राजनीति

झारखंड में माइनिंग टूरिज्म की शुरुआत, झारखण्ड टूरिज्म और सीसीएल के बीच हुई साझेदारी

खनन पर्यटन न केवल हमारे राज्य की औद्योगिक ताकत को प्रदर्शित करेगा, बल्कि पर्यटकों को ऊर्जा क्षेत्र और इसके समृद्ध इतिहास पर एक अनूठा दृष्टिकोण भी प्रदान करेगा। यह ऐतिहासिक अवसर झारखंड राज्य की दूरदर्शी सोच और साहसी निर्णयों का परिणाम है। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में झारखंड पर्यटन, उद्योग और सांस्कृतिक विरासत को नए आयाम देने के लिए प्रयासरत है।

यह साझेदारी झारखंड के पर्यटन सफर में एक नए अध्याय की शुरुआत है। उक्त बातें पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहीं। वह सोमवार को झारखण्ड मंत्रालय स्थित कान्फ्रेन्स हॉल में झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (JTDC) एवं सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) के बीच खनन पर्यटन (Mining Tourism) को लेकर हुए एक ऐतिहासिक समझौता (MoU) के दौरान बोल रहे थे। समारोह में CCL की ओर से अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक श्री निलेंदु कुमार सिंह तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। पर्यटन निदेशालय की ओर से निदेशक पर्यटन विजया जाधव, JTDC के प्रबंध निदेशक प्रेम रंजन सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए।

JTDC और CCL के बीच हुए MOU की मुख्य विशेषताएं:

स्थान: प्रारंभिक रूप से यह माइनिंग टूरिज्म उत्तर उरीमारी (North Urimari) माइंस से शुरू होगा एवं भविष्य में अन्य स्थान जोड़े जा सकेंगे।

अवधि: यह समझौता 5 वर्षों के लिए होगा, जिसे आगे पांच वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है।

पर्यटन संचालन: JTDC पर्यटकों की बुकिंग करेगा और प्रति सप्ताह दो दिन खनन पर्यटन की सुविधा प्रदान करेगा। समूह आकार 10-20 व्यक्तियों का होगा।

सुरक्षा और नियमावली: सभी पर्यटकों को खनन में प्रवेश से पूर्व CCL के नियमों, सुरक्षा निर्देशों एवं स्वास्थ्य मानकों का पालन करना अनिवार्य होगा। CCL द्वारा प्रवेश की अनुमति अंतिम रूप से दी जाएगी।

गाइड सुविधा: CCL पर्यटकों को खनन की कार्यप्रणाली समझाने के लिए गाइड उपलब्ध कराएगा।

सहयोग: JTDC खनन पर्यटन का प्रचार-प्रसार करेगा; वहीं CCL आवश्यकतानुसार सहयोग प्रदान करेगा।

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