राजनीति

थैलेसीमिया पीड़ितों से जुड़े सवाल पर मंत्री इरफान द्वारा सही जवाब नहीं मिलने से उद्वेलित प्रदीप यादव पर गुस्साए स्पीकर, मंत्री ने कही फ्री ब्लड की बात, उधर मुख्य सचेतक की पोती से 50 हजार वसूलने के दावे की प्रति सदन में दिखीं

आज जैसे ही सदन में ध्यानाकर्षण सूचनाएं पढ़ी जाने लगी। तब पहला प्रश्न कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव का ही था। उनका प्रश्न स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग से संबंधित था। जिसका जवाब मंत्री इरफान अंसारी को देना था। ऐसे में सदन में गरमागरमी न हो, तनाव न हो, प्रश्न लंबा न खींचाए, यह कैसे हो सकता है? लेकिन ये सब तो हुआ ही। आज आसन भी प्रदीप यादव पर बरस पड़ा, जिसको देख सभी भौचक्के रह गये।

क्योंकि आम तौर पर आसन प्रदीप यादव के प्रति हमेशा कूल रहा है। लेकिन अचानक आसन का रौद्र रूप व प्रदीप यादव के प्रति उनका रुखा व्यवहार देख पूरा सदन ही नहीं, बल्कि प्रेस दीर्घा में बैठे कुछ पत्रकार भी आश्चर्य में पड़ गये। प्रदीप यादव के लगातार प्रश्न पूछे जाने और मंत्री इरफान द्वारा लंबा जवाब और असंतोषजनक जवाब को देखते हुए आसन ने कहा कि प्रदीप यादव सीधे इरफान से मिले और उनका जवाब उनसे वही प्राप्त कर लें।

जबकि प्रदीप यादव का कहना था कि प्रश्न गंभीर है, उसका उत्तर सदन में ही मिले, सही मिले तो अच्छा रहेगा। फिर क्या था, स्पीकर गरम हो उठे। उन्होंने प्रदीप यादव को गुस्से में कहा कि आपके अनुसार मंत्री जवाब नहीं देंगे। अगर कही कोई कमी है तो आप मंत्री से अलग बात कर लें। क्योंकि आपके प्रश्नोत्तर के क्रम में प्रश्न लंबा खींच रहा हैं, जिससे दूसरे सदस्यों के प्रश्नोत्तर प्रभावित हो रहे हैं। आसन ने यह भी कहा कि आप दोनों में सामंजस्यता का अभाव है, तो बात करके समस्या का समाधान निकालिये।

प्रदीप यादव का सवाल झारखण्ड के लिए अतिमहत्वपूर्ण था। जिस पर सभी की नजर थी। उनका प्रश्न था कि राज्य में करीब 11000 बच्चे थैलेसीमिया, सिकल सेल एवं अप्लास्टिक एनीमिया से ग्रसित हैं। इन्हें हर महीने एक से दो बार ब्लड चढ़ाना पड़ता है। लेकिन राज्य में इस मामले में कोई ठोस नीति नहीं होने के कारण पीड़ित बच्चों का जीवन ब्लड बैंक में खून की अनुपलब्धता के कारण हमेशा अधर में लटका रहता है। इनके परिवार के लोग एवं परिजन खून की खोज में एक राज्य से दूसरे राज्य में भी भटकते रहते हैं।

साथ ही ब्लड डोनेशन हेतु फोटोयुक्त ब्लड रिप्लेसमेंट डोनर कार्ड (दिनांक 9 अप्रैल 2025) अब तक अभी तक सभी जिलों में कड़ाई से लागू नहीं होने के कारण आम गरीब एवं जरुरतमंदों को ब्लड प्राप्त करने में भारी कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है। जबकि यह एक सामान्य प्रक्रिया है। इसके अतिरिक्त ब्लड डोनरों को अल्पाहार हेतु अन्य राज्यों जैसे प. बंगाल की भांति एक सौ रुपये प्रति डोनर या समुचित राशि भी उपलब्ध कराया जाता है।

थैलेसीमिया के स्थायी निदान हेतु छत्तीसगढ़ राज्य में बोन मैरो के ट्रांसप्लांट में बच्चों को 15 लाख एवं बच्चियों को 18 लाख रुपये दिये जाने का प्रावधान तथा केरल राज्य के तर्ज पर ब्लड डोनेशन का डिजिलाइजेशन हेतु झारखण्ड में ठोस नीति की आवश्यकता है। अतः राज्य अविलम्ब थैलेसीमिया, सिकल सेल एवं अप्लास्टिक एनीमिया पीड़ित बच्चों को चिकित्सा में राहत एवं खून की सुलभ उपलब्धता हेतु ठोस नीति हो, की मांग पर वे सदन का ध्यान आकृष्ट कराना चाहते हैं।

जिस पर स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी का जवाब सही नहीं आ रहा था। जिसको लेकर प्रदीप यादव उन्हें बार-बार घेरने की कोशिश कर रहे थे। इसी बीच स्वास्थ्य मंत्री ने जो बातें कही, उससे पूरा सदन दंग रह गया। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने सदन में स्वीकारा कि उनके पास थैलेसीमिया रोगियों के कोई आंकड़े नहीं हैं। वे इस पर फिलहाल काम कर रहे हैं। एक महीने में वे इन सबकी जांच करवा लेंगे कि किस जिले में कितने थैलेसीमिया के मरीज हैं। इसी बीच कुछ बातों को लेकर प्रदीप यादव और मंत्री इरफान में तू-तू, में-में हो गई। प्रदीप यादव ने आसन से कहा कि वे मंत्री को बताएं कि वे व्यक्ति नहीं, माननीय सदस्य हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे मंत्री जी का कहानी सुनने के लिए नहीं आये हैं। उन्होंने सीधे-सीधे चार सवाल पूछे हैं। मंत्री उसका जवाब दें।

इधर मंत्री ने प्रदीप यादव के एक प्रश्न के जवाब में कहा कि पीड़ित बच्चों के लिए राज्य में सेंटर हैं। जहां से पीड़ित बच्चों को फ्री में ब्लड मिलता है और जहां नहीं हैं, वहां सरकार व्यवस्था करेगी। फिर क्या था? प्रदीप यादव ने आसन को एक प्रति दिखाते हुए कहा कि ये मुख्य सचेतक की पोती का स्लिप है। जिसे ब्लड के लिए 50 हजार रुपये देने पड़े हैं और सरकार कह रही है कि ब्लड फ्री में मिलता है। इसको लेकर सदन में हंगामे की स्थिति बन गई। प्रदीप यादव ने कहा कि मंत्री सदन को गुमराह कर रहे हैं। इसी बीच मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि जल्द ही सात करोड़ की लागत से बोन मैरो ट्रांसप्लांट मशीन वे लगवा रहे हैं। जो थैलेसीमिया से पीड़ित हैं, उनके लिए आयुष्मान से वे 14 लाख रुपये दिलवाने की कोशिश करेंगे।

इसके पूर्व सदन में अल्पसूचित प्रश्नकाल के दौरान डा. कुशवाहा शशिभूषण मेहता ने बालू प्रकरण, राज सिन्हा ने स्वास्थ्य विभाग व देवेन्द्र कुंवर ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से संबंधित सवाल पूछे। जबकि तारांकित प्रश्न के दौरान मो. ताजुद्दीन ने ट्रामा सेंटर, आलोक कुमार सोरेन ने दुमका में केन्द्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना, रागिनी सिंह ने किडनी रोगियों को आ रही समस्या, अमित कुमार यादव ने बरकट्टा में स्थित डिग्री कॉलेज में शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की कमी, मनोज कुमार यादव ने हजारीबाग में डाक्टरों की कमी का मुद्दा उठाया। आज सदन पांच मिनट विलम्ब से शुरु हुआ। सदन शुरु होते ही नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने मेडिकल छात्रों को आ रही समस्याओं को लेकर बातें रखी, तथा उनकी समस्याओं के समाधान को लेकर सीबीआई जांच की मांग का सरकार से अनुरोध किया।

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