राजनीति

भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती और राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ पर CM हेमन्त सोरेन ने कहा विश्व पटल पर भारत की पहचान बनाने में झारखंड की अहम भूमिका

धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती एवं झारखंड राज्य स्थापना की 25वीं  वर्षगांठ के अवसर पर मोरहाबादी मैदान, रांची में आज राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार उपस्थित रहे, वहीं मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन हम सभी के लिए काफी मायने रखता है। यह हम सभी के लिए गौरव का दिन है। एक तरफ हम धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती मना रहे हैं तो दूसरी तरफ झारखंड  राज्य के गठन का रजत पर्व उत्सव। इस मौके पर हम सभी अमर वीर-वीरांगनाओं और उन पूर्वजों को नमन करते हैं, जिन्होंने इस राज्य के लिए शहादत दी। अपने इन वीर शहीदों और पूर्वजों के सपनों का झारखंड बनने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरे उत्साह के साथ झारखंड राज्य स्थापना दिवस मनाया जा रहा है। लेकिन, इस बार मेरा मन थोड़ा व्यथित हैं। क्योंकि, दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी अब हमारे बीच नहीं है। वह आज जीवित होते तो इस मंच की गरिमा और बढ़ जाती। स्मृति शेष शिबू सोरेन जी अलग राज्य के निर्माता और प्रणेता थे। वे हमारे मार्गदर्शक थे। आदिवासी-मूलवासी एवं हर झारखंडी की वे पहचान थे। उनके संघर्ष तथा योगदान  को कभी भूल नहीं सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस राज्य ने धरती बाबा भगवान बिरसा मुंडा, सिदो कान्हू,  नीलाम्बर-पीताम्बर एवं टाना भगत जैसे कई वीर सपूतों को जन्म दिया है। उन्होंने इस देश और राज्य के लिए अपनी शहादत दी। हमारे पूर्वजों ने जल- जंगल- जमीन की रक्षा अन्याय और शोषण के खिलाफ विद्रोह और अपनी विरासत तथा अलग राज्य के लिए लंबा संघर्ष किया। अपने इन वीर शहीदो और पूर्वजों की वजह से हमें अलग पहचान मिली। उनकी शहादत और त्याग का नतीजा है कि आज हर झारखंडी, मूलवासी-आदिवासी सिर उठाकर खड़ा है और गर्व के साथ कह सकता है- हम झारखंडी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जंगल और जमीन की खातिर हमारे आदिवासी-मूलवासियों ने अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया था।  आदिवासी इस देश के मूलवासी हैं, प्रथम वासी हैं। आज हमें अपनी परंपरा और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के साथ समृद्ध करना है। विश्व  पटल पर इसे स्थापित करना है। इसके लिए सभी को कदम से कदम मिलाकर चलना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित देश तभी बन सकता है जब राज्य विकसित होगा और राज्य तभी विकसित होगा, जब हमारा गांव विकसित होगा। हमारी सरकार इसी बात को ध्यान में रखकर गांव को  मजबूत बनाने की दिशा में पूरी ताकत के साथ काम कर रही है। गांव की समृद्धि से ही राज्य और देश की खुशहाली- उन्नति का रास्ता खुलता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध राज्य है। प्रकृति ने इस राज्य की धरती के अंदर और धरती के ऊपर अनेक चीज दी है।  यह राज्य सिर्फ खनिज संसाधन ही नहीं, बल्कि पर्यटन और खेल जैसे कई क्षेत्रों में अलग पहचान के लिए जाना जाता है। यहां के मेहनतकश श्रम बल आज देश को आगे ले जाने में अहम भूमिका निभा रहा है। हमारी सरकार अपनी इन क्षमताओं को पहचानते हुए एक ऐसा रास्ता तैयार करने का प्रयास कर रही है, जहां आने वाली पीढ़ी को आगे बढ़ने के लिए अपार संभावनाएं दिखे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज विश्व पटल पर भारत की पहचान बनी है तो उसमें झारखंड की बहुत बड़ी भूमिका है। यहां के खनिज संसाधनों से देश भर के कल- कारखाने चल रहे हैं। व्यापार को बढ़ावा मिल रहा है। इस राज्य ने देश को खनिज संसाधनों के साथ श्रम बल भी दिया है, जिसकी बदौलत देश विकसित होने की राह पर आगे बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 25 वर्षों में इस राज्य में काफी कुछ बदला है । राज्य में अब और तेजी से बदलाव  हो रहा है। राज्य को आगे ले जाने में जो व्यवधान आ रहे थे, उसे दूर करने का प्रयास हो रहा है। हम कह सकते हैं कि आज झारखंड देश के अग्रणी राज्यों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आधी आबादी को सशक्त बनाने के लिए हमारी सरकार ने निर्णायक कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री मइंया सम्मान योजना का प्रभाव साफ देखने को मिल रहा है। आज हमारी सरकार शुरू की गई इस योजना को कई अन्य राज्यों द्वारा भी अमल में लाया गया है। महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़े, इसके लिए सरकार हर मोर्चे पर उन्हें सहयोग कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल और पर्यटन समेत सभी क्षेत्रों में कई नए आयाम जोड़ने का काम हमारी सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य को सजाने-संवारने और सर्वांगीण विकास के लिए हर किसी को अपनी दायित्व का निर्वहन करना होगा। सभी के सहयोग से  अपने झारखंड को एक मजबूत राज्य बना सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम झारखंड राज्य की 25वीं वर्षगांठ मना रहे हैं लेकिन, हमें आने वाले 25 वर्षों को ध्यान में रखकर प्रकृति के साथ संतुलन बनाते हुए झारखंड बनाने की तैयारी करनी होगी। हमारे पूर्वजों ने जो गरीबी, शोषण और अत्याचार का दंश झेला है। उससे बाहर निकल कर अपने को इस कदर मजबूत बनाना है कि हम अपने साथ इस राज्य को भी ताकत देने का काम कर सकें।

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने लगाई प्रदर्शनी

राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने समारोह स्थल परिसर में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अनावरण किया। यहां इमर्सिव जोन में झारखंड राज्य के 25 वर्षों के सफर, भगवान बिरसा मुंडा समेत सभी अमर वीर शहीदों तथा दिशोम गुरु स्मृति शेष शिबू सोरेन जी की गाथा का अवलोकन किया। वहीं, झारखंड की 25 वर्षों की गाथा तथा उपलब्धियों पर आधारित पुस्तिका का लोकार्पण किया।

इन महत्वपूर्ण योजनाओं का हुआ शिलान्यास

  • रांची स्मार्ट सिटी क्षेत्र में रीक्रिएशन पार्क, इको पार्क तथा सामुदायिक पार्क का विकास।
  • रांची के खादगढ़ा में बिरसा मुंडा बस टर्मिनल का नवीनीकरण एवं उन्नयन।
  • कोडरमा जिले में 50 बेड वाले क्रिटिकल केयर अस्पताल ब्लॉक का निर्माण कार्य ।
  • गुमला जिले में जिला प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र का निर्माण कार्य।
  • शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल हजारीबाग में 50 बेड वाले क्रिटिकल केयर अस्पताल ब्लॉक निर्माण कार्य ।
  • नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स सिमडेगा में सिंथेटिक फुटबॉल मैदान का निर्माण कार्य।
  • हजारीबाग जिले में नए फार्मेसी संस्थान का निर्माण कार्य।
  • इको टूरिज्म योजना के तहत तिलक मांझी नेचर पार्क तथा फॉसिल पार्क का निर्माण कार्य।
  • लोहरदगा, सिमडेगा, मधुपुर और गिरिडीह में बार काउंसिल भवन के निर्माण कार्य।
  • रांची के टाटीसिल्वे में ट्रांसफॉर्मर रिपेयरिंग वर्कशॉप का निर्माण कार्य।

इन महत्वपूर्ण योजनाओं का हुआ उद्घाटन

  • कोर कैपिटल एरिया, रांची में विधानसभा सदस्यों के लिए निर्मित आवासीय परिसर का उद्घाटन।
  • देवघर और लोहरदगा में नए समाहरणालय भवन का निर्माण।
  • 400 केवी संचरण लाइन तथा 220/132/33 केवी ग्रेट सब स्टेशन, पतरातू का निर्माण ।
  • गोड्डा में नए इंजीनियरिंग कॉलेज का निर्माण।
  • बोकारो में नए प्रोफेशनल कॉलेज का निर्माण।
  • कोडरमा के डोमचांच में 50 बेड वाले अस्पताल का निर्माण कार्य।
  • धनबाद, पश्चिमी सिंहभूम के बड़ाजामदा, गोड्डा के बोआरीजोर, पाकुड़ के पाकुड़िया और सिमडेगा के ठेठईटांगर में प्रिफेब फील्ड अस्पताल, दुमका में धनवंतरी आयुष अस्पताल और गोड्डा में 50 बीएड वाले क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल का निर्माण।
  • सिमडेगा में नए अंतरराष्ट्रीय एस्ट्रो टर्फ हॉकी स्टेडियम का निर्माण।
  • चतरा के इटखोरी मंदिर का संरक्षण एवं विकास कार्य।

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