अपनी बात

रांची प्रेस क्लब के अध्यक्ष व सचिव की पूर्व महासचिव अखिलेश ने उड़ाई खिल्ली, कहा बायलॉज से ही कमेटी को समस्या, इसे मजाक बना दिया, एजीएम के दूसरे दिन हो चुनाव, नहीं तो चुनाव होने नहीं देंगे

आज रांची प्रेस क्लब में मैनेजिंग कमेटी की बैठक थी। इस बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिये जाने थे। जिसको लेकर रांची प्रेस क्लब से जुड़े सारे सदस्यों की इस बैठक पर नजर थी। लेकिन जैसे ही यह बैठक समाप्त हुई एवं बैठक में शामिल पदाधिकारियों के निर्णय आये। रांची प्रेस क्लब के पूर्व के अधिकारियों के साथ-साथ अन्य सदस्यों ने माथा पकड़ लिया और क्लब फॉर इन्फॉरमेशन में इन पदाधिकारियों की जमकर खिंचाई की।

लेकिन कहा जाता है कि इन पदाधिकारियों की इतनी मोटी चमड़ी है कि इनके द्वारा की जा रही खिंचाई का इन पदाधिकारियों पर कोई फर्क ही नहीं पड़ता। सबसे पहले मैनेजिंग कमेटी के पदाधिकारियों ने आज कौन सा निर्णय लिया और किन बातों को लेकर पूर्व के पदाधिकारियों और अन्य सदस्य गुस्से में हैं। सबसे पहले उस पर नजर डालते हैं।

क्लब के पदाधिकारियों ने निर्णय लिया है कि 10 नवंबर को क्लब के बकाएदारों की सूची जारी की जाएगी। 28 नवम्बर तक बकाए की राशि जमा किया जा सकेगा और 30 नवंबर को वोटर लिस्ट जारी कर दी जाएगी। 1 दिसंबर 2025 को 12:00 बजे रांची प्रेस क्लब की एजीएम बुलाई जाएगी। 7 दिसंबर 2025 को रांची प्रेस क्लब के चुनाव की तिथि प्रस्तावित की गई। चुनाव से पूर्व ही चुनाव की शेड्यूल भी जारी कर दी जाएगी। द रांची प्रेस क्लब की अगली बैठक 15 नवंबर 2025 को निर्धारित की गई।

इसी बीच रांची प्रेस क्लब के पूर्व महासचिव अखिलेश कुमार सिंह ने क्लब फॉर इन्फॉरमेशन में मैनेजिंग कमेटी द्वारा लिये गये आज के निर्णयों की तीखी आलोचना की। उनका कहना था कि कमेटी के लोग जान लें कि एजीएम के अगले दिन चुनाव होता है। नियम सम्मत कार्रवाई करें। अन्यथा चुनाव नहीं होने दिया जायेगा। एजीएम के दूसरे दिन चुनाव कराया जाता है, तो इस बार लेट से क्यों हो रहा हैं चुनाव, क्या कारण है और किसका यह प्रस्ताव था, जिसे सभी लोगों ने मान लिया।

अखिलेश का यह भी कहना था कि कमेटी गलत कर रही है। नियम, नैतिकता कोई मूल्य है या नहीं। चुनाव कैलेंडर के अनुरूप ही कराये जाये। बायलॉज चुनाव को लेकर स्पष्ट है। फैसले में सुधार किये जाये। जाते-जाते एक काम तो सही कीजिये। जब ऐसे ही चुनाव कराना है तो बायलॉज को फाड़ के फेंक दो। अखिलेश द्वारा किये जा रहे विरोध का पूर्व कोषाध्यक्ष सुशील सिंह मंटू ने भी समर्थन किया है।

अभिषेक सिन्हा का कहना था कि ये लोग बायलॉज को मानते ही नहीं हैं। ये आगे चलकर बड़ी समस्या बन जायेगी। ये लोग बायलॉज को पढ़ता ही नहीं है और न ही समझने की कोशिश करता है। अखिलेश का यह भी कहना था कि ठीक से नियमों को अध्यक्ष, सचिव पढ़े, मजाक बनाके रखा है। दरअसल बायलॉज से ही इस कमेटी को घनघोर समस्या है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *