चुनाव प्रेक्षक भारतीय लोकतंत्र के प्रकाशस्तंभ: ज्ञानेश कुमार
भारत निर्वाचन आयोग ने आज बिहार विधानसभा के आगामी आम चुनाव एवं कुछ राज्यों में उपचुनावों के लिए केंद्रीय प्रेक्षकों के रूप में तैनात किए जाने वाले सामान्य, पुलिस एवं व्यय प्रेक्षकों के लिए एक ब्रीफिंग का आयोजन किया। बैठक में 287 आईएएस अधिकारियों, 58 आईपीएस अधिकारियों और आईआरएस/आईआरएएस/आईसीएएस और अन्य सेवाओं के 80 अधिकारियों सहित 425 अधिकारियों ने भाग लिया। ब्रीफिंग बैठक नई दिल्ली में आईआईआईडीईएम में आयोजित की गई थी।
मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार ने चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी के साथ केंद्रीय प्रेक्षकों को ब्रीफ किया। प्रेक्षकों को संबोधित करते हुए, सीईसी ज्ञानेश कुमार ने उन्हें लोकतंत्र के प्रकाशस्तंभ के रूप में वर्णित किया। आयोग की आँख और कान के रूप में, केंद्रीय प्रेक्षकों से सभी चुनाव कानूनों, नियमों और दिशानिर्देशों से परिचित होने, सीधे ज़मीनी इनपुट प्रदान करने और उनके सख्त और निष्पक्ष अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए कहा गया।
प्रेक्षकों को राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और मतदाताओं के लिए उनकी शिकायतों के निवारण हेतु पूरी तरह से सुलभ रहने का निर्देश दिया गया। प्रेक्षकों को मतदान केंद्रों का दौरा करने और मतदाताओं की सुविधा के लिए आयोग द्वारा हाल ही में की गई पहलों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया।
आयोग, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने में सहायता करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 324 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 20बी द्वारा उसे प्रदत्त पूर्ण शक्तियों के तहत केंद्रीय प्रेक्षकों की नियुक्ति करता है। वे ज़मीनी स्तर पर चुनावी प्रक्रिया के कुशल और प्रभावी प्रबंधन की भी निगरानी करते हैं।