सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के उप-निदेशक पद पर कार्यरत शालिनी वर्मा हुई सेवानिवृत्त, उनकी कार्य के प्रति निष्ठा, समर्पण व ईमानदारी को लोग हमेशा रखेंगे याद
बहुत कम लोग होते हैं दुनिया में, जो अपने नाम को सार्थक करते हैं। जो अपने नाम को सार्थक करते हैं, उन्हीं लोगों की दुनिया में एक और नाम आज जुड़ गया। वो नाम है – शालिनी वर्मा का। शालिनी वर्मा गत् 30 अप्रैल 2025 को सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के उप-निदेशक पद से अवकाश प्राप्त कर चुकी हैं। जो उन्हें निकट से जानते हैं, वे दिल से उनका सम्मान करते हैं और जो नहीं जानते, लेकिन उनसे कभी न कभी उनकी सेवाएं ली हैं, तो वे आजीवन उनके प्रति आभारी जरुर रहे होंगे, ऐसा मेरा विश्वास है।
विद्रोही24, उनके कामों के प्रति निष्ठा, समर्पण व ईमानदारी का हमेशा से कायल रहा है। हमने तो उन्हें कई झंझावातों को नजदीक से झेलते हुए भी देखा हैं। लेकिन वे झंझावातें भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकी। बल्कि उन्होंने उन झंझावातों का बड़ी दिलेरी से सामना किया और ईश्वर ने जो भी उन्हें प्रदान किया। वो उसे स्वीकार की तथा ईश्वर से उनकी कोई शिकायत भी नहीं रही।
शालिनी वर्मा शतप्रतिशत भारतीय नारी और एक आध्यात्मिक महिला भी हैं। वो योगदा सत्संग परिवार से भी जुड़ी है। ध्यान उनके जीवन से जुड़ा है। वो कोशिश करती है कि सप्ताह में कम से कम एक बार रविवारीय सत्संग में अवश्य शामिल हो। जब आप उन्हें कभी छठव्रत करते हुए देखेंगे तो आप उनकी भक्ति और श्रद्धा को देख नतमस्तक हुए बिना नहीं रहेंगे।
सच्चाई यह है कि हमारी किसी से पटती ही नहीं, अधिकारियों से हमारा हमेशा छत्तीस का आकड़ा रहा हैं। लेकिन इनकी कार्यशैली ने हमें हमेशा प्रभावित किया है। वो नहीं चाहती कि कोई उनका नाम लें। उनके बारे में लिखें। उनमें हमने यही देखा कि वो स्वयं द्वारा किये गये कार्यों को अपना धर्म माना और उसे ईश्वरीय कार्य समझकर पूरा किया। यही कारण रहा कि वो सत्य से डिगी नहीं।
जबकि दूसरी ओर हमने इसी सूचना भवन में कई अधिकारियों को देखा कि उन अधिकारियों ने भ्रष्टाचार का कीर्तिमान बनाया। स्वयं अधिकारी होते हुए सीएमओ से स्वहित के लिए मधुर संबंध बनाकर आईएएस में पदोन्नति भी करवा ली। शालिनी वर्मा भी चाहती तो यह उनके लिए भी संभव था। लेकिन शालिनी वर्मा ने कभी इस प्रकार की घटिया सोच को अपने जीवन में प्राथमिकता नहीं दी।
मैं एक आश्चर्य भी देख रहा हूं। शालिनी वर्मा, कल ही अवकाश प्राप्त कर चुकी है। पर रांची के बड़े अखबारों में उनके अवकाश प्राप्त करने की कोई खबर नहीं हैं। उन बड़े अखबारों में जहां एक सामान्य व्यक्ति की अवकाश प्राप्त करने की भी खबरें बड़ी ही प्रेम व श्रद्धा से छापकर, उसके प्रति आभार जताने के लिए ये लोग स्थान देते हैं। पर इन अखबारों को शालिनी वर्मा के अवकाश की खबर का पता नहीं हैं या क्यों नहीं छापा, वे जानें या वे ही इस बारे में बेहतर बता सकते हैं। शालिनी वर्मा का अवकाश प्राप्त करना भी कोई छोटी खबर नहीं हैं। उसमें भी तब जबकि हमने कई बार देखा है कि इन्हीं बड़े-बड़े अखबारों के बड़े-बड़े पदाधिकारी शालिनी वर्मा के चैंबर में बैठकर अपने अखबारों के लिए उनसे बड़े-बड़े काम लिये हैं।
शालिनी वर्मा की इस सोच को भी सलाम करिये। जैसे ही उन्हें पता चला कि उनके अवकाश प्राप्त करने को लेकर विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने उनके लिए विदाई समारोह की आयोजन की तैयारी कर रहे हैं। शालिनी वर्मा ने बड़ी ही विनम्रता से इस प्रकार के आयोजन न करने की सभी से विनती कर दी। जिसका मूल कारण विद्रोही24 जानता है। विद्रोही24 जानता है कि शालिनी वर्मा को कोई याद करें, उन्हें विशेष सम्मान दें आदि, उन्हें पसंद नहीं हैं। शायद ऐसे ही लोगों के लिए कहा गया है कि जो व्यक्ति सरल, सहज व सहृदय हैं, वो सत्यं शिवं सुन्दरं भाव के सर्वाधिक निकट हैं।