कांग्रेसी एक परिवार के लिए पाकिस्तान को क्लीन चीट देना बंद करें, आपरेशन सिन्दूर खत्म नहीं हुआ, पाकिस्तान को नोटिस जब तक भारत के खिलाफ आंतक का रास्ता नहीं रोकेगा, भारत एक्शन लेता रहेगाः नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज लोकसभा में जमकर बोले। विपक्षियों के हर सवाल का जवाब दिया। साथ ही स्पष्ट कर दिया कि जब वे विजयोत्सव की बात करते हैं तो इसका मतलब ही होता है कि आतंकियों के ठिकानों को मिट्टी में मिलाना। उन्होंने कहा कि वे भारत के पक्ष में आज सदन में अपनी बात रखनें को खड़े हुए हैं। जिन्हें भारत का पक्ष नहीं दिखता, उन्हें वे आइना भी दिखायेंगे। देश के 140 करोड़ लोगों के स्वर में स्वर मिलाने के लिए खड़े हुए हैं।
भारत को पूरी दुनिया का साथ मिला, लेकिन कांग्रेस का नहीं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि पहलगाम हमला एक जघन्य हमला था। जहां आतंकियों ने लोगों के धर्म पूछकर पूरे देश में दंगे फैलाने की कोशिश की थी। लेकिन देशवासियों ने उन आतंकियों के साजिश को ही नाकाम कर दिया। जब ये घटना घटी। वे विदेश में थे। वहां से लौटे। सेना को खुली छूट दी। उन्हें अपनी सेना के सामर्थ्य पर भरोसा था।
पाकिस्तान जो बार-बार न्यूक्लियर वार की धमकी देता था। ब्लैकमेलिंग करता था। हमने उसकी ब्लैकमेलिंग की परवाह नहीं करते हुए, फैसला लिया कि भारत पहलगाम की घटना का जवाब देगा। 22 अप्रैल को पहलगाम की घटना का हमने जल्द ही बदला ले लिया। जब हमने पाकिस्तान के अंदर घुसकर उसके आतंकी ठिकानों को धुआं-धुआं कर दिया। भारत द्वारा किये गये इस हमले का पाकिस्तान के सीने पर ऐसा दर्द दिखा कि वे आज तक आईसीयू में पड़े हुए हैं।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेसियों के इस प्रश्न का कि भारत इस युद्ध में अलग-थलग पड़ा था। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस युद्ध में भारत को दुनिया का साथ मिला। संयुक्त राष्ट3 के 193 देशों में सिर्फ तीन देशों ने पाकिस्तान के समर्थन में बयान दिया था। क्वॉड, ब्रिक्स, कोई भी देश हो, दुनिया भर के देशों ने भारत का समर्थन किया। लेकिन दुर्भाग्य देखिये, मेरे देश के वीरों के पराक्रम को कांग्रेस का समर्थन नहीं मिला।
भारत ने पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के नाभि पर किये हमले
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में कहा कि ये वहीं प्रोपेगंडा है, जो सीमा पार से फैलाया गया है। कुछ लोग पाकिस्तान के झूठ को प्रचारित करने में लगे हैं। भारत का रुख हमेशा स्पष्ट रहा है। जब सर्जिकल स्ट्राइक हुआ, हमारी सेना ने उनके इलाके में जाकर आतंकियों के लांचिग पैड को नष्ट किया। सर्जिकल स्ट्राइक करने के बाद सुबह तक वे लौट आये। हमारा लक्ष्य तय था कि आतंकियों के ट्रेनिंग सेंटर को तबाह करेंगे और हमने वो भी करके दिखाया।
आपरेशन सिंदूर के समय हमारा लक्ष्य तय था। आतंकी के जो सेंटर हैं। पहलगाम के आंतकियों को जहां ट्रेनिंग मिली, वहां हमला करेंगे। हमलोगों ने उसके नाभि पर हमला कर दिया। जहां पहलगाम के आतंकियों की भर्ती हुई थी, जहां टेक्निकल सपोर्ट मिलता था, उस जगह को पहले आइडेंटिफाइ किया और फिर बाद में वहां उनके नाभि पर अटैक किया। जिसमें हमारी सेना ने शत प्रतिशत सफलता हासिल कर देश के सामर्थ्य का परिचय दिया।
पाकिस्तान में थोड़ी भी समझदारी होती तो वो आतंकियों के साथ खड़े होने की गुस्ताखी नहीं करता
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि कुछ लोग जान बूझकर इसे भूलाने की कोशिश करते हैं पर देश भूलता नहीं। छः और सात मई की रात को आपरेशन हुआ। भारत ने प्रेस कांफ्रेस कर स्पष्ट कर दिया था कि हमारा लक्ष्य आतंकियों के आका और उनके अड्डों को ध्वस्त करना हैं। हमारी सेना ने प्रेस कांफ्रेस में कह दिया कि अपना काम पूरा कर लिया। 6-7 मई को आपरेशन सिन्दूर संतोषजनक होने के बाद कल जो राजनाथ सिंह ने सदन में कहा था कि डंके की चोट पर एक बार फिर भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सेना को चंद मिनटों में बता दिया था कि हमारा जो लक्ष्य था वो पूरा कर लिया गया।
ताकि पता चले कि उनके दिलों -दिमाग पर क्या चल रहा है। पाकिस्तान में समझदारी होती, तो वह आतंकियों के साथ खड़ा होने की गलती नहीं करता। फिर भी उसने निर्लज्ज होकर आतंकियों के साथ खड़े होने का फैसला लिया। हम पूरी तरह तैयार थे। हम मौके की तलाश में थे। हमने दुनिया को बता दिया था कि हमारा लक्ष्य आंतकी हैं, उनके ठिकाने हैं, जो हमने पूरा कर लिया। जब पाकिस्तान ने आतंकियों की मदद करने की कोशिश की तो भारतीय सेना ने सालों तक याद रहे, ऐसा करारा जवाब देने का फैसला लिया। 9 मई की मध्य रात्रि, 10 मई की सुबह तक हमारी मिसाइलें, पाकिस्तान के हर कोने में प्रंचड प्रहार की। जिसकी कल्पना पाकिस्तान ने कभी नहीं की थी। भारतीय सेना ने पाकिस्तान को घूटने पर आने पर मजबूर कर दिया।
पाकिस्तान ने हमारे डीजीएमओ से गुहार लगाई, कहा बहुत मारा, अब छोड़ दो
प्रधानमंत्री ने कहा कि आपने टीवी पर देखा होगा। वहां से क्या बयान आ रहा था। कोई कह रहा था कि मैं तो स्विमिंग पूल में नहा रहा था। कोई कह रहा था कि वो दफ्तर जाने की तैयारी कर रहा था। ये पाकिस्तान के लोगों के बयान थे। जब इतना कड़ा प्रहार हुआ तो पाकिस्तान ने फोन कर भारत के डीजीएमओ से गुहार लगाई कि बस करो, बहुत मारा। अब ज्यादा मार झेलने की ताकत नहीं, प्लीज हमला रोक दो। ये पाकिस्तान के डीजीएमओ का फोन था। भारत ने तो पहले ही कह दिया था कि हमने लक्ष्य पूरा कर लिया, अब फिर गलती करोगे तो फिर जवाब मिलेगा। मैं दुबारा कह रहा हूं, भारत की स्पष्ट सुविचारित नीति, सेना के साथ मिलकर बनाई गई नीति थी, हम उनके आतंकी और उनके आतंकी ठिकानों को अपना लक्ष्य बना रहे थे।
दुनिया के किसी भी नेता ने भारत को आपरेशन रोकने के लिए नहीं कहा
प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी दौरान दुनिया के किसी भी नेता ने भारत के आपरेशन को रोकने के लिए नहीं कहा। उसी दौरान नौ तारीख की रात को अमेरिका के उपराष्ट्रपति ने हमसे बात करने का प्रयास किया। वो जब प्रयास कर रहे थे। मैं मीटिंग में व्यस्त था। बाद में मैंने उन्हें फोन किया। अमेरिका के उप राष्ट्रपति ने बताया कि पाकिस्तान बड़ा हमला करने वाला है। मेरा जवाब था – अगर पाकिस्तान का ये इरादा है, तो उसे बहुत महंगा पड़ेगा।
अगर पाकिस्तान हमला करेगा, तो हम बड़ा हमला करके जवाब देंगे। ये हमारा जवाब था। आगे हम गोली का जवाब गोले से देंगे। ये 9 की रात की बात है। उस वक्त तक हमने पाकिस्तान की सैन्य शक्ति को तहस नहस कर दिया था। ये ही मेरा जवाब और जज्बा है। पाकिस्तान जान चुका है, भारत का जवाब पहले से ज्यादा तगड़ा होता है। उसे ये भी पता है कि अगर भविष्य में नौबत आई तो भारत आगे कुछ भी कर सकता है। इसलिए मैं फिर से लोकतंत्र के मंदिर में दोहराना चाहता हूं। आपरेशन सिंदूर जारी है।
पाकिस्तान के हर दुस्साहस का उसे करारा जवाब मिलेगा
उन्होंने कहा कि पाकिसान ने दुस्साहस की कल्पना की, तो उसे करारा जवाब दिया जायेगा। आज का भारत आत्मविश्वास से भरा हुआ। आज का भारत आत्मनिर्भरता के मंत्र को लेकर पूरे शक्ति के साथ तेज गति के साथ आगे बढ़ रहा है। देश देख रहा है। भारत आत्मनिर्भर बनता जा रहा है। लेकिन देश यह भी देख रहा है, कि एक तरफ तो भारत आत्मनिर्भरता से आगे बढ़ रहा। लेकिन कांग्रेस मुद्दों के लिए पाकिस्तान पर निर्भर होती जा रही है। दुर्भाग्य से कांग्रेस को पाकिस्तान के मुद्दे इम्पोर्ट करने पड़ रहे हैं।
आज के वार फेयर में इनफार्मेशन और नेरेटिव की बहुत बड़ी भूमिका है। नेरेटिव भर के, एआई का भरपूर मदद लेकर सेना के मनोबल तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। देश की जनता के विश्वास को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। कांग्रेस और उनके सहयोगी पाकिस्तान के ऐसे ही प्रपंच के प्रवक्ता बन चुके हैं। देश की सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक को सफलतापूर्वक पूरा किया। तो तुरन्त कांग्रेस वालों ने सेना से सबूत मांगे थे।
लेकिन जब उन्होंने देश का मूड देखा, देश का मिजाज देखा, तो उनके सुर बदलने लगे। कहने लगे – ये सर्जिकल स्ट्राइक क्या बड़ी बात है? ये तो हमने भी की थी। एक ने कहा तीन सर्जिकल स्ट्राइक की थी। दूसरे ने कहा छः सर्जिकल स्ट्राइक की थी। तीसरे ने पन्द्रह की बात कर दी थी। जितना बड़ा नेता, उतना बड़ा बयान। इसके बाद बालाकोट में सेना ने एयरस्ट्राइक की। वो तो ऐसी थी। कि उस स्ट्राइक में समझदारी दिखाई। लेकिन उसमें फोटो मांगने लगे। सबूत पाकिस्तान भी मांगता और ये भी यही पूछते।
जब अभिनन्दन पाकिस्तान के हाथों लगा तो पाकिस्तानी तो खुश थे ही, कांग्रेसी भी खुश थे, कह रहे थे कि मोदी फंसा
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब पायलट अभिनन्दन पकड़े गये तो पाकिस्तान में खुशी का माहौल होना स्वाभाविक था। क्योंकि भारत का पायलट उनके हाथ लगा था। यहां भी लोग थे, जो ये कहते थे, कि अब मोदी फंसा, अब देखते हैं कि मोदी क्या करता है, अभिनन्दन को लाये तो मोदी को जाने, और जब हमने डंके की चोट पर अभिनन्दन को भारत लाया, तो इनकी बोलती बंद हो गई।
इन्होंने कहा कि ये नसीब वाला आदमी है। हमारे हाथ से एक मुद्दा निकल गया। इसी बीच पाकिस्तान के पास बीएसएफ का एक जवान उनके हाथ में गया तो फिर इन्हें मुद्दा मिला। फिर कहने लगे मोदी फंस गया, मोदी की फजीहत होगी। उनके इकोसिस्टम में, सोशल मीडिया में खूब मजे लिये जाने लगे, कैसे आयेगा, उनके परिवार का क्या होगा। बीएसएफ का वो जवान भी आन-बान शान के साथ वापस आया।
पाकिस्तान में आतंकवादी व उनके आका रो रहे हैं और यहां कांग्रेसी रो रहे हैं
प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवादी रो रहे हैं। आतंकवादी के आका रो रहे हैं। उनके रोते देखते, यहां भी कुछ लोग रो रहे हैं। सर्जिकल स्ट्राइक चल रही थी, तो एक खेल खेलने की कोशिश की, तो बात जमी नहीं। जब आपरेशन सिन्दूर शुरु हुआ तो फिर नया पैतरा शुरु कर दिया और कहने लगे कि रोक क्यों दिया। वाह रे बयान बहादुरों। आपको विरोध का कोई न कोई बहाना चाहिए और इसलिए मैं ही नहीं, पूरा देश आप पर हंस रहा है।
सेना का विरोध करना, सेना के प्रति एक पता नहीं निगेटिविटी ये कांग्रेस का पुराना रवैया रहा है। देश ने अभी, अभी करगिल विजय दिवस मनाया। लेकिन देश पूरी तरह जानता है कि उनके कार्यकाल में और आज तक करगिल के विजय को कांग्रेस ने अपनाया नहीं हैं। न तो करगिल विजय दिवस मनाया और न उसके गौरव को अपेनाया है। जब डोकलाम में हमारी सेना शौर्य दिखा रही थी। तब कांग्रेस के नेता चुपके-चुपके किससे ब्रीफिंग लेते थे, पूरी दुनिया जानती है।
आप देख लीजिये पाकिस्तान के बयान और यहां के कांग्रेसियों का बयान, कौमा फुलस्टॉप तक एक है। ये पाकिस्तान के साथ सुर में सुर मिला देते हैं। देश हैरान है। कांग्रेस ने पाकिस्तान को क्लीन चिट दे दी है। उनकी ये हिम्मत, ये उनकी आदतें नहीं जाती। पहलगाम के आतंकी पाकिस्तानी थे, उसका सबूत मांगना, ये कौन सा तरीका है। ये ही मांग पकिस्तान कर रहा हैं, जो कांग्रेस कर रही है। आज जब सबूत की कोई कमी नहीं है, सब कुछ आंखों के सामने दिख रहा हैं, अगर सबूत नहीं होते तो ये लोग क्या करते।
पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल को भारतीय सेना ने तिनके की तरह उड़ा दिया
उन्होंने कहा कि आपरेशन सिन्दूर की चर्चा भी होती है। यह देश के गौरव का क्षण है। आज हमारे एयरडिफेंस सिस्टम की दुनिया में चर्चा है। पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइल को तिनके की तरह उड़ा दिया गया है। आज आंकड़ा देता हूं। पूरा देश गर्व से भर जायेगा। 9 मई को पाकिस्तान ने करीब 1000 मिसाइल-आर्म्स ड्रोन के साथ भारत पर हमले किये। अगर ये देश के किसी भी जगह पर गिरती तो भारी तबाही होती।
लेकिन भारत ने आसमान में ही इस सभी को चूर-चूर कर दिया। हर देश वासी को इस पर गर्व हो रहा है। इसमें भी कई कांग्रेसियों को आशाएं थी कि कुछ न कुछ तो गड़बड़ होगी, मोदी फँसेगा। इसी बीच पाकिस्तान ने आदमपुर एयरवेज पर हमले का झूठ फैलाया। झूठ को बेचने की भरपूर कोशिश की। पूरी तरह ताकत लगा दी। हम अगले ही दिन आदमपुर पहुंचकर उसके झूठ को बेनकाब कर दिया। तब उन्हें अक्ल ठिकाने लगी। कि अब झूठ चलनेवाला नहीं।
कांग्रेस का भरोसा पाकिस्तान के रिमोट कंट्रोल से बनता और बिगड़ता है
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने लंबे समय तक शासन किया उसे शासन का सब कुछ नियम पता है। अनुभव है उनके पास। उसके बाद भी विदेश मंत्रालय के जवाब को ये स्वीकार नहीं करते। गृह और रक्षा मंत्री जवाब दें, उन पर विश्वास नहीं। इन्हें देश की व्यवस्था पर भरोसा नहीं। कांग्रेस का भरोसा पाकिस्तान के रिमोट कंट्रोल से बनता और बिगड़ता है। कांग्रेस के एक नये सदस्य को, जो कांग्रेस के आका लिखवाते हैं और बुलवाते हैं, वे ही बोलते हैं। आफरेशन सिदुर तो तमाशा था।
पहलगाम के हमलावरों को कल हमारे सुरक्षा बलों ने आपरेशन महादेव करके अपने अंजाम तक पहुंचाया है। लेकिन मैं हैरान हूं। यहां ठहाके लगाकर पूछा गया कि ये कल ही क्यों हुआ। ये क्या हो गया हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा। क्या आपरेशन के लिए सावन का सोमवार चुना गया था। ये तो हताशा का बयान है। क्या हो गया है कांग्रेस को। पिछले कई सप्ताह से पहलगाम के आंतकियों को क्या हुआ और जब कल हुआ तो तो कल क्यों हुआ, कल ही क्यों हुआ। क्या हाल है।
आपरेशन सिन्दूर भारतीय सेना के सशक्तिकरण का साक्षात प्रमाण
शास्त्रों मे कहा गया है – शस्त्रेन रक्षिते राष्ट्रे, शास्त्र चर्चा प्रर्वतते। जब राष्ट्र शस्त्र से सुरक्षित होते हैं तभी शास्त्रों की चर्चा होती है। आपरेशन सिन्दूर बीते दशक में भारत की सेना के सशक्तिकरण का साक्षात प्रमाण है। ये ऐसे ही नहीं हुआ है। कांग्रेस के शासनकाल के दौरान, सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सोचा भी नहीं जाता था। हर रक्षा सौदे में कांग्रेस अपने मौके खोजती रहती थी। छोटे-छोटे हथियारों के लिए विदेशों पर आत्मनिर्भरता इनका कार्य रहा है। लंबा लिस्ट है। हर चीज के साथ घोटाला जुड़ा हुआ है।
हमारी सेना को आधुनिक हथियारों के लिए दशकों तक इंतजार करना पड़ा। आजादी के पहले और इतिहास गवाह है कि डिंफेंस मैन्यफेक्चरिंग में भारत अव्वल था। जब तलवारों से लड़ाइयां होती थी, तो उस जमाने में भी हम हथियारों के निर्माण में निपुण थे। आजादी के बाद मजबूत मैन्यूफेक्चरिंग को तबाह कर दिया गया। उसको दुर्बल किया गया। रिसर्च और मैन्यूफेक्चरिंग के लिए रास्ते बंद कर दिये गये। अगर हम इसी नीति पर चलते तो भारत आपरेशन सिन्दूर के बारे में सोच भी नहीं सकता था। भारत को सोचना पड़ता तो यह कि कोई एक्शन लेना है तो संसाधन कहां से आयेंगे। ये टेंशन पालना पड़ता। बीते एक दशक में मेक इन इंडिया से हथियार सेना को मिले। इन हथियारों ने इस आपरेशन में निर्णायक भूमिका निभाई।
एक दशक पहले भारत के लोगों ने संकल्प लिया। भारत सशक्त आत्मनिर्भर और आधुनिक राष्ट्र बने। रक्षा, सुरक्षा हर क्षेत्र में बदलाव के लिए एक के बाद एक ठोस कदम उठाये गये। देश में सेना में जो रिफार्म्स हुए हैं। वो देश की आजादी में पहली बार हुआ है। चीफ ऑफ स्टाफ की नियुक्ति पहली बार की गई। हमने किया और तीनों सेनाओं ने इसका अभिनन्दन किया। इसे दिल से स्वीकार किया। सबसे बड़ी ताकत ज्वाइन आफ इंटीग्रेशन की। हमारी ताकत को आगे बढ़ाया। ये हमने करके देखाया, सरकार की जो डिफेंस कंपनिया थी। उसमें भी सुधार किया। वहां हड़ताल आंदोलन करने की साजिश चलती थी। उसे बंद करवाया। रिफार्म्स को स्वीकार कराया। आज वो भी प्रोडक्टिव हुए। आज प्राइवेट सेक्टर भी आगे आ रहा है। सैकड़ों स्टार्ट अप चल रहे हैं। 30-35 उम्र के युवा इसमें लगे हैं। उनकी ताकत व प्रोडक्शन में लगे हैं। ये आपरेशन सिन्दुर में काम आये। अब देश रुकनेवाला नहीं हैं।
ऑपरेशन सिन्दूर ने विश्व के डिफेंस मार्केट में भारत का झंडा किया बुलंद
डिफेंस सेक्टर में मेक इन इंडिया ये नारा नही था। इसके बजट में पॉलिसी में निर्णय लिये, क्लीयर कट विजन के साथ मेक इन इंडिया के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। एक दशक में डिफेंस का बजट पहले से तीन गुणा हुआ है। डिफेस प्रोडेक्शन में 250 प्रतिशत वृद्धि हुई है। तीस गुणा से ज्यादा डिफेंस एक्सपोर्ट बढ़ा है। 100 देशों में हम आगे बढ़े हैं। आपरेशन सिन्दूर ने डिफेंस का जो मार्केट हैं, उसमें भारत का झंडा गाड़ दिया है। भारत के हथियारों की मांग पूरे देश में बढ़ रही है। इससे हमारे नौजवानों को रोजगार मिलेगा।
डिफेंस के क्षेत्र में जो आत्मनिर्भर देश हो रहा है। उससे कुछ लोगो को तकलीफ हुई है, जैसे लग रहा है कि उनका खजाना लूट गया है। देश को ऐसे लोगों को पहचानना होगा। देश का डिफेंस में आत्मनिर्भर होना, स्पर्द्धा काल में विश्व शांति के लिए जरुरी है। भारत युद्ध का नहीं, बुद्ध का देश हैं। हम शांति समृद्धि चाहते हैं, पर हम कभी नहीं भूले कि समृद्धि और शांति का रास्ता शक्ति से होकर ही गुजरता है। छत्रपति शिवाजी महाराज, महाराजा रणजीत सिंह, महाराणा प्रताप आदि का देश है। हम विश्वास और शांति के लिए सामरिक सामर्थ्य पर भी फोकस करते हैं। काग्रेस के पास नेशनल सिक्यूरिटी का विजन न पहले था और न आज है। कांग्रेस ने हमेशा नेशनल सिक्यूरिटी को नजरदांज कर दिया।
पीओके पर कब्जा क्यों नहीं पूछनेवालों, पहले ये बताओ की पीओके पर कब्जा पाकिस्तान को किसने करने दिया
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये हमसे पूछते हैं कि पीओके क्यों नहीं लिया। ये ऐसा सवाल, ये हमसे ही पूछ सकते हैं। लेकिन सवाल तो उनसे ही पूछा जाना चाहिए कि किसने पीओके पर पाकिस्तान को कब्जे का मौका दिया, जवाब साफ है। जब भी मैं नेहरु जी की चर्चा करता हूं, कांग्रेस का पूरा सिस्टम बिलबिला जाता है। एक शेर है -लम्हों ने खता की, सदियों ने सजा पाई। आजादी के बाद से जो फैसले लिये गये। आज तक देश भुगत रहा है। बार-बार इस बात का जिक्र हुआ। अक्साई-चीन के पूरे क्षेत्र को बंजर करार दिया गया, ये तो बंजर हैं।
देश के 38000 वर्ग किलोमीटर जमीन हमें खोनी पड़ी। मेरी कुछ बातें चुभनेवाली है। 1962-63 के बीच काग्रेस के नेता जम्मू के पूछ, नीलम भैले, किशनगंगा को छोड़ देने का प्रयास कर रहे थे। भारत की भूमि, वो भी लाइन आफ पीस के नाम पर किया जा रहा था। 1966 में रन आफ कच्छ पर इन्होंने मध्यस्थता स्वीकार की थी। 800 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पाकिस्तान को सौंप दिया। कही छड़ा बेट भी इसे कहते हैं। 1971 में 93000 पाकिस्तानी सैनिकों को बंदी बनाया गया। पाकिस्तान का हजारों वर्ग किलोमीटर जमीन भारतीय सेना ने कब्जा किया था।
हम बहुत कुछ कर सकते थे। उस वक्त थोडा भी विजन होता, उसी समय पीओके लेना का था। वो मौका था, वो मौका भी छोड़ दिया था। अरे कम से कम करतारपुर साहिब ले सकते थे। वो भी नहीं ले सकें। 1974 श्रीलंका को कच्छदिवू सौंप दिया गया। आज भी हमारे मछुआरों को दिक्कते आती है। उनका हक छिनकर दूसरों के दे दिया। ये लोग तो सियाचिन से सेना हटाने की बात कर रहे थे। ये सियाचिन को भी पाकिस्तान को दे देते। जो कांग्रेसी हमें डिप्लोमेसी की बात याद दिला रहे हैं। उन्हें डिप्लोमेसी याद दिला देना चाहता हूं।
एक ओर पाकिस्तानी भारत में खून की होली खेल रहे थे और कांग्रेसी उनके साथ मुशायरे करने में व्यस्त थे
उन्होंने कहा कि 26-11 के बाद भी कांग्रेस सरकार ने पाकिस्तान से बातचीत शुरु कर दी। कांग्रेस सरकार ने एक भी डिप्लोमेट को भारत से निकालने की हिम्मत नहीं की। एक वीजा तक कैसिल नहीं की। देश पर पाकिस्तान स्पान्सर आतंकी हमले होते रहे। उसके बावजूद यूपीए सरकार ने उसे मोस्ट फेविरिट नेशन का दर्जा दे रखा था। एक तरफ देश मुंबई के हमले का न्याय मांग रहा था, दूसरी तरफ कांग्रेस पाकिस्तान से व्यापार करने में लगा था।
पाकिस्तानी खून की खोली खेल रहे थे। आतंकी को भेजते रहे और कांग्रेसी अमन के मुशायरे करते थे। हमने जब सत्ता संभाली आतंकवाद और आतंकी के वन वे ट्रेफिक को ही बंद कर दिया। हमने अटारी बार्डर बंद किया। वन देश को गिरवी रखना तो कांग्रेस की पूरानी नीति रही है। उसका सबसे बड़ा कारण सिंधु जल समजौता है। ये किसने किया नेहरु ने किया। मामला किससे जुड़ा था, भारत से निकलनेवाले नदियां। उसका वो पानी था और वो नदियां हजारों साल से देश की सांस्कृतिक शक्तियां रही है। भारत को सुजलां-सुफलां बनाने में मदद करती रही। भारत की पहचान थी।
पं. नेहरु ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता कर भारत की अस्मिता और स्वाभिमान के साथ धोखा किया
नेहरु और कांग्रेस ने सिधु और झेलम का विवाद सुलझाने का जिम्मा वर्ल्ड बैंक को दे दी। सिंधु जल समझौता भारत की अस्मिता और स्वाभिमान के साथ बहुत बड़ा धोखा था। आज देश के युवा सुनते होंगे तो उन्हें भी आश्चर्य होगा। नेहरु ने 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान को दे दी। हिन्दुस्तान को 20 प्रतिशत पानी ही हाथ लगा। ये कौन सी बुद्धिमानी है। ये कौन सी डिप्लोमैसी थी। जो देश खुलेआम भारत को अपना दुश्मन कहता रहता है। इस पानी पर भारत के किसानों का हक था। पं. नेहरु ने सभी को पानी के संकट में ढकेल दिया।
भारत में राज्यों के भीतर पानी के लिए संघर्ष होता रहा और पाकिस्तान मौज करता रहा और ये अपनी डिप्लोमेसी की बात करते हैं। अगर ये ट्रीटी नहीं होती तो यहां कई परियोजनाएं तैयार होती। यहां के किसान खुशहाल होते। हमारे यहा पीने के पानी की कोई दिक्कत नहीं होती। हम बिजली बना रहे होते। इतना करने के बाद भी नेहरु ने इसके उपरांत पाकिस्तान को पैसे भी दिये कि पाकिस्तान उस पर नहर भी बना सकें। ये सारी चीजे भारत के लोगों से छुपाई गई। उन्होंने कहा कि कही भी डेम बनते हैं तो उन्हें सफाई करने के लिए व्यवस्था होती है।
पाकिस्तान के कहने पर इस बांध में जो मिट्टी आयेगी, कचरा आयेगा तो आप इसकी सफाई नहीं कर सकते। सब कुछ हमारा और हम निर्णय नहीं कर सकते। पाकिस्तान ने नेहरु से लिखवा लिया था भारत बिना पाकिस्तान के मर्जी का अपने बांधों में जमा होनेवाले मिट्टी की सफाई नहीं कर सकता है। ये बाद में नेहरु को भी गलती बाद में माननी पड़ी। फरवरी 1961 में उन्होंने कहा था। गुलाटी मुझे उम्मीद थी कि अन्य समस्याओं के समाधान का रास्ता खुलेगा। लेकिन आज हम वहीं हैं, जहां पहले थे। नेहरु ने केवल तात्कालिक लाभ देखा। लेकिन देश बहुत पिछड़ गया। देश का बहुत बड़ा नुकसान हुआ। भारतीय किसानों और खेती का नुकसान हुआ।
नेहरु द्वारा की गलती को सुधारा जायेगा, खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते
पाकिस्तान आगे दशकों तक भारत के साथ युद्ध और छ्द्म युद्ध करता रहा। लेकिन कांग्रेस ने सिंधु जल समझौता की ओर देखा तक नहीं। नेहरु की गलती सुधारा नहीं। लेकिन हमने पूर्व की गलती को सुधारने का निर्णय लिया है। नेहरु द्वारा की गई गलती को देश हित में किसानों के हित में सुधार करने का निर्णय लिया है। देश का अहित कहनेवाले समझौते आगे नहीं चल सकते। भारत ने तय कर लिया, खून और पानी साथ-साथ नही बह सकते।
ये आतंकवाद पर लंबी-लंबी बात करते हैं। जब ये सत्ता में थे। तब देश का हाल क्या था, आज भी देश नहीं भूला है। 2014 से पहले देश में असुरक्षा का माहौल था, अगर वो आज भी याद करें, न तो लोग सिहर जाते हैं। हम सब को याद है । हर जगह रेलवे, बस स्टेशन, बाजार, मंदिर जाओ, कोई लावारिस वस्तु देखें तो छूना मत, बम हो सकता है। ये हालात कर रखा था।देश के कोने कोने में यही हाल था। माहौल यह था, जैसे कदम दर कदर पर बम छिपे हो।
कांग्रेस की कमजोर सरकार के कारण देश को कई जान गवांनी पड़ी। हमें अपनों को खोना पड़ा। आतंक पर लगाम लगाई जा सकती थी। हमारी सरकार ने 11 साल में बहुत बड़ा काम किया है। 2004 से 2014 में जो आतंकी घटनाए होती थी। उसमें बड़ी कमी आई है। जब हम आतंक पर नकेल कस कसते हैं तो आपने ऐसा क्यों नहीं किया। कांग्रेस के राज्य में आतंक फला-फूला है। उसका मूल कारण इनकी तुष्टिकरण की राजनीति, वोट बैंक की राजनीति है। दिल्ली में बाटला एनकाँउटर हुआ था तो कांग्रेस के एक नेताओं के आंखों में आसू थे। आंतकी मारे जा रहे थे और इनके आंखों में आसूं थे।
मुंबई हमले को कांग्रेसियों ने हिन्दू आतंकवाद से जोड़ा, जबकि पाकिस्तान और पूरा विश्व स्वीकार किया कि पकड़ा गया आतंकी पाकिस्तानी है
2001 में आतंकी हमला हुआ, संसद में। अफजल गुरु को बचाने की कोशिश की। मुबंई में 26/11 का हमला हुआ। एक पाकिस्तनी आतंकी पकड़ा गया। पूरा विश्व और पाकिस्तान ने स्वीकार किया कि ये पाकिस्तानी है और कांग्रेसी कर क्या रहे थे। वोट बैंक के लिए क्या कर रहे थे। उसे कांग्रेस पार्टी भगवा आतंक सिद्ध करने में लगी थी। अमेरिका के एक राजनयिक को कह दिया कि यहां लश्कर तैय्बा से भी ज्यादा खतरा हिन्दू आतंकवाद से हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दलहित में हमारे दिल मिले या न मिले, पर देश हित में मिलने चाहिए। पहलगाम की घटना ने देश को झकझोर दिया। इसके जवाब में हमने आपरेशन सिन्दुर शुरु किया। देश ने सिन्दुर स्पिरिट पैदा किया है। जब दुनिया भर में हमारे प्रतिनिधिमंडल भारत की बात बताने गये हैं। ये सिन्दूर स्पिरिट ही था। भारत की बात हमने डंके की चोट पर दुनिया के सामने रखी। इसे लेकर भी कांग्रेस को पेट में दर्द हो रहा है कि भारत का पक्ष दुनिया में क्यों रखा जा रहा है। इस मानसिकता से बाहर निकलने की जरुरत है। उन्होंने एक कविता कही …
करो चर्चा और इतनी करो
कि दुश्मन दहशत से दहल उठे
रहे ध्यान बस इतना ही
मान सिन्दूर और सेना का प्रश्नों में भी अटल रहे।
हमला मां भारती पर होगा
तो प्रंचड प्रहार करना होगा।
दुश्मन कही भी बैठा हो,
हमें भारत के लिए जीना होगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस से अनुरोध है कि एक परिवार के लिए पाकिस्तान को क्लीन चीट देना बंद करें। कांग्रेस अपनी गलती सुधारे। अब भारत आतंकी की नर्सरी में ही आंतकियों को मिट्टी में मिलायेगा। हम पाकिस्तान को भारत के भविष्य से खेलने नहीं देंगे। इसलिए आपरेशन सिन्दुर खत्म नहीं हुआ। आपरेशन सिन्दुर जारी है। ये पाकिसान के लिये भी नोटिस है। वो जब तक भारत के खिलाफ आंतक का रास्ता नहीं रोकेगा। तब-तब भारत एक्शन लेता रहेगा। भारत का भविष्य सुरक्षित और समृद्ध होगा।