धर्म

आर आर स्पोर्टिंग क्लब पहले सनातन धर्म का जमकर उपहास उड़ाया और जब लोगों ने आक्रोश प्रकट किया तो लगे सुधार करने

सनातन धर्म ही एक ऐसा धर्म है, जिसका हर कोई उपहास करके आराम से निकल जाता हैं और उसे कोई दंडित भी नहीं करता। जिसके कारण हर व्यक्ति/संस्थाएं अपने-अपने ढंग से समय-समय पर इसका मजाक उड़ाता रहता है। ये वो लोग होते हैं, जिन्हें धर्म का कोई जानकारी नहीं होता। केवल इन्हें ये पता होता है कि कैसे पंडाल बनाने हैं और उसमें कौन सा दृश्य डाल दें, जिससे लोग उसके पंडाल में भारी संख्या में जुटे और वो इसका वाहवाही लूटें।

नहीं तो जाकर पूछिये आर आर स्पोर्टिंग क्लब वालों से कि वो जो दुर्गा पूजा मना रहा हैं, उसका सार क्या है? निश्चय ही वो इस प्रश्न का उत्तर देने में तारे गिनने लगेगा। लेकिन उसी से पूछिये कि कैसे पंडाल में अल-बल करना है और भीड़ जुटानी हैं तो देखिये उन सभी का दिमाग कैसे चलता है? बहरहाल खुशी इस बात की है कि जिस प्रकार की हरकत आर आर स्पोर्टिंग क्लब रातू रोड ने की हैं, उसके कुकर्म की चारों ओर आलोचना शुरु हुई, जिसका प्रभाव यह देखा गया कि ये लोग अपनी गलतियों पर चादर ढंकने शुरु किये और अपने पंडाल में सुधार करना शुरु किया।

झारखण्ड उच्च न्यायालय के सुप्रसिद्ध वरिष्ठ अधिवक्ता अभय कुमार मिश्र अपने सोशल साइट पर लिखते हैं कि आर आर स्पोर्टिंग क्लब ने मरियम, ईसा मसीह के चित्र की जगह श्रीकृष्ण का चित्र लगाएं, चर्चा बदलाव हुआ क्या? कारित अपराध के लिए पहले दंड होता है। यही इस्लाम का उपहास करते तो सर तन से जुदा होना तय होता। पहले इस क्लब के लोगों ने सनातन का उपहास उड़ाया और फिर सुधार लिया कैसे? दंड क्या निर्धारित हुआ?

अभय मिश्रा के पोस्ट पर ही कमेन्टस करते हुए झारखण्ड विधानसभा कर्मी कमलेश सिंह लिखते है कि कोई सुधार नहीं हुआ, बल्कि अब और नाश दिया, पहले मां दुर्गा को ही चर्च में बैठा रहा था, अब तो श्रीकृष्ण, माता यशोदा को भी चर्च में बिठा दिया।

इसी बीच आर आर स्पोर्टिंग क्लब के कुकर्मों पर नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी कड़ी टिप्पणी की हैं। उन्होंने सोशल साइट पर लिखा है कि रांची के एक दुर्गा पूजा पंडाल में गैर-हिंदू देवी-देवता की तस्वीर लगाकर अनुचित परंपरा की शुरुआत की गई है। पंडालों को विभिन्न आकृतियों के माध्यम से आकर्षक बनाना सराहनीय है, लेकिन इसमें धार्मिक आस्था और परंपराओं का सम्मान अवश्य होना चाहिए।

माँ दुर्गा की उपासना का यह पावन पर्व राजनीतिक सीमाओं से परे देश के 100 करोड़ सनातन हिंदू भाइयों-बहनों की आस्था और एकजुटता का प्रतीक है। वे आशा करता हैं कि आयोजन समिति इस भूल को शीघ्र सुधार करेगी। माँ दुर्गा सभी को सद्बुद्धि प्रदान करें। दूसरी ओर पूरे रांची में शक्ति के उपासक आर आर स्पोर्टिंग क्लब के इस कृत्य पर खासा आक्रोशित हैं और उसे इस कुकृत्य के लिए माफ करने के मूड में नहीं हैं।

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