राजनीति

राज्य में विस्थापन-पुनर्वास आयोग का गठन, देश को सीधा संवाद कि जितने भी मुद्दे आदिवासियों-मूलवासियों, वंचित-उपेक्षितों को लिए गुरुजी ने जीवित रहते उठाए थे, उसे हर हाल में पूरा किया जायेगाः  सुप्रियो

झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने आज रांची में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज प्रकृति पर्व करम का दिन है। प्रकृति तो फिलहाल हमलोगों के साथ ऐसा व्यवहार कर रही है, जो गलतियां हमने विकास के नाम पर विनाश करके की है, यह होना ही था। आज जम्मू-कश्मीर से लेकर पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड और अब झारखण्ड तक अतिवृष्टि का दंश हमें झेलना पड़ रहा है। ईश्वर हमलोगों द्वारा किया गया पाप का प्रत्युत्तर दे रहा है। इसे हमें स्वीकार करना चाहिए।

उन्होंने कल कैबिनेट में राज्य सरकार द्वारा जनहित में लिए गये विस्थापन एवं पुनर्वास आयोग का मुद्दा भी उठाया तथा इसके लिए राज्य सरकार की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि यह मांग आज का नहीं हैं। जब से झारखण्ड बना, 2001 से इसकी मांग उठ रही थी। याद करिये, जब एनएचपीसी कोयलकारो परियोजना लेकर आया, तो लोग इसके विरोध में आंदोलन पर उतर आये। बाबूलाल मरांडी की सरकार में उस वक्त वहां गोलियां चली, कई लोग शहीद हो गये। जब संसद में उस वक्त गुरु जी ने इस मुद्दे को उठाया तो कोयलकारो परियोजना बंद हुई। विकास के नाम पर विनाश का कार्यक्रम नहीं चलना चाहिए।

सुप्रियो ने कहा कि नेतरहाट में भी फील्ड फायरिंग रेंज को लेकर आंदोलन चला। जिसमें उनकी पार्टी सहर्ष भाग ली। जब सरकार अपनी इस राज्य में बनी तो उस पर भी रोक लगी। आजादी के पूर्व से लेकर आजादी के बाद तक राष्ट्र की समृद्धि और उसके विकास के लिए पूरे राज्य में खनन उद्योग चले। कई नये उद्योग आये। उसका क्या मंजर है? सबको पता है। इसलिए हमारे यहां विस्थापन और पुनर्वास हमेशा से ही बड़ा मुद्दा रहा है।

सुप्रियो ने कहा कि गुरुजी के जीवित रहते जब झामुमो का 13 वां महाधिवेशन रांची के खेलगांव में आयोजित हुआ था। उस वक्त हमलोगों ने इसे लेकर एक राजनीतिक प्रस्ताव भी पास किया था। जो आज अस्तित्व में भी आ गया। 50 वर्षों से की जा रही इस मांग को करम पूर्व अस्तित्व में ले आना, यह हम सभी के लिए सुखद क्षण है। उन्होंने यह भी कहा कि झारखण्ड की समृद्ध परम्परा रही है। यहां की शिक्षा, साहित्य, समाज, संस्कृति, नृत्य, संगीत, काश्तकारी, कलाकारी को देखते हुए जिस प्रकार से राज्य सरकार ने यहां साहित्य अकादमी, ललित कला अकादमी, संगीत नाटक अकादमी बनाने को कैबिनेट में मंजूरी दी। वो भी प्रशंसनीय है।

उन्होंने कहा कि जिन मुद्दों को लेकर हम आगे बढ़ रहे हैं। जो हमारे जमीन को जोत रहे हैं। सदियों से महाजनी प्रथा के शिकार रहे हैं। अब उन्हें भी उनका हक मिलने का समय आ गया है। पूरा विश्वास है कि हेमन्त सरकार उन्हें राजस्व पट्टा, वन भूमि पट्टा, वनोपज की हिस्सेदारी आदिवासियों और मूलवासियों को उपलब्ध करायेगी। मतलब साफ है कि जो सपना गुरुजी का था, हम उसे श्रद्धाजंलि के तौर पर राज्य की जनता को देने का काम शुरु कर चुके हैं। नेमरा से पूरे झारखण्ड ही नहीं, बल्कि पूरे देश को ये संवाद है कि जितने भी मुद्दे आदिवासियों-मूलवासियों, वंचित-उपेक्षितों को लिए गुरुजी ने उठाए थे। उसे हर हाल में पूरा किया जायेगा।

सुप्रियो ने कहा कि हेमन्त सरकार ने गुरुजी के आवास को गुरुजी की पत्नी के नाम किया, यह भी सराहनीय कदम है। हम सरकार के इन सारे कदमों की प्रशंसा करते हैं। उन्होंने कहा कि वे चाहेंगे कि गुरुजी को लेकर एक संग्रहालय भी बनें। राज्य सरकार जल्द ही राज्य के कोने-कोने में अबाधित विद्युत आपूर्ति के लिए योजना बना रही है। इसके लिए भी राज्य सरकार को सुप्रियो ने पार्टी की ओर से धन्यवाद दिया।

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