यहां के लोग पदाधिकारियों को नहीं जान पाते, दलालों के जरिए ही काम कराने को विवश हैं, दलालों का दरवाजा हमें बंद करना ही होगा, इसमें आपका सहयोग चाहिएः हेमन्त सोरेन
झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन अपने दादा मास्टर सोबरन सोरेन के 68वें शहादत दिवस के अवसर पर आज लुकैयाटाड़, नेमरा, गोला में थे। जहां उन्होंने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी, साथ ही वहां एक जनसभा को संबोधित भी किया। संबोधन के क्रम में उन्होंने कहा कि झारखण्ड में अलग-अलग जगहों पर कई ऐसे वीर सपूत जन्में, जिन्होंने यहां के आदिवासी-मूलवासी, जल, जंगल, जमीन और हक-अधिकार के लिए हम लोगों का नेतृत्व किया और संघर्ष तथा बलिदान भी दिया। जो लोग यहां के लोगों के हक-अधिकार छीनते थे। उनके खिलाफ हमारे वीर पुरुखों ने हमेशा अपनी आवाज बुलंद भी रखी।
उन्होंने कहा यह कहना कोई गलत नहीं होगा कि वीर पुरुखों के खून से सींचा हुआ है यह प्रदेश। आज अमर वीर शहीद दादा जी का शहादत दिवस है, हम सभी के लिए कई मायने में आज यह अलग दिन भी है। क्योंकि वे हम सभी के मार्गदर्शक रहे, आदरणीय दिशोम गुरु शिबू सोरेन हमारे बीच नहीं हैं। उनके नहीं रहने से एक युग का अंत हो गया है। एक लंबे सफर को मंजिल तक पहुंचाकर, हमें ताकत देते हुए, हक-अधिकार को पहचानने की शक्ति देते हुए, वे विदा हो गए। अब जिम्मेवारी हम लोगों के लिए और बड़ी है। अब जीवन के आगे की लड़ाई हमें खुद लड़नी है। अब हम लोगों को पूरी एकजुटता के साथ इस राज्य के सर्वांगीण विकास में अपनी भागीदारी निभानी होगी।
उन्होंने कहा कि 25 साल हो गए है हमारे राज्य को। हम लोग रजत पर्व मना रहें हैं अपने युवा झारखण्ड का। अब इस राज्य के हमारे होनहार नौजवानों और सभी वर्गों को अपने कंधे इतने मजबूत करने होंगे कि हमारे नेतृत्वकर्ताओं का जो सपना था उसे पूरा किया जा सके। हर क्षेत्र में हमें आगे बढ़ना होगा। हमें इस विषय पर भी काम करना है कि गांव का किसान, गांव की अर्थव्यवस्था कैसे खुशहाल रहे। आज उसी कड़ी में आपके परिवार की आधी से जिम्मेदारी हमने अपने कंधे पर भी उठा रखी है। यहां की आधी आबादी को, उनके अपने पैरों पर खड़े करने का, और हमारी आने वाली पीढ़ी को और मजबूती प्रदान करने के लिए काम शुरू कर दिया गया है। आज हमारी महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं को बढ़ी तेजी से अपना रही हैं और स्वावलंबी बन रही हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे नौजवान साथियों के लिए भी अलग-अलग तरीके से उन्हें आगे बढ़ाने के लिए हम कार्य योजना बना कर काम कर रहे हैं और 2050 तक राज्य को खुशहाल झारखण्ड बनाने की ओर भी बढ़ रहे हैं। कल अबुआ सरकार का भी एक साल पूरा होने वाला है और कल लगभग 10 हजार नौजवानों को हम नौकरी देने जा रहे हैं। नौकरी भी मिलेगी, स्वरोजगार भी होगा।
उन्होंने कहा कि उन्होंने पहले भी कहा है हमारी सरकार रांची से नहीं, गांव से चलने वाली सरकार है। अभी सरकार आपके द्वार का कार्यक्रम चल रहा है। ऐसे काम जिसमें पदाधिकारियों को सीमित दिनों में आपको हक-अधिकार और योजनाओं से जोड़ने का काम करना है उसे वह समय सीमा के अंदर पूरा करें। और पदाधिकारियों को समय के अंदर काम करना भी होगा इसलिए इस बार हमने सेवा का अधिकार सप्ताह नाम से कार्यक्रम का आयोजन किया है। आने वाले वर्षों में सरकार की आंख, नाक और कान यहां के हर एक घरों में होंगे।
उन्होंने कहा कि यहां के लोग पदाधिकारियों को नहीं जान पाते हैं। दलालों के जरिए ही काम कराने को कभी-कभी विवश होते हैं। दलालों का दरवाजा बंद करने का काम होगा। इसमें आपका भी सहयोग हमें चाहिए। पूरी कार्यव्यवस्था पर कड़ी नजर रहेगी। जो गलत काम करेगा, सजा का भागीदार होगा।
