति ऐसी रही की इस राजनीति के चक्कर में इस बार भाजपाइयों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा और कांग्रेस वाले मजे में रहे। शायद जेएससीए में कांग्रेसियों का इस बार बोलबाला रहा है। कहनेवाले तो ये भी कहते हैं कि एक समय था कि कभी भाजपा और जेवीएमवालों का भी बोलबाला रहता था। समय बदला है। उसका प्रभाव है। एक पत्रकार ने तो शायद इसी हरकत पर सोशल साइट पर लिख दिया कि कांग्रेस के पीच पर भारत की जीत।

इसी बीच रांची के भाजपा सांसद व केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने कल की हरकतों की तीखी आलोचना की है और इसे क्रिकेटरों की सुरक्षा में सेंध बताया हैं। उन्होंने कहा कि इससे अनुशासन भंग हुआ है। ऐसी घटनाओं से क्रिकेटरों की तन्मयता भंग होती है। उनका लय प्रभावित होता है। रांची पुलिस प्रशासन ने जो सुरक्षा के दावे किये थे, कल की घटना से उनका वो दावा खोखला साबित हुआ है। ये तो अच्छा हुआ कि कुछ नहीं हुआ, अगर कुछ होता तो क्या होता? कल के खेल के दौरान झारखण्ड पुलिस का चेहरा पूरे देश ने देख लिया कि उनका सुरक्षा व्यवस्था कैसा होता है? इससे ज्यादा वे क्या कहें?

One thought on “JSCA स्टेडियम में कथित क्रिकेट प्रशंसक द्वारा विराट कोहली के चरण चुंबन की घटना ने झारखण्ड पुलिस के सुरक्षा दावे की पोल खोली, मीडिया ने इस लोमहर्षक घटना पर अंगुली उठाने के बजाय उसे किया महिमामंडित

  • राम कृष्ण ठाकुर

    आपके विश्लेषण से मैं पूरी तरह सहमत हूँ। एक तरफ जहाँ यह घटना पुलिस के विधि-व्यवस्था ड्यूटी पर सवालिया निशान उठा रहा है, वहीं दूसरी ओर मीडिया द्वारा महिमा मंडित किया जाना भी दुर्भाग्यपूर्ण है। इस प्रकार तो कोई आत्मघाती दस्ता भी पहुँचकर किसी घटना का अंजाम आसानी से दे सकता है। फिर स्थिति क्या होगी सहज ही कल्पनीय है।

    Reply

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *