राजनीति

जनजातीय भाषा और संस्कृति को पहचान एवं सम्मान दिलाने व ओल चिकी लिपि से संथाली भाषा का पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए सरकार वचनबद्धः हेमन्त सोरेन

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, मुख्य अतिथि एवं राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार तथा मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन विशिष्ट अतिथि के रूप में आज  दिशोम  जाहेर, करनडीह, जमशेदपुर में आयोजित 22 वां संथाली  “पारसी महा ” एवं ओल चिकी लिपि के शताब्दी वर्ष समापन समारोह में सम्मिलित हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अपने संबोधन में कहा कि जनजातीय भाषा और संस्कृति को पहचान एवं सम्मान दिलाने के लिए उनकी सरकार प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि इस दिशा में आदिवासी समाज के साथ मिलकर प्रयास निरंतर जारी है। इसी क्रम में आज का यह समारोह भी काफी विशेष है। क्योंकि, हमें संथाली भाषा और साहित्य के विकास में साहित्यकारों तथा बुद्धिजीवियों को उनके योगदान के लिए सम्मानित कर गर्व की अनुभूति हो रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड प्रदेश में ओल चिकी लिपि से संथाली भाषा का पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए सरकार वचनबद्ध है। साथ ही जनजातीय भाषाओं के विकास और उसे सुरक्षित, संरक्षित और समृद्ध करने की दिशा में हम निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। आज संथाली जैसी जनजातीय भाषाओं से आदिवासी समाज की आवाज बहुत दूर तक पहुंच रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज आज अगर सशक्त हो रहा है तो इसमें  हमारे देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी का इसमें अहम योगदान है। राष्ट्रपति भवन में भी होने वाले कई कार्यक्रमों में आदिवासी समाज और उसकी संस्कृति, परंपरा और पहचान को प्रमुखता के साथ पेश करने का प्रयास होता रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु जी की पहल से आदिवासी समाज का मान-सम्मान बढ़ रहा है। ऐसे में राष्ट्रपति के प्रयासों की जितनी प्रशंसा की जाए, वह कम ही होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संथाली भाषा और इसकी लिपि ओल-चिकी का  आज अलग वजूद है तो इसमें गुरु गोमके पंडित रघुनाथ मुर्मू जी का योगदान अविस्मरणीय है। आज से सौ वर्ष पहले उन्होंने ओल चिकी के रूप में संथाली भाषा को एक अलग लिपि दी थी। ऐसे में जब तक ओल -चिकी लिपि और आदिवासी‑संथाल समाज जीवित रहेगा, तब तक पंडित रघुनाथ मुर्मू जी अमर रहेंगे। इस अवसर पर लोक सभा सांसद एवं ऑल संथाली राइटर्स एसोसिएशन के सलाहकार कालीपद सोरेन, ऑल इंडिया संथाली राइटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष लक्ष्मण किस्कू,  जाहेर थान कमिटी के अध्यक्ष सीआर मांझी समेत संथाली समाज के प्रतिनिधि गण मौजूद थे।

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