सूर्या हांसदा का एनकाउंटर नहीं, मर्डर किया गया वो भी वर्दी के भेष में छिपे कुछ कायरों और बुजदिलों द्वाराः बाबूलाल मरांडी
भाजपा के वरिष्ठ नेता व नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने झारखण्ड पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये हैं। उन्होंने सोशल साइट फेसबुक पर लिखकर इन आरोपों को जनता के समक्ष रखा है तथा सूर्या हांसदा की कथित पुलिस इनकाउंटर में हुई मौत पर उंगलियां उठाई है। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से अनुरोध किया है कि इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच अगर नहीं कराने का उन्हें मन हो तो कम से कम हाईकोर्ट के सीटिंग जज से ही इसकी न्यायिक जांच करवाने का वे काम करें। बाबूलाल मरांडी ने फेसबुक पर जो लिखा, वो इस प्रकार है…
“आदिवासी नेता को अपराधी बनाना हो या निर्दोष को दोषी साबित करना हो, पैसे लेकर जमीन पर कब्जा कराना हो या माफियाओं को सरेआम आतंक करने की खुली छूट देना हो, अपने शक के आधार पर किसी की आवाज को दबाने के लिए इनकाउंटर करना हो या खास वर्ग को छूट देकर आदिवासियों की हत्या करना कराना हो, तो इन सारे कार्यों का जिम्मा झारखंड पुलिस में अपराधी क़िस्म के कुछ लोगों ने अपने कंधे पर ले लिया है।
इस सरकार में जिस तरह अपराधियों को शरण और संरक्षण देने वाली खुद अपराधी प्रवृत्ति का काम कुछ पुलिस वाले कर रहे है, उससे आम जनमानस के अलावा सत्ता विपक्ष में बैठे नेताओं और उनके सहयोगियों को भी हर दिन जान का खतरा लगा रहता है। संघर्ष करते-करते रास्ता भटक जाने वालों को भारत के क़ानून और न्याय व्यवस्था ने हमेशा मुख्यधारा से जुड़ने का अवसर दिया है। लेकिन आज, ऐसी ही एक आवाज़ को हमेशा के लिए ख़ामोश कर दिया गया।
झारखंड का इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि एक जनसरोकारी सूर्या हांसदा का एनकाउंटर नहीं, मर्डर किया गया है वो भी किसी अपराधी द्वारा नहीं, बल्कि वर्दी के भेष में छिपे कुछ कायरों और बुजदिलों द्वारा, जिन्हें डर है कि आदिवासियों की आवाज उनके कान का पर्दा न हिला दे, जिन्हें डर है कि आदिवासी राज्य में आदिवासी अपने हक अधिकार और संसाधन के लिए लड़ना न शुरू कर दें।
झूठे मामलों में फंसाना, फ़र्ज़ी केस दर्ज कर उत्पीड़न करना और लगातार दबाव बनाना, यही विरोध करने वालों से निपटने का रवैया हो गया है। सूर्या हांसदा की पत्नी और मां लगातार पुलिस पर आरोप लगा रही हैं, कि कैसे जानबूझकर उनके पति का, बेटे का मर्डर किया गया है। उनकी बस एक ही तो मांग है कि इस कृत्य की सीबीआई से जांच कराई जाए। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन अगर सीबीआई से आपको और आपके अफ़सरों को ज़्यादा ही डर लगता है तो इसकी हाईकोर्ट के सिटिंग जज की अध्यक्षता में जांच कराइये, सच सबके सामने लाइए, क्योंकि पुलिस का यह कृत्य किसी को भी पच नहीं रहा है।”