झामुमो का सवाल, जिस रोड का टोल टैक्स जनता महीनों से दे रही है, उसका लोकार्पण करने की जरुरत क्यों आ पड़ी गडकरी जी
केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी आज झारखण्ड दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने गढ़वा और रांची में कई राष्ट्रीय राजमार्गों का उद्घाटन व लोकोर्पण किया। जिसकी प्रशंसा झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ने मुक्तकंठ से की है, साथ ही नितिन गडकरी को एक बेहद ईमानदार व संवेदनशील व्यक्ति बताते हुए उनसे कुछ सवाल भी पूछे हैं, जो यहां चर्चा का विषय बन गया है। यहां की जनता का कहना है कि झामुमो ने जो सवाल पूछे हैं, उन सवालों में दम है। नितिन गडकरी को उसका जवाब देना चाहिए।
झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने नितिन गडकरी से पहला सवाल यह पूछ डाला कि जिस गढ़वा बाईपास का उन्होंने आज लोकार्पण किया। उसका टोल टैक्स तो पिछले कई हफ्तों/महीनों से वसूले जा रहे हैं, तो फिर इसका लोकार्पण और आज उद्घाटन कैसे हो गया? सुप्रियो ने यह भी कहा कि गढ़वा तो पिछड़ा इलाका है, जहां सड़क होना ही एक बड़ा साधन है, वहां भी लोगों से टोल वसूले जाये, तो इसका मतलब है कि इस राज्य में कैसी व्यवस्था आने जा रही है?
सुप्रियो ने दूसरा सवाल रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर पर पूछा। सुप्रियो ने कहा कि यह एनएच का हिस्सा है। राज्य में जितनी भी एनएच से जुड़ी पथ हैं, उसका सौंदर्यीकरण हो, उसका विकास हो, यह कौन नहीं चाहेगा? हम तो इसका स्वागत करेंगे। लेकिन जब 22 किलोमीटर रोड बनाने में 1159 करोड़ जिस प्रकार से बांटा जाता है। उस एवज में उतना टोल वसूला जायेगा, तो ये तो चिन्ता की बात है।
रांची के सांसद व केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ कहते हैं कि रातू रोड कॉरिडोर 400 करोड़ रुपये में बन रहा है। लेकिन सच्चाई यह है कि इस रोड को बनाने में 558 करोड़ रुपये लगे हैं यानी 158 करोड़ रुपये ज्यादा। सुप्रियो ने कहा कि हमारी सरकार ने भी राज्य में रोड बनाई है। रांची की कांटा टोली फ्लाई ओवर व सिरम टोली की हाई टेक् फ्लाई ओवर। सिरम टोली की हाई टेक् फ्लाई ओवर जिसे केबल ब्रिज द्वारा रेलवे लाइन को पार किया गया। उस 2.34 किलोमीटर फ्लाई ओवर को बनाने में 355.76 करोड़ रुपये लगे। जिसे देश की बड़ी कंपनी एल एंड टी ने बनाया।
कांटा टोली फ्लाईओवर 2.24 किलोमीटर लंबी है। इसकी लागत 224.94 करोड़ है। रघुवर दास ने जब यहां काम शुरु किया था तो उन्होंने इस पर 150 करोड़ तो ऐसे ही बर्बाद कर दिया और इधर रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर में 158 करोड़ अतिरिक्त खर्च हो गये। चार किलोमीटर का रोड 558 करोड़ रुपये में। जबकि हेमन्त सरकार ने इनसे बेहतर फ्लाईओवर वो भी बिना किसी टोल के राज्य की जनता को समर्पित कर दिया। वे जब रोड बनाते हैं, तो हमें चलने के लिए टोल देना पड़ता है। लेकिन हेमन्त सरकार जब रोड बनाती है तो जनता को टोल देना नहीं पड़ता। ये लोग गरीबों से टोल वसूल कर कांट्रेक्टरों में बांटते हैं। यही एनएचएआई का खेल है। जिसे समझने की जरुरत है।
सुप्रियो ने कहा कि गडकरी जी ईमानदार व संवेदनशील व्यक्ति है। इसलिए उनसे हम सवाल पूछ रहे हैं। जब राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने उनको पत्र लिखा कि इस कार्यक्रम को अभी टाला जाये, क्योंकि उनके पिता हॉस्पिटल में भर्ती हैं। इसे टाला भी जा सकता था क्योंकि इनके रोड से तो टोल पहले से वसूले जा रहे थे, तो लोकार्पण की, इतनी जल्दी क्या थी? यहां के लोगों की भावनाओं को समझना जरुरी थी।
कल भाजपावालों ने खूब शोर मचाया कि रातू रोड के फ्लाईओवर को भाजपावालों ने बनाया। लेकिन आज वो सारी पोल खुल गई। आज के कार्यक्रम में एनएचएआई के साथ-साथ राज्य सरकार की भी होर्डिंग दिख रही है। नितिन गडकरी ने आज गढ़वा में बहुत अच्छी बातें कही कि राजनीति केवल चुनाव तक, लेकिन चुनाव संपन्न होने के बाद राज्य/देश के विकास की सिर्फ बातें होनी चाहिए, राजनीति नहीं। लेकिन सवाल उठता है कि यही सीख प्रदेश भाजपा को क्यों नहीं प्राप्त होता?
सुप्रियो ने कहा कि भाजपावाले कह रहे है कि रातू रोड फ्लाईओवर हमने बनवाया। मतलब जमीन हमारा, लोग हमारे और आपने बनवा दिया। आज जहां गढ़वा में सरकारी कार्यक्रम था। वहां राज्य के प्रतिनिधि के रूप में हमारे वित्त मंत्री भी वहां मौजूद थे। लेकिन वहां हुआ क्या? पूरे कार्यक्रम को भाजपा का कार्यक्रम बनाने की कोशिश की गई। भाजपा के पूर्व सांसदों व पूर्व विधायकों को मंच पर मौका दिया गया। जबकि विश्रामपुर और भवनाथपुर के वर्तमान विधायक को पूछा नहीं गया। वहां के भाजपा सांसद मंच तक भाजपा के झंडे तक लेकर पहुंच गये। इस पर झामुमो को आपत्ति है। आखिर आपकी मंशा और प्रोटोकॉल क्या है?
सुप्रियो ने कहा कि आखिर ये काम क्या करना चाहते हैं? सरकार काम क्या करना चाहती है और भाजपावाले बोलना क्या चाहते हैं? ये तरीका सही नहीं है। गडकरी जी तक ये बातें पहुंचनी ही चाहिए। आखिर जब कम लागत में इससे बेहतर फ्लाईओवर राज्य सरकार बनाकर आम जनता को बिना टोल लिये समर्पित कर सकती है तो आप ऐसा क्यों नहीं कर सकते। इस खेल को समझना होगा और इस खेल का आम जनता ही पटाक्षेप करेगी।