अपराध

जिस दिन गांधी जयन्ती, उसी दिन दलित छोटू राम को नौशाद खान के गुर्गों ने जीना किया मुहाल, उधर पुलिस की निष्क्रियता पर भाजपा नेताओं ने उठाए सवाल

उस दिन गांधी जयंती थी। गांधी जी जानते हैं न – दलितोद्धारक गांधी जी। जिन्होंने दलितों के उद्धार और उनकी बेहतरी के लिए अनेक आंदोलन चलाए। जिनकी हाल ही में हम सभी ने उनकी जयंती की 150वीं वर्षगांठ भी धूमधाम से मना चुके हैं। लेकिन महात्मा गांधी के विचारों को हमने कितना आत्मसात किया है। उसका उदाहरण है रांची का छोटू राम। जिसकी जिंदगी तबाह कर दी है – कुछ मुस्लिम दबंगों ने, ठीक उसी दिन जिस दिन सारा देश गांधी जयन्ती मना रहा था।

छोटू राम का परिवार जिस जगह पर पिछले 100 वर्षों से रह रहा था। आज उसे उसकी जमीन से बेदखल करने का काम किया जा रहा है और ये करनेवाले लोग है – कांटा टोली निवासी शाकिद खान, नौशाद खान, साहेब खान, छोटू खान, शमशाद खान, इमरान खान। छोटू राम जो चांदनी  मैदान कांटा टोली का निवासी है। उसने रांची के एससी-एसटी थाना में इन सभी के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई है। लेकिन क्या मजाल रांची पुलिस की, कि वो दलित परिवार को न्याय दिला दें।

कमाल की बात तो यह भी है कि जिस दिन महात्मा गांधी की जयंती मनाई जा रही थी। जिस मोराबादी मैदान में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करने राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ पहुंचे थे। ठीक उसी दिन छोटू राम के घर की दीवारों को ढाहा जा रहा था। उसकी जमीन को कब्जा किया जा रहा था। छोटू राम की मानें तो उस दिन उसे दलित होने का एहसास भी कराया जा रहा था। उसे भद्दी-भद्दी जातिसूचक गालियां भी दी जा रही थी। लेकिन उसकी मदद को न तो पुलिस आई और न कोई भलामानस।

छोटू राम का कहना है कि नौशाद खान के गुर्गे उसकी जमीन हड़पने पहुंचे थे और उससे कह रहे थे कि भुईयां मुसहर हरिजन यहां से घर छोड़कर भाग जाओ। यहां हम अपने जमात के बीच किसी हिन्दू हरिजन को रहने नहीं देंगे। साथ ही जान से मारने की भी उसे धमकी दी जा रही थी। छोटू राम ने हालांकि एससी-एसटी थाने में अपनी शिकायत लिखवा दी है। उसकी रिसीविंग भी थाने ने उसे थमा दी है। लेकिन उसकी शिकायत प्राथमिकी में परिवर्तित हुई या नहीं, छोटू राम को पता तक नहीं।

छोटू राम हार थक कर भाजपा नेताओं के पास गया। भाजपा नेताओं ने उसकी सूध ली और पहुंच गये घटनास्थल पर। भाजपा नेता अमर कुमार बाउरी की माने तो छोटू राम के साथ तो अन्याय हो रहा है और सरकार और उनके पुलिसकर्मी इस अन्याय पर चुप्पी साधे हुए हैं। आखिर छोटू राम की गलती क्या है? यही न कि वो दलित है, तो क्या इस राज्य में दलित होना जूर्म है। दलित होने से उसकी जमीन कोई भी लूट लेगा। दलित होने से जहां उसका परिवार 100 साल से रह रहा हैं, वहां आकर कोई भी व्यक्ति उसे बेदखल कर देगा।

अगर छोटू राम को न्याय नहीं मिलता है, तो पार्टी इस मुद्दे को लेकर आंदोलन खड़े करेगी। ये पुलिस और सरकार दोनों को बहुत अच्छी तरह समझ लेना चाहिए। अमर कुमार बाउरी ने कहा कि उनकी मांग है कि जिन नौशाद खान के गुर्गों ने छोटू राम का जीना मुहाल किया है, उसे पुलिस गिरफ्तार करे तथा सरकार छोटू राम को उसकी जमीन पर रहने के लिए विशेष व्यवस्था तैयार करें, ताकि फिर कोई दबंग उसके साथ अमानवीय व्यवहार न कर सकें।

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