अपराध

कन्हाई चौहान का आरोप सजायाफ्ता भाजपा सांसद ढुलू और उसका विधायक भाई शत्रुघ्न, बीसीसीएल के अधिकारियों के साथ मिलकर मांग रहा 1600 रुपये प्रति टन की रंगदारी, नहीं देने पर कोयला लोड नहीं करने दे रहा

धनबाद के माथाबांध के रहनेवाले कन्हाई चौहान ने बाघमारा थाना प्रभारी को एक शिकायत पत्र संप्रेषित किया है। जिसमें उन्होंने बीसीसीएल ब्लॉक दो के एडिशनल जेनरल मैनेजर सह प्रोजेक्ट ऑफिसर एबीओसीपी माइन टीएस चौहान के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का एक आवेदन दिया है।

कन्हाई चौहान का कहना है कि उन्होंने (डीओ होल्डर कन्हाई चौहान) व उमेश चौहान ने बीसीसीएल से  100 टन कोयला का डीओ प्राप्त किया था। जिसे बीसीसीएल द्वारा ऑक्शन डेट 28 अप्रैल 2025 को निर्गत किया गया था। इसके अनुसार दिनांक 9 मई से लेकर 22 जून तक कोयला उठाना है।

कन्हाई चौहान का कहना है कि उन्होंने 25, 26, 27 और 28 मई एवं 2, 3, 4 एवं 5 जून तथा दिनांक 1, 2, 6 और 7 जून को एलॉटमेंट के अनुसार ब्लॉक टू एरिया अंतर्गत बेनीडीह कोलियरी कोयला लोड करने के लिए ट्रक लेकर गये। लेकिन कोयला गाड़ी लोड करने हेतु धनबाद के सजायाफ्ता भाजपा सांसद ढुलू महतो एवं बाघमारा विधायक शत्रुघ्न महतो के आदेशानुसार उपर नामित प्रोजेक्ट ऑफिसर टीएस चौहान द्वारा सीधे तौर पर प्रतिदिन 1600 रुपये प्रति टन रंगदारी की मांग की गई, नहीं देने पर कोयला लोड नहीं करने दिया गया।

कन्हाई चौहान का कहना है कि रंगदारी के रूप में रुपया नहीं देने के चलते प्रोजेक्ट ऑफिसर द्वारा जानबूझकर उनलोगों को परेशान करने के नीयत से बीसीसीएल तथा कोल इंडिया के शर्त एवं नियम के विरुद्ध अपने मन से दिनांक 22/23 मई को सीआईएसएफ इंस्पेक्टर ब्लॉक टू एरिया बीसीसीएल के नाम एक लेटर निर्गत किया गया।

जिसके अनुसार डीओ होल्डर को अपने पे लोडर से कोयला लोड करना होगा, जबकि बीसीसीएल द्वारा ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। उक्त लेटर प्रतिटन 1600 रुपये रंगदारी पूर्वक गैर कानूनी ढंग से जबरन वसूलने हेतु प्रोजेक्ट ऑफिसर टीएस चौहान द्वारा जान बूझकर नियम विरुद्ध निर्गत किया गया है।

प्रोजेक्ट ऑफिसर टीएस चौहान द्वारा उनलोगों से दिनांक 25 मई तथा दिनांक एक जून को कोयला लोड करने के लिए प्रतिटन 1600 रुपये मांगा गया था। इन्कार करने के चलते उनलोगों का गाड़ी आज तक लोड नहीं किया है। इसलिए प्रोजेक्ट ऑफिसर टीएस चौहान के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जाये, ताकि उन्हें न्याय मिल सकें और उनकी गाड़ी लोड हो सकें।

ठीक इसी प्रकार का एक आवेदन कन्हाई चौहान ने बरोरा थाना प्रभारी को भी दिया है। बरोरा थाना प्रभारी से भी इसी प्रकार की शिकायत की गई है। बरोरा थाना प्रभारी को लिखी शिकायत में धनबाद के सजायाफ्ता भाजपा सांसद ढुलू महतो, बाघमारा विधायक व ढुलू का भाई शत्रुघ्न महतो, बीसीसीएल बरोरा क्षेत्र संख्या एक के जीएम पीयूष किशोर, बीसीसीएल बरोरा क्षेत्र संख्या एक के सेल ऑफिसर परमेन्दर कुमार, एएमएलजी मुराईडीह फुलारीटांड कोलियरी बीसीसीएल के प्रोजेक्ट ऑफिसर काजल सरकार के नाम है। इन सभी पर आरोप है कि इन सभी ने एकमत होकर ट्रक में कोयला लोड करने के लिए 1600 रुपये की रंगदारी मांगी है और नहीं देने पर कोयला लोड नहीं होने देने एवं जान से मारने की भी धमकी दी है।

सूत्र बताते हैं कि धनबाद का सजायाफ्ता भाजपा सांसद ढुलू महतो पर ये कोई पहला आरोप नहीं हैं। उस पर कई आरोप पूर्व में भी लग चुके हैं। खुद कन्हाई महतो ही पूर्व में भी उस पर रंगदारी मांगने का आरोप लगा चुके हैं। चूंकि सजायाफ्ता भाजपा सांसद ढुलू महतो पर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सीधे वरद् हस्त प्राप्त हैं। इसलिए सजायाफ्ता सांसद ढुलू पर कोई भी प्रशासनिक अधिकारी चाहे वो केन्द्र से जुड़ा प्रशासनिक अधिकारी हो या स्थानीय पुलिस प्रशासन में बैठे नीचे से उपर तक के पदाधिकारी सभी उससे बेहतर संबंध बनाने में ही ज्यादा ध्यान देते हैं। कोई उस पर कार्रवाई करने से डरता है।

शायद वो जानता है कि ढुलू पर कार्रवाई करने का न्यौता देना, खुद पर मुसीबत मोल लेना है। इसलिए कोई भी ढुलू के खिलाफ न तो बोलना चाहता है और न ही कोई एक्शन लेना चाहता है। ऐसे भी पूरे धनबाद में ढुलू की तूती बोलती है। अगर किसी ने भी उसके खिलाफ बोलने की कोशिश की, ढुलू उस पर अपनी भौंहे टेढ़ी कर देता है। हाल ही में एक बार वहां के वरिष्ठ समाजसेवी विजय झा ने उसकी काली करतूतों पर बोलना शुरु किया। तो वह उनके बेटे को ही फंसाने की ठान ली।

वो तो विजय झा की सामाजिक प्रतिष्ठा इतनी है कि उसकी वहां दाल नहीं गली। ढुलू तो धनबाद के ही पूर्व भाजपा सांसद पीएन सिंह के खिलाफ अनाप-शनाप बयान दे चुका है। जिसका जवाब उसी की भाषा में पूर्व सांसद पीएन सिंह कई बार दे चुके हैं। इसके बावजूद भी ढुलू पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हो या नेता प्रतिपक्ष सभी बलिहारी जाते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के तो सजायाफ्ता ढुलू आंखों के तारे हैं।

लेकिन अब देखना यह है कि कन्हाई चौहान के इस शिकायत पर स्थानीय पुलिस क्या एक्शन लेती है? हांलांकि विद्रोही24 को पता है कि सजायाफ्ता ढुलू महतो और उसके भाई शत्रुघ्न महतो के खिलाफ कार्रवाई करने की कितनी ताकत स्थानीय पुलिस में हैं। रही बात धनबाद के पत्रकारों की तो वे तो ढुलू और शत्रुघ्न के कृपा तले इतने दबे है कि सोते-जागते उनकी जूबां पर सजायाफ्ता ढुलू का ही नाम होता है। ऐसे में फिलहाल सजायाफ्ता ढुलू की ही चलेगी। बेचारा कन्हाई चौहान कितना भी शिकायत पत्र क्यों न स्थानीय पुलिस को लिखकर थमा दें। होगा, वहीं जो सजायाफ्ता सांसद ढुलू चाहेगा।

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