राजनीति

झारखंड की स्वास्थ्य सेवा गंभीर संकट में, इलाज के लिए खुद मंत्री दिल्ली पर निर्भर, आम जनता कहां जाएः दीपेश निराला

रांची सिटीजन फोरम के अध्यक्ष दीपेश निराला का कहना है कि झारखण्ड की स्वास्थ्य सेवा गंभीर संकट में पहुंच गई है। राज्य के मंत्री जब झारखंड में इलाज नहीं करवा पा रहे, तो आम जनता के स्वास्थ्य की स्थिति का अंदाज़ा लगाया जा सकता हैं। दीपेश निराला ने कहा कि जिस प्रकार से राज्य के मंत्रियों के स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद, ये मंत्री झारखण्ड में ईलाज न करवाकर दिल्ली की दौड़ लगा रहे हैं। वो बताने के लिए काफी है कि झारखण्ड की स्वास्थ्य सेवा किस हालात में हैं। इसका मतलब है कि राज्य के मंत्रियों को अपने यहां चल रही अस्पतालों व यहां कार्यरत चिकित्सकों पर भरोसा नहीं हैं।

दीपेश निराला ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत को उजागर करने के लिए कुछ घटनाएं अपने आप में यहां की स्वास्थ्य सेवा की पोल खोलकर रख दी है। उन्होंने कहा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी लंबे समय से दिल्ली के अस्पताल में भर्ती हैं। कुछ दिन पहले ही मंत्री हफीजुल हसन ने भी दिल्ली में ऑपरेशन करवाया और अब एक बार फिर एक मंत्री रामदास सोरेन जी को एयरलिफ्ट कराकर दिल्ली ले जाया गया।

उन्होंने कहा कि यह सारी घटनाएं दर्शाती हैं कि झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था आमजन तो दूर, खुद मंत्रियों के भरोसे लायक नहीं रही। 25 वर्ष बीतने के बाद भी राज्य में ऐसा कोई सुपरस्पेशलिटी अस्पताल नहीं है जहाँ गंभीर बीमारियों का उपचार हो सके। यह राज्य में अब तक बनी सारी सरकारों की प्राथमिकताओं व उनकी कार्यप्रणालियों पर सवाल खड़ा करता है। दीपेश निराला ने कहा कि यह समय है राजनीतिक इच्छा शक्ति दिखाने का। यदि आज के सत्ताधारी खुद राज्य में इलाज से भरोसा खो रहे हैं, तो वे कैसे झारखंड के नागरिकों से अपेक्षा कर सकते हैं कि वे यहीं इलाज कराएं?

उन्होंने कहा कि रांची सिटीजन फोरम यह मांग करती है कि झारखंड में जल्द से जल्द उच्च स्तरीय सरकारी अस्पतालों और चिकित्सा सुविधाओं की स्थापना की जाए, और पूर्व में विभिन्न प्रमंडलों में बने मेडिकल कॉलेज को पूर्ण रूप से शुरू कराएं, ताकि आम नागरिकों को भी सम्मानजनक और सुलभ इलाज मिल सके।

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