मानसून सत्र में शोक प्रस्ताव के दौरान दिशोम गुरु के लिए भारत रत्न, उनकी जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल करने, विधानसभा व पारसनाथ की चोटी पर आदमकद प्रतिमा लगाने व नेमरा में समाधि बनाने की उठी मांग
झारखण्ड विधानसभा का मानसून सत्र आज छह मिनट विलम्ब से शुरु हुआ। जिसमें स्पीकर रबीन्द्र नाथ महतो ने सर्वप्रथम वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट सदन में पेश कराया। जिसे वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने पेश किया। वित्त मंत्री द्वारा पेश अनुपूरक बजट 4296 करोड़ 62 लाख रुपये का है।
इसके तुरन्त बाद शोक प्रस्ताव प्रारम्भ हुआ। जिस शोक प्रस्ताव में दिशोम गुरु शिबू सोरेन, पूर्व मंत्री राम दास सोरेन समेत देश के विभिन्न कोनों में दिवंगत हुए नेताओं आदि के प्रति सदन के नेताओं द्वारा उनके प्रति श्रद्धाजंलि अर्पित की गई। झारखण्ड विधानसभाध्यक्ष रबीन्द्र नाथ महतो ने अपने श्रद्धाजंलि में दिशोम गुरु शिबू सोरेन के व्यक्तित्व व कृतित्व पर विशेष रुप से प्रकाश डाला।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने दिशोम गुरु के प्रति श्रद्धाजंलि व्यक्त करते हुए कहा कि गुरुजी ने जिस प्रकार से राज्य की सेवा की है। उसकी जितनी प्रशंसा की जाय कम है। उन्होंने राज्य की जनता की बेहतरी और आदिवासियों के कल्याण तथा झारखण्ड निर्माण में अपना जीवन तक उत्सर्ग कर दिया।
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आदिवासी समाज के अंदर व्याप्त कुरीतियों को दूर करने के लिए दिशोम गुरु ने आजीवन संघर्ष किया। नशाबंदी पर उनका इतना जोर था कि वे आदिवासी समाज में दिशोम गुरु के नाम से प्रसिद्ध हो गये। यहीं नहीं जिस गांव में वे पहुंचते और उस गांव में कोई हड़िया व दारु का सेवन करते हुए दिखता, तो वो भी हड़िया-दारु छोड़ दिया करता। दरअसल ये भय नहीं था, बल्कि गुरुजी के प्रति सम्मान था।
कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने गुरु जी के सम्मान में भारत रत्न देने तथा उनकी जीवनी को पाठ्यक्रम में शामिल करने का मुद्दा सदन में उठाया। राजद नेता सुरेश पासवान ने उन्हें गरीबों का मसीहा बताया तथा कहा कि वे जब तक जीवित रहे, गरीबों के लिए आंदोलनरत रहे। झारखण्ड उन्हीं का देन है।
भाकपा माले नेता अरुप चटर्जी ने कहा कि शिबू सोरेन भारत रत्न पाने के हकदार है। उन्होंने झारखण्ड विधानसभा में उनकी आदमकद प्रतिमा स्थापित करने की मांग की, साथ ही नेमरा में गुरु जी की भव्य समाधि बनाने की भी मांग की, ताकि लोग उनके जीवन से प्रेरणा ले सकें।
जदयू नेता सरयू राय ने अपने शोक संदेश में कहा कि शिबू सोरेन बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने समाज सुधार को अपना केन्द्र बिन्दु बनाया। उन्होंने 1972 में झारखण्ड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की तथा देहावसान तक उनके द्वारा किये गये कार्य अविस्मरणीय है। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेने के व्यक्तित्व को राष्ट्रीय क्षितिज पर लाने तथा उनके बताये मार्गों पर चलने का प्रयास होना चाहिए।
लोकजनशक्ति पार्टी के नेता जनार्दन पासवान ने कहा कि वे गुरुजी के कार्यों से हमेशा प्रभावित रहे हैं। देश व समाज उन्हें सदैव याद रखेगा। गुरुजी एक विचार थे। प्रेरणास्रोत थे। आजसू नेता निर्मल महतो ने कहा कि जब गुरुजी ने नशा मुक्त समाज बनाने का काम शुरु किया, तो राज्य सरकार को भी चाहिए कि उनके बताये मार्ग का अनुसरण करते हुए झारखण्ड को नशामुक्त राज्य घोषित करें।
जय राम महतो ने कहा कि शिबू सोरेन ने जो महाजनी प्रथा के खिलाफ आंदोलन शुरु किया। वो अद्वितीय आंदोलन था। उनके विचार आज भी अटल, अजर और अमर है। उन्होंने कहा कि आज गुरुजी के बेटे हेमन्त सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री है। ऐसे में गुरुजी के विचारों को साकार करने का इससे अच्छा समय और दूसरा कोई नहीं हो सकता। उन्होंने पारसनाथ की चोटी पर शिबू सोरेन, विनोद बिहारी महतो, ए के राय, शिबा महतो और निर्मल महतो की संयुक्त प्रतिमा स्थापित करने की मांग की।