दिशोम गुरु शिबू सोरेन के नाम पर रांची से प्रकाशित अखबारों में प्रभात खबर ने मारी बाजी, दैनिक भास्कर ने किया निराश
झारखण्ड के महान आंदोलनकारी, दिशोम गुरु के नाम से पूरे देश में विख्यात, जन-जन के नेता शिबू सोरेन का कल दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में निधन हो गया। उनके निधन का समाचार पूरे देश में आग की तरह फैली। जो भी सुना अवाक् रह गया। अवाक् होना भी था, क्योंकि शिबू सोरेन कोई सामान्य नेता तो थे नहीं, झारखण्ड के पर्याय थे – शिबू सोरेन।
शिबू सोरेन के निधन के समाचार के बाद, झारखण्ड की राजधानी रांची से निकलनेवाले अखबार किस प्रकार से शिबू सोरेन से जुड़ी खबरें प्रकाशित करते हैं। इस पर रांची ही नहीं, बल्कि पूरे झारखण्ड की जागरुक जनता का ध्यान था। यही कारण था कि कई लोगों ने रांची से निकलनेवाली सभी चार प्रमुख अखबारों को आज के लिए विशेष रुप से सुरक्षित भी करवा लिया था। लेकिन आज हमेशा की तरह दैनिक भास्कर ने लोगों को निराश किया और प्रभात खबर ने बाजी मार ली। जबकि दैनिक जागरण और हिन्दुस्तान सामान्य रहे।
अगर शिबू सोरेन के नाम पर पृष्ठों की बात की जाये, तो सर्वाधिक पृष्ठ भी प्रभात खबर के नाम पर ही जायेगा। प्रभात खबर ने शिबू सोरेन से जुड़ी समाचार और विशेष पृष्ठ मिलाकर 12 पेज, शिबू सोरेन के नाम पर दे दिये। जबकि हिन्दुस्तान ने सात, दैनिक भास्कर ने छः और दैनिक जागरण ने पांच पेज शिबू सोरेन के नाम पर दिये। एक्सक्लूसिव और संग्रहनीय रिपोर्ट और चित्रों के मामले में प्रभात खबर हर अखबार पर भारी पड़ा।
जबकि दैनिक भास्कर ने सर्वाधिक निराश किया। दैनिक भास्कर के भास्कर डॉट कॉम पर तो गलत रिपोर्ट देर तक चलती रही, दिखाया और कहा जा रहा था दिशोम गुरु को मुखाग्नि उनके छोटे बेटे बसंत सोरेन ने दी, जबकि ये पूरी तरह झूठी खबर थी। मुखाग्नि राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने दी थी।
प्रथम पृष्ठ पर भी जिस प्रकार से प्रभात खबर ने ‘छोड़ गये गुरुजी’ लिखकर पूरा पेज गुरुजी के भावनात्मक चित्र को पेश करते हुए जो पेज बनाई, वो लोगों को आकर्षित किये। जबकि दैनिक भास्कर का प्रथम पृष्ठ लोगों को निराश किया, साथ ही अखबार द्वारा प्रथम पृष्ठ पर दी गई हेडिंग ‘अंतिम जोहार… जी गए गुरुजी’ पर लोग दिन भर माथापच्ची करते रहे और ये समझने में ज्यादा देर लगाते रहे कि अखबार कहना क्या चाहता है?
कई बुद्धिजीवियों ने दैनिक भास्कर में काम करनेवाले पत्रकारों को फोन लगाया और पूछना चाहा कि संपादक या दैनिक भास्कर आखिर कहना क्या चाहता है? पर वे प्रश्नकर्ता को संतुष्ट नहीं कर सकें। दैनिक जागरण ने प्रथम पृष्ठ पर ‘नहीं रहे दिशोम गुरु’ और हिन्दुस्तान ने ‘दिशोम गुरु शिबू सोरेन नहीं रहे’ लिखा, जो सरल/सहज शब्दों में लिखा गया था। जो आम जनता से लेकर विशेष लोगों के मन को स्पर्श भी किया।
कुल मिलाकर देखा जाये, तो इन चारों अखबारों में प्रभात खबर ने फिर से अपनी श्रेष्ठता साबित की। वहां कार्यरत संपादकों व पत्रकारों या यूं कहें कि पूरी टीम ने मन लगाकर आज अखबार निकाला, जो पूरे झारखण्ड में चर्चा का विषय रहा। सभी ने उसकी मुक्त कंठ से सराहना की। कहा- आज का प्रभात खबर अन्य अखबारों की अपेक्षा पठनीय और संग्रहणीय है।