झारखण्ड के इतिहास में पहली बार लोक भवन में लगेगा रक्तदान शिविर, राज्यपाल ने इसे महायज्ञ का दिया नाम, रक्तदान से जुड़े संगठनों ने की राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार की भूरि-भूरि प्रशंसा
झारखंड के इतिहास में पहली बार राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार द्वारा 12 जनवरी 2026 (राष्ट्रीय युवा दिवस) को लोकभवन (राजभवन) में ही रक्तदान शिविर आयोजित हो रहा है, जिसमें रांची स्थित सभी विश्वविद्यालय, कॉलेज, सेना की स्थानीय बटालियन, अर्द्धसैनिक बलों की स्थानीय इकाइयों, झारखंड सशस्त्र बल, एनसीसी यूनिट, कॉलेज की एनएसएस शाखा की सक्रिय भूमिका रहेगी, साथ ही रांची में रक्तदान के क्षेत्र में सक्रिय सामाजिक एवं स्वयंसेवी संस्थाओं की उपस्थिति भी रहेंगी।
इस मानवतावादी कार्यक्रम की घोषणा मात्र से जब लोग अभिभूत हैं, तो जब यह कार्यक्रम स्वामी विवेकानन्द जी के जन्मोत्सव पर शुरू होगा, तो इसमें शामिल होनेवाले लोग किस प्रकार का सुखद अनुभव महसूस करेंगे, लोग यही सोचकर आनन्दित हैं, क्योंकि राजभवन में इस प्रकार का कार्यक्रम आम तौर पर नहीं होता।
और तो और इस रक्तदान शिविर को राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने “रक्तदान-महायज्ञ” का नाम दिया है। यह रक्तदान-महायज्ञ का निर्णय वह भी एक अभियान के रूप में, जिसमें नैतिक-धार्मिक- व्यवहारिक-जीवंत होने का दृढ़संकल्प, कर्तव्य के निर्वहन का बोध के रूप में साकार हो रहा है, तो यह निश्चय ही आनेवाले दिनों में सभी के दिलों में यह कार्यक्रम अमिट छाप छोड़ेगा और लोग रक्तदान की ओर कदम बढ़ायेंगे।
राज्यपाल द्वारा राजभवन में इस प्रकार के कार्यक्रम का साहसिक फैसला निश्चय ही उनके अंदर पनपनेवाली मानवीय संवेदनाओं को उजागर कर रहा है। यह कोई मामूली निर्णय नहीं हैं। यह बताता है कि राज्यपाल औरों से अलग और राजनीतिक एजेंडों से कुछ हटकर करना/रहना चाहते हैं, जो लोगों को रास भी आये और लोग प्रेरित भी हो। राज्य के प्रथम नागरिक के रूप में उनका यह प्रयास निश्चय ही सराहनीय और लोक प्रशंसनीय है। बताया जा रहा है कि झारखण्ड निर्माण के बाद ऐसा निर्णय किसी राज्यपाल ने नहीं लिया। आम तौर पर ऐसे कार्यक्रम बाहर ही होते थे, जिसमें कभी-कभार किसी ने भाग ले लिया।
लहू बोलेगा नामक रक्तदान संगठन रांची/झारखंड थैलेसीमिया पीड़ित एसोसिएशन/झारखंड राज्य स्वैच्छिक रक्तदान संगठन कॉर्डिनेशन कमेटी के संस्थापक व राज्य कॉर्डिनेटर नदीम खान विद्रोही24 से बातचीत के क्रम में बड़े ही गर्व से कहते है कि झारखंड राज्य के 25 वर्ष के गठन काल के इतिहास में किसी भी राज्यपाल द्वारा वह भी लोकभवन (राजभवन) में रक्तदान शिविर नहीं लगा, यह पहली बार है। हो सकता है कि राज्य के अगल-बगल में किसी ने किया हो तो उनकी जानकारी में नहीं हैं।
नदीम खान कहते है कि निश्चय ही ऐसे कार्यक्रम मील के पत्थर साबित होते हैं। इससे लोगों में जागरूकता पैदा होती है। इस “रक्तदान महायज्ञ” से हज़ारों रक्त से संबंधित रोगों के गंभीर बीमारियों से जूझ रहें थैलेसीमिया/सिकल सेल एनीमिया/अप्लास्टिक एनीमिया के पीड़ित मासूम छात्र बच्चों की जान बचेगी, यह उस जूझती हुई पीड़ित माँ और पिता के सुखद एहसास से लाखों-लाख दुआएं भी मिलेगी। जिसकी आप शायद कल्पना भी नही कर सकते।
इस अभियान से कैंसर पीड़ित/डायलिसिस/रोड एक्सीडेंट/डिलीवरी केस एवं अन्य बीमारियों के रोगियों को जल्द रक्त मिलने से राहत मिलेगी। हम राज्यपाल के इस निर्णय, अभियान रक्तदान को महायज्ञ में कन्वर्ट करने की भूमिका की दिल से सराहना करते हैं। बस राज्यपाल से एक अनुरोध है कि झारखंड भर के सभी रेड क्रॉस सोसाइटी के ब्लड बैंक से राज्य के सभी नागरिकों को सभी तरह का ब्लड कंपोनेंट निःशुल्क मिलें, इसका प्रबंध कराया जाये। इसके लिए सभी जरूरतमंद, आर्थिक रूप से ग़रीब और हम जैसे स्वैच्छिक रक्तदान संगठन से जुड़े लोग राज्यपाल के सदैव आभारी रहेंगे।
ज्ञातव्य है कि राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार के निदेश पर कल लोक भवन में आयोजित भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी, झारखंड राज्य शाखा की बैठक में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव डॉ० नितिन कुलकर्णी ने सोसाइटी के सदस्यों से कहा था कि राज्यपाल द्वारा 12 जनवरी, 2026 (राष्ट्रीय युवा दिवस) के अवसर पर लोक भवन द्वारा “रक्तदान महायज्ञ” के आयोजन हेतु निदेशित किया गया है।
अपर मुख्य सचिव द्वारा बैठक में राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर आयोजित किए जा रहे इस “रक्तदान महायज्ञ” की तैयारियों की समीक्षा करते हुए इस महायज्ञ में रांची स्थित सभी विश्वविद्यालयों/ महाविद्यालयों, सेना की स्थानीय बटालियन, अर्धसैनिक बलों की स्थानीय इकाइयों, झारखंड सशस्त्र बल, एनसीसी यूनिट तथा महाविद्यालयों की एनएसएस शाखाओं को सक्रिय रूप से जोड़े जाने के निदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इससे जरूरतमंद मरीजों को पर्याप्त रक्त उपलब्ध तो होगा, साथ ही ऐसे आयोजन युवाओं में सेवा, करुणा एवं सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना को और सुदृढ़ करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल की यह मंशा है कि राज्य के ब्लड बैंकों में पर्याप्त रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित हो, सभी मरीजों को आसानी से रक्त मिले।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि रक्तदान शिविर के आयोजन में झारखंड स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी को भी सक्रिय रूप से सम्मिलित किया जाए। इसके अतिरिक्त, रांची में रक्तदान के क्षेत्र में सक्रिय सामाजिक एवं स्वयंसेवी संस्थाओं की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाए।
बैठक में भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी की सभी जिला शाखाओं की बेहतर सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए आपसी समन्वय पर विशेष बल दिया गया। साथ ही यह भी कहा गया कि रक्तदान करने वाले सभी रक्तदाताओं को सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर यह भी निर्णय लिया गया कि इस रक्तदान शिविर में अधिक से अधिक ब्लड सेंटर भाग लें, ताकि अधिक संख्या में जरूरतमंद को समय पर रक्त उपलब्ध कराया जा सके। यह रक्तदान महायज्ञ लोक भवन स्थित बिरसा मंडप में आयोजित किया जाएगा।
