CM हेमन्त का सदन में बयान, न जाने किस नक्षत्र में भाजपाइयों ने केन्द्र में सत्ता संभाली थी, अरे ये लोग हवाई जहाज पर चढ़नेवालों को भी हवाई चप्पल पर ले आयेंगे
झारखण्ड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सदन को संबोधित करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि इस सरकार के मात्र अभी एक साल हुए हैं और इस एक साल में हमने एक लंबी लकीर खींचते हुए बड़ी तेजी से चलना प्रारंभ कर दिया है। फिलहाल एक यादगार और न भूलनेवाला यह शीतकालीन सत्र चल रहा हैं, जो अपने 25वें साल में हैं। हम जिम्मेवारी की भावना, यहां की कला-संस्कृति के साथ आगे बढ़ने को तत्पर है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष का सदन से गायब होने के पीछे कारण सिर्फ यहीं है कि न तो उनके पास कोई मुद्दा है, न संवेदना है और न ही कोई सवाल के साथ उनके पास सरकार को घेरने का प्रयास है, विपक्ष के लोग तो ज्यादा गिरते नजर आ रहे हैं। पहले छात्रवृत्ति का मुद्दा उठाया। लेकिन इस मुद्दे पर केन्द्र का जो सौतेला व्यवहार है, उसे ये भूल गये। इन्हें दरअसल अपने गिरेबां में झांक कर देखना चाहिए, इन्हें अपने आला नेताओं से पूछने चाहिए कि आखिर सच्चाई क्या है?
मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि न तो उन्होंने स्कूल बंद किया है और न ही कोई बजट में कटौती की है। लेकिन केन्द्र ने क्या किया अनुसूचित जनजाति के बच्चों को मिलनेवाली छात्रवृत्ति में 90 प्रतिशत की कटौती कर दी। विदेश जानेवाले बच्चों की छात्रवृत्ति में 95 प्रतिशत की कटौती कर दी। अल्पसंख्यक बच्चों की प्री-मैट्रिक में 40 प्रतिशत की कमी कर दी। मेधा व आय आधारित टेक्निकल पाठ्यक्रम के आवंटन में भी 75 प्रतिशत की कटौती कर दी। अनुदान योजनादि में 61 प्रतिशत कम कर दिया। ऐसे में विपक्षियों की मांग कहां तक उचित हैं। अरे हमलोग छात्रवृत्ति घटानेवाले नहीं, हमलोग बढ़ानेवाले लोग हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने तो वो रोडमैप बनाया है कि इससे राज्य में शिक्षा का स्तर बढ़ेगा, कोई दिक्कत ही नहीं आयेगी। परीक्षादि के लिए मुफ्त कोचिंग की व्यवस्था कराई है। एक्सएलआरआई व रिम्म जैसी संस्थानों के माध्यम से यह व्यवस्था कराई गई है। शिक्षकों के बेहतर प्रदर्शन तक के लिए ट्रेनिंग की व्यवस्था करा दी है। सच्चाई तो यह है कि केन्द्र के लोग यहां के जनमानस की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। हमारी सरकार ने तो विदेश में पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप दी। गुरुजी क्रेडिट योजना चलाया। सावित्री बाई फूले योजना तक लाई। प्राइवेट स्कूलों के तर्ज पर सरकारी स्कूलों को बनाने का प्लान बनाया।
उन्होंने कहा कि हमारे यहां रेलवे से भी अधिक उन्हें राजस्व की प्राप्ति होती है। लेकिन हमारे हिस्से क्या आता है -पलायन, विस्थापन और प्रदूषण। देश में जहां आदिवासी रहते हैं, वहां देश के सुरक्षा बलों को लगाकर उन्हें वहां से हटाया जा रहा हैं और वहां व्यापारियों को वह इलाका सौंपा जा रहा है। राजस्थान व छत्तीसगढ़ का इलाका उसका प्रमाण है। एसआईआर के नाम पर देश के लोगों को वोटर लिस्ट से नाम काटे जा रहे हैं। लोगों को तरह-तरह के उलझनों में फंसाया जा रहा है। बहस राष्ट्रगान और वंदे मातरम् पर हो रही है। क्या इस प्रकार के बहस से गरीबी दूर हो जायेगी, रोजगार सृजन हो जायेगा। सच्चाई यह है कि गरीबों के मुंह से निवाला छीना जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इंडिगो प्रकरण से लाखों लोग प्रभावित हो गये। पर यहां तो वंदे मातरम् पर चर्चा हो रही है। चांदनी चौक में केमिकल से विस्फोट हो गया। आखिर ये केमिकल बहुत दिनों से कैसे वहां स्टोर हो रहा था। बार्डर तो केन्द्र के जिम्मे हैं, तो घुसपैठिये अंदर कैसे आ जा रहे हैं। महंगाई पर तो चर्चा ही नहीं हो रही है। जिन्होंने कहा था कि हवाई चप्पल पहननेवाले को वे हवाई जहाज पर यात्रा करा देंगे। लेकिन जो देश की स्थिति हैं और जो हवाई यात्रा का टिकट का दाम देखा जा रहा हैं, जो 40 हजार तक पहुंच गये। देखकर तो लगता है कि जो लोग हवाई जहाज की सवारी करते थे, उन्हें ये हवाई चप्पल पर लाकर खड़ा कर देंगे। आश्चर्य है कि इंडिगो प्रकरण में दुल्हा व दुल्हन अपने मंडप तक नहीं पहुंच सकें। इन सारी घटनाओं का इन पर असर नहीं पड़ता। देश में कही मंदिर तो कही मस्जिद, तो कही रेल दुर्घटना तो कही हवाई जहाज की दुर्घटना हो रही हैं। लेकिन इनको कोई फर्क नहीं पड़ता।
उन्होंने कहा कि न जाने किस नक्षत्र में इनलोगों ने सत्ता संभाली, कि पूरे नागरिकों को ही खत्म करने की इनकी योजना चल रही। कोविड में ऐसा इंजेक्शन लगवाया कि आज लोग कई बीमारियों के शिकार हो रहे हैं, कोई हार्ट अटैक से मर रहा तो कोई कैंसर से। बिना अनुसंधान के ही सबको इंजेक्शन लगवा दिया। हाल ही में एक एयरशो के दौरान एक फाइटर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिसमें एक पायलट की मौत हो गई और इन्होंने पायलट को ही दोषी ठहराया। जबकि एक फोर्स के ही बड़े पदाधिकारी ने इसके लिए उस कंपनी को दोषी ठहराया, जिसनें उसे बनाया था। हाल ही में गोवा में एक घटना घटी, जिसमें 13-14 लोग मौत के मुंह में चले गये और जो इसके मालिक थे, आराम से इंडिगो के विमान से ही देश के बाहर चले गये।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि यहां का मीडिया का भी जवाब नहीं। उनका हमलोगों से भी ज्यादा लगाव है। उन्हें हम जानते हैं। बौद्धिक वाले लोग हैं। उन्हें खुब हम जानते हैं। इनसे बेहतरी की उम्मीद हम क्या कर सकते हैं। हमने जो अनुपूरक बजट लाई है। वो व्यवस्था भी है और आवश्यक भी। सरकार नियम संगत, संवैधानिक स्तर पर काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि ये सत्र हालांकि छोटा था। फिर भी इसका बड़े स्तर पर लाभ लिया जा सकता था। लेकिन विपक्ष का जो आचरण रहा है। वो सिर्फ इस ओर देखता है कि अखबारों में उनके लिए क्या छपता है। सदन को बाधित करने में ही इन्हें आनन्द आता है। सरकार तो इनकी हर सवाल के जवाब को देने के लिए तैयार है। लेकिन इनकी सार्थक डिमांड तो तब न। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि आज झारखण्ड 25 साल का हो चुका है। ऐसे में न तो हमें कोई डरा सकता है और न डिगा सकता है। हम चलते रहेंगे, आगे बढ़ते रहेंगे।
