धर्म

नववर्ष का पहला दिन नवीन प्रारंभ, नई संकल्पों के साथ, यह सोचकर की आज का दिन सर्वश्रेष्ठ है, स्वयं को आध्यात्मिक पथ पर ले चलने का एक सुंदर अवसरः ब्रह्मचारी एकत्वानन्द

नववर्ष का पहला दिन नवीन प्रारंभ, नई संकल्पों के साथ, यह सोचकर की आज का दिन सर्वश्रेष्ठ है, स्वयं को आध्यात्मिक पथ पर ले चलने का एक सुंदर अवसर होता है। यह दिन हमारे लिए भक्ति का विशेष दिन है। यह सोचकर कोई भी व्यक्ति अगर भक्ति के साथ ईश्वर और उनके विचारों को अपने हृदय में बिठाता है, तो ईश्वर उस स्थान को अवश्य सुशोभित करते हैं, इसमें कोई किन्तु-परन्तु नहीं होता। ये बाते आज रांची के योगदा सत्संग आश्रम में आयोजित रविवारीय सत्संग को संबोधित करते हुए ब्रह्मचारी एकत्वानन्द ने कही।

ब्रह्मचारी एकत्वानन्द ने कहा कि यदि आप अच्छे विचारों और संकल्पों को पूरा करने का दृढ़ निश्चय कर लेते हैं। तब ऐसे हालात में आपके गुरु और ईश्वर आपकी सहायता करने के लिए दौड़ पड़ते हैं। एकत्वानन्द ने इसी विषय पर प्रेमावतार परमहंस योगानन्द से जुड़ी एक कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि योगी कथामृत लिखने के दौरान परमहंस योगानन्द जी, स्वयं द्वारा लिखी गई वाक्यों को पढ़ नहीं पाते थे। लेकिन जैसे ही उन्होंने दृढ़ निश्चय किया कि वे अब पढ़ेंगे और स्वयं को उसमें अनुशासित करने लगे, वे पढ़ने लगे।

उन्होंने कहा कि आपकी सफलता का रहस्य आपके दृढ़ इच्छाशक्ति में छुपा है। हम अपने भाग्य के शिल्पकार स्वयं हैं। हमेशा अपने पूर्व के कार्यों का पुनरावलोकन करें। इससे आपको आगे आनेवाले समय में बेहतर करने की शक्ति मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे आप में काफी बदलाव आयेगा और यह बदलाव सच्ची प्रसन्नता और सुख दोनों के लिए जरूरी है। आपको उसमें सक्षम होना ही होगा।

ब्रह्मचारी एकत्वानन्द ने कहा कि दृढ़निश्चय के लिए विवेक और इच्छाशक्ति का होना जरुरी है। यही आगे चलकर आदत बन जाती है। अपने दोषों को खुद समाप्त करने का प्रयत्न करें। जैसे कई लोगों को कई बुरी आदते होती है। उन आदतों से उनको स्वयं छुटकारा प्राप्त हो, इसके लिए प्रयत्न करना चाहिए। ईश्वर ने आपके अंदर उत्पन्न बुराइयों को विध्वंस करने की ताकत बहुत ही अच्छे ढंग से भारी मात्रा में उपलब्ध कराई है। आप इस नववर्ष में आपके अंदर क्या अच्छाइयां हैं और क्या बुराइयां हैं। इसे ढूंढने का प्रयास करिये और जैसे ही बुराइयों का पता चले, उसका इलाज करिये।

उन्होंने कहा कि आपके अंदर उत्पन्न होनेवाले आवेगों को आपको खुद देखना और महसूस करना है। तर्क द्वारा हमें मार्गदर्शित होना चाहिए। यदि आप शांतिपूर्वक स्वयं से तर्क करना सीखेंगे तो आपको ईश्वरीय मार्गदर्शन मिलेगा। गुरुदेव आपका मार्गदर्शन करेंगे। गुरुदेव सभी को आनन्द व सुख प्रदान करना चाहते हैं। अच्छा होगा कि आध्यात्मिक प्रगति के लिए आप आध्यात्मिक डायरी रखें। आप कितना ध्यान कर रहे हैं, कैसे कर रहे हैं, उसमे कितनी गहराई है, वो सब उसमें लिखें। ये डायरी आपके लिए उन्नति का काम करेगी।

उन्होंने कहा कि हमारे गुरुजी सर्वश्रेष्ठ इवेन्ट्स मैनेजर हैं। बस उनकी थॉटस को आप अपनाना सीखें। जैसे वे कहते है कि सर्वप्रथम छोटा भी समय क्यों न मिलें। उस समय का सदुपयोग करें। उसमें भी ध्यान करना न भूलें। कभी-कभी एक मिनट का ध्यान भी, बड़े और अधिक समय पर किये गये ध्यान से ज्यादा लाभकारी सिद्ध हो जाता है। दूसरा हमेशा नाम स्मरण करें। ये ईश्वर के अस्तित्व को जागृत करता है। इससे आप पूर्ण रूप से आध्यात्मिक हो जाते हैं। तीसरा हमेशा अच्छी पुस्तकें/आध्यात्मिक पुस्तकें पढ़िये। चौथा जब भी भोजन करें, तो धीरे-धीरे करें। पांचवां – नियमित रूप से व्यायाम करें। छठा हमेशा रिलेक्स मूड में रहे, किसी भी काम में जल्दबाजी न करें।

ब्रह्मचारी एकत्वानन्द ने कहा कि जीवन में बदलाव का होना जरूरी है। सबसे सुंदर है कि आप दृढ़निश्चयी बनें। संकल्प करें कि क्रिया योग का नियमित अभ्यास करेंगे। पुरानी बुरी आदतें आपको निदेशित नहीं कर पायेंगी। अच्छी आदतों को अपनायेंगे। खुद को खुद का स्वामी बनायेंगे और इस प्रकार नये वर्ष की आप शुरुआत करें, तो निश्चय ही आपको लाभ होगा, आप बेहतर स्थिति में खुद को पायेंगे।

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