आठ वर्ष पुराने मुकदमे में न्यायालय ने सुनाया फैसला, मंत्री दीपिका पांडेय ने कहा सत्य की हुई जीत
आज आठ वर्ष पुराने एक मुकदमे में न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री दीपिका पांडेय सिंह समेत सभी निर्दोषों को बरी कर दिया। दीपिका पांडेय का कहना था कि यह मुकदमा उस समय के भाजपा विधायक अशोक भगत द्वारा राजनीतिक द्वेष से प्रेरित होकर रचा गया था। इसमें जानबूझकर 80 वर्ष के बुज़ुर्ग को आरोपी बनाया गया और कई युवाओं को भी झूठे आरोपों में फँसाया गया था।
वर्षों तक निर्दोष लोगों को मानसिक और सामाजिक रूप से परेशान करने की यह कोशिश भाजपा की राजनीति के उस चरित्र को उजागर करती है, जिसमें विरोधियों को झूठे मुकदमों के ज़रिए दबाव में लाने का प्रयास किया जाता है। फैसले के बाद दीपिका पांडेय सिंह ने न्यायालय का आभार व्यक्त करते हुए कहा — “सत्य को दबाया जा सकता है, परेशान किया जा सकता है, लेकिन पराजित नहीं किया जा सकता।
न्यायालय ने सत्य को पहचानते हुए हमें न्याय दिया है। यह केवल मेरी नहीं, हर उस निर्दोष व्यक्ति की जीत है जिसे वर्षों तक राजनीतिक कारणों से परेशान किया गया।” इस निर्णय ने न केवल न्याय में जनता का विश्वास और मजबूत किया है, बल्कि यह भी स्पष्ट कर दिया है कि राजनीति की झूठी साज़िशें सच्चाई के सामने टिक नहीं सकतीं।