रांची स्थित योगदा सत्संग आश्रम में धूमधाम से संपन्न हुआ महावतार बाबाजी का स्मृति दिवस
योगदा सत्संग परम्परा के परमगुरुओं में से एक महावतार बाबाजी का स्मृति दिवस 25 जुलाई को योगदा आश्रम, राँची के आनन्दपूर्ण वातावरण में मनाया गया। इसी दिन 1920 में, महावतार बाबाजी ने श्री श्री परमहंस योगानन्दजी के कोलकाता स्थित पारिवारिक आवास पर उन्हें आशीर्वाद देने के लिए दर्शन दिया था। यह वह वक्त था जब योगानन्दजी क्रियायोग के प्राचीन विज्ञान को दुनिया भर में फैलाने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की यात्रा पर निकलने वाले थे।
इस कार्यक्रम की शुरुआत सुबह स्वामी ललितानन्द गिरि के नेतृत्व में एक विशेष ऑनलाइन सामूहिक ध्यान से हुई, जिसमें उन्होंने विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक ग्रंथ “ऑटोबायोग्राफी ऑफ़ ए योगी (योगी कथामृत)” से कुछ अंश भी पढ़े, जिसमें इस बात का वर्णन था कि कैसे महावतार बाबाजी ने योगानन्दजी को पश्चिम में क्रियायोग के प्राचीन विज्ञान के प्रसार के उनके विश्वव्यापी मिशन के लिए आशीर्वाद देने हेतु दर्शन दिया था। भारत के विभिन्न भागों के भक्तों ने इस विशेष ध्यान में भाग लिया।
तत्पश्चात् सुबह 9:30 बजे से 11:30 बजे तक ब्रह्मचारी कैवल्यानन्दजी और ब्रह्मचारी प्रशान्तानन्दजी ने अन्य संन्यासियों के साथ मिलकर भक्तिपूर्ण संकीर्तन का आयोजन किया, जिसमें कार्यक्रम में उपस्थित भक्तों ने भाग लिया और साथ ही गुरु पूजा का आयोजन भी किया गया। संकीर्तन के बाद, वहाँ उपस्थित भक्तों और संन्यासियों को प्रसाद वितरित किया गया।
इस विशेष दिन का उत्सव शाम को स्वामी निर्मलानन्द गिरि के नेतृत्व में दो घंटे के विशेष ध्यान के साथ समाप्त हुआ, जिसमें उन्होंने भी “ऑटोबायोग्राफी ऑफ़ ए योगी (योगी कथामृत)” से महावतार बाबाजी के बारे में कुछ अंश पढ़े। (विशेषः यह समाचार व इस समाचार में प्रयोग किये गये चित्र योगदा सत्संग आश्रम द्वारा प्रेषित हैं।)