इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी बी सुदर्शन रेड्डी ने हेमन्त सोरेन प्रकरण को उठाकर संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के उपर उठाए सवाल, कहा जब तक जवाब नहीं मिलेगा, सवाल उठते रहेंगे
इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के प्रत्याशी व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी सुदर्शन रेड्डी आज रांची पहुंचे। रांची पहुंचकर उन्होंने मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से मुलाकात की तथा वहीं उनके साथ प्रेस कांफ्रेस कर मीडिया के लोगों से बातचीत भी की। बातचीत के दौरान उन्होंने सर्वप्रथम दिवंगत दिशोम गुरु शिबू सोरेन को श्रद्धाजंलि अर्पित की। उन्होंने दिशोम गुरु के बारे में कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन यहां के लोगों के लिए समर्पित कर दिया तथा उनके संघर्ष का ही परिणाम है कि लोगों को झारखण्ड हासिल हुआ।
बी सुदर्शन रेड्डी ने अपने प्रेस कांफ्रेस को संविधान, लोकतंत्र और इसके ढांचे पर केन्द्रित रखा। उन्होंने कहा कि सभी ने देखा कि किस प्रकार झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को विभिन्न आरोपों में जेल भेज दिया गया और बाद में न्यायालय के आदेश से वे रिहा हुए। उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। लेकिन जितने दिनों वे जेल मे रहे, जिस प्रकार उनके आत्मसम्मान के साथ खेल किया गया। उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाई गई। क्या उसका जवाब संवैधानिक पदों पर बैठे लोग दें पायेंगे। उन्हें तो जवाब देना पड़ेगा और जब तक वे जवाब नहीं देंगे, हम सवाल उठाते रहेंगे।
उन्होंने अपने बारे में भारतीय संविधान की प्रति दिखाते हुए कहा कि उनकी संविधान के साथ यात्रा वर्ष 1971 से प्रारंभ हुई, जो आज भी जारी है। आज वे उपराष्ट्रपति पद के विपक्ष की ओर से प्रत्याशी है। यह पद अतिमहत्वपूर्ण संवैधानिक पद है। उन्होंने कहा कि आखिर ये संविधान क्या है? आप इसका एक-एक पन्ना उलटते जायेंगे, तो उसके बाद भी पूरी तरह से समझ नहीं पायेंगे।
उन्होंने कहा कि यह संविधान सभी भारतीयों के बीच समानता, उनके सम्मान, उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा, आर्थिक स्थिति और सभी के लिए न्याय की बात करता है। व्यक्तिगत गरिमा के बारे में भी संविधान बात करता है। लेकिन हेमन्त सोरेन के साथ क्या हुआ? हेमन्त सोरेन की व्यक्तिगत प्रतिष्ठा धूमिल की गई। उन्हें सताया गया, उनके साथ गलत व्यवहार किया गया। जब वह गिरफ्तार किये गये, तो उन्होंने पाया कि यह संवैधानिक प्रक्रिया का घोर उल्लंघन था।
उन्होंने कहा कि दरअसल जिन्हें सत्ता मिलती है, जिनके हाथों में संविधान की आत्मा को बचाने का शक्ति दिया गया है। पर वे कर क्या रहे हैं, अपने ढंग से स्वहित में उसका इस्तेमाल कर रहे हैं। जो गलत है। ऐसे में लोकतंत्र का कोई मतलब नहीं रह जाता। हम जनहित में लोगों को संविधान के तहत मिले अधिकार की रक्षा को लेकर सवाल उठाते रहेंगे।
प्रेस वार्ता के मौके पर झारखंड कांग्रेस के प्रभारी श्री के. राजू, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव प्रणव झा, झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, लोक सभा सांसद रघुराम रेड्डी, जोबा मांझी, सुखदेव भगत एवं कालीचरण मुंडा तथा राज्यसभा सांसद महुआ माजी एवं सरफराज अहमद मौजूद थे।