सर्वाधिक भारतीय संविधान की धज्जियां उड़ानेवाली कांग्रेस, आज ‘नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली चली हज को’ वाली लोकोक्ति चरितार्थ करने में लगी हैं, बाबूलाल मरांडी ने प्रमाण के साथ कांग्रेस के चाल-चरित्र पर उठाए सवाल
जिसने सत्ता में रहकर भारतीय संविधान की धज्जियां उड़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी, वो कांग्रेस पार्टी नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली चली हज को वाली कहावत सिद्ध करने के लिए खूब पसीने बहा रही है। आनेवाले छः मई को रांची में संविधान बचाने को लेकर सभा करने जा रही है। सच्चाई यही है कि ये वे लोग हैं, जो संविधान को दिल से नहीं मानते, ये संविधान की कॉपी को जेब में लेकर चलनेवाले लोग हैं। इन्होंने संविधान को जेबी संविधान बनाकर रख दिया है और बात करते हैं भारतीय संविधान की रक्षा की।
उक्त बातें नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में संवाददाताओं के बीच में कही। उन्होंने कहा सबसे ज्यादा संविधान में संशोधन अगर किसी ने करवाया तो वो कांग्रेस ही हैं। इनके नेता पं. नेहरु तो प्रथम आम चुनाव के पहले यानी 1951 में ही संविधान का पहला संशोधन करवा दिया, वो भी बाबा साहेब अंबेडकर के रहते।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जिस कांग्रेस ने सर्वाधिक समय तक भारत पर शासन किया। उस कांग्रेस ने अब तक 78 संशोधन संविधान में करवाये। वो भी जनहित में नहीं। बल्कि अपने हित में, अपने शासन के हित में करवाये। अपने वोट को देखकर करवाये। जब इमर्जेंसी लगवाई तो उस वक्त तो संविधान की ऐसी धज्जियां उड़ाई कि देश में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को ही समाप्त करा दिया। न्यायपालिका तक पर अंकुश लगवाया। देश के विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया।
बाबूलाल मरांडी के शब्दों में तो आपातकाल के समय तो इन्दिरा गांधी ने भारत के संविधान को ही समाप्त कर दिया और ऐसे लोग भारत के संविधान की बचाने की आज बात कर रहे हैं। इनलोगों को तो संविधान बचाने का नाटक छोड़कर जो सबसे पहले संविधान को लेकर कुकृत्य किया। उसको लेकर भारत की जनता से क्षमा-याचना करनी चाहिए। कान पकड़कर माफी मांगनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को बताना चाहिए कि शाहबानो मामले में उसने संविधान के साथ क्या किया। सर्वोच्च न्यायालय ने गुजारा भत्ता दिया और सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को संविधान में संशोधन करवाकर शाहबानो के केस को ही उलट कर रख दिया। धारा 35ए और धारा 370 लाकर जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य देकर, भारत से उसे अलग करने की एक विशेष कानून बना दिया।
ये संविधान बचाने का नाटक करनेवाले लोगों का ही एक नेता है, जो झारखण्ड में मंत्री हैं। नाम है – हफीजुल हसन अंसारी, वो ताल ठोककर कहता है कि उसके लिए संविधान से बढ़कर शरिया है और ये लोग बात करते हैं, संविधान की रक्षा की। क्या कोई कांग्रेसी नेता हफीजुल हसन अंसारी के उस बयान का खंडन किया? नहीं किया। करेगा भी कैसे, बाते मुस्लिम वोटों की जो हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में चार दिनों से पुलिस महानिदेशक नहीं हैं। भारतीय सेवा नियमावली के तहत राज्य के पुलिस महानिदेशक 30 अप्रैल को ही रिटायर्ड हो गये और आज भी उन्हें उस पद पर जानबूझकर बनाकर रखा गया है। क्या ये संविधान का उल्लंघन नहीं हैं? दरअसल ये सब कानून की धज्जियां उड़ानेवाले लोग है। सिर्फ नौटंकी करते है। इससे अधिक कुछ नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि क्या ये सही नहीं हैं कि कांग्रेस के शासनकाल में धारा 356 का सर्वाधिक दुरुपयोग हुआ और कई राज्यों से लोकप्रिय सरकार को धाराशायी कर दिया गया। क्या इस प्रकार के कुकर्म से भारत का संविधान उस वक्त मजबूत हो रहा था? कांग्रेस को जवाब देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आज नेशनल हेराल्ड के मामले में क्या हो रहा है? इन्हें इस मामले में अदालत में जाना चाहिए, अपना पक्ष अदालत में रखना चाहिए तो ये अदालत न जाकर, सड़क पर उतर रहे हैं। ये सारी बातें बता दे रही हैं कि भारतीय संविधान की सर्वाधिक धज्जियां कौन पार्टी और किसलिए उड़ा रही है?