रांची प्रेस क्लब के पूर्व कोषाध्यक्ष सुशील कुमार सिंह ने अध्यक्ष व सचिव को दी धमकी, अगर क्लब के बायलॉज के खिलाफ जारी की गई नोटिस को वापस नहीं लिया तो वे दोनों के चैंबर में गुरुवार को करेंगे तालाबंदी
रांची प्रेस क्लब के पूर्व कोषाध्यक्ष सुशील कुमार सिंह (सदस्यता संख्या 0365/2017) ने रांची प्रेस क्लब के सभी सदस्यों को सूचित किया है कि वर्तमान अध्यक्ष सुरेन्द्र सोरेन और मैनेजिंग कमेटी के सभी सदस्यों की अकर्मण्यता के कारण टकराव की स्थिति बनती हुई दिख रही है। मसला नये सदस्यों की सदस्यता से जुड़ा है और अध्यक्ष व सचिव की स्वार्थपरायणता में संस्था नियमों को ताक पर रखकर अवैध नोटिस जारी किये जा रहे हैं।
उन्होंने कहा है कि नये सदस्यों के आवेदन पर विचार और अनुशंसा के लिए गठित मेंबरशिप रिव्यू कमेटी ने अपनी अनुशंसा 31 मई को मैनेजिंग कमेटी को सौंप दी थी। नियमानुसार 45 दिनों के अंदर आपत्ति मांगकर मैनेजिंग कमेटी को फाइनल रिपोर्ट सौंपनी थी। 15 जुलाई के तय डेडलाइन तक मैनेजिंग कमेटी ये करने में असमर्थ रही। नियमानुसार अगर मैनेजिंग कमेटी तय समय में अपनी जिम्मेवारी निभाने में असमर्थ रहती है तो मेंबरशिप रिव्यू कमेटी की अनुशंसा की मान्य होगी। ये क्लब का संविधान कहता है।
सुशील कुमार सिंह का कहना है कि अपनी अकर्मण्यता का ऐहसास होते ही अध्यक्ष ने सचिव के माध्यम से क्लब के बायलॉज को ठेंगा दिखाते हुए एक नोटिस जारी कर दिया। जो नोटिस ही अवैध है। ऐसा कोई प्रावधान बायलॉज में नहीं है। अध्यक्ष के कहने पर सचिव ने जो नोटिस जारी किया। वो नोटिस इस प्रकार है…
“रांची प्रेस क्लब की मेंबरशिप रिव्यू कमेटी के कन्वेनर आलोक कुमार सिन्हा द्वारा जारी की गई सूची में कई विसंगतियां सामने आई हैं। क्लब के अध्यक्ष सुरेन्द्र लाल सोरेन के निर्देश पर एवं संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए इन विसंगतियों के मद्देनजर तत्काल प्रभाव से सदस्यता अभियान को स्थगित किया जा रहा है। सभी सम्मानित सदस्यों से विनम्र आग्रह है कि नये सदस्यों के चयन को लेकर जिनको कोई आपत्ति है। वे सात दिनों के अंदर 27 जुलाई शाम सात बजे तक अपनी आपत्ति, शिकायत या सुझाव क्लब कार्यालय में लिखित अथवा व्यक्तिगत रूप से मिलकर आवेदन जमा कर सकते हैं, ताकि सदस्यता अभियान को पारदर्शी एवं निष्पक्ष रूप से संपन्न कराया जा सके।
सादर
अमरकांत
सचिव, रांची प्रेस क्लब।”
सुशील कुमार सिंह ने इस नोटिस पर सवाल उठाते हुए अध्यक्ष व सचिव से पूछा है कि किस नियम के तहत नोटिस जारी की गई और सचिव जो खुद मैनेजिंग कमेटी के सदस्य हैं, वो सामने आकर बताएं कि जिन पत्रकारों की नई सदस्यता दी गई है, उनमें से आपने (सचिव) ने कितने पत्रकारों का नाम रिजेक्ट किया था।
सुशील कुमार सिंह ने कहा है कि अब तक अध्यक्ष व सचिव का जवाब उन्हें नहीं मिला है। क्लब के संविधान/बायलॉज के प्रावधानों के साथ खिलवाड़ नहीं होनी चाहिए। इसलिए उन्होंने नवम्बर-दिसम्बर 2017 से ही सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास किया है। सुशील कुमार सिंह ने कहा है कि वे सुनिश्चित करेंगे कि नियमों के विरुद्ध कोई कृत्य न हो। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अपनी गलती स्वीकार करते हुए इस अवैध नोटिस को वापस नहीं लिया गया, तो वे 24 जुलाई को दोपहर, अध्यक्ष व सचिव दोनों के चैंबर में तालाबंदी करेंगे। लोकतांत्रिक व्यवस्था में एक सदस्य होने के नाते, उनका ये अधिकार है और टकराव की स्थिति बनेगी तो उससे भी निबटा जायेगा।