राजनीति

आधुनिकतम तकनीक से निर्मित सिरमटोली से मेकॉन गोलचक्कर तक फोरलेन फ्लाईओवर का अचानक उद्घाटन कर CM हेमन्त ने सभी को चौंकाया, इधर फ्लाईओवर का उद्घाटन का समाचार सुनते ही रांचीवासियों में दौड़ी हर्ष की लहर

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज विश्व पर्यावरण दिवस पर राज्य की जनता को एक बड़ी सौगात दी। उन्होंने आधुनिकतम तकनीक से निर्मित सिरमटोली चौक से राजेंद्र चौक होते हुए मेकॉन गोलचक्कर तक फोरलेन फ्लाईओवर / एलिवेटेड पथ-सह-आरओबी परियोजना का अचानक उद्घाटन कर इसे राज्य की जनता को समर्पित किया।

इधर जैसे ही यह खबर रांचीवासियों को मिली, रांचीवासियों में हर्ष की लहर दौड़ गई, सभी की जुबान पर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के इस दृढ़संकल्प को शीघ्र पूरा करने पर बधाइयां तैर रही थी। सभी ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की इस कार्य को पूरा करने के लिए मुक्तकंठ से प्रशंसा की। कई लोगों ने इस फोरलेन फ्लाईओवर पर सेल्फी लेकर इसे सोशल साइट पर जमकर पोस्ट किया और मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को इसके लिए बधाई दी।

ज्यादातर लोगों का यह कहना था कि कल इसी फोरलेन फ्लाईओवर के विरोध में झारखण्ड बंद का ऐलान और आज इसका उद्घाटन बता दिया कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन किसी के आगे झूकनेवाले नहीं, उनके इरादों को कोई कुंद नहीं कर सकता। वे जनहित में लिए फैसलों को मूर्तरूप देकर ही मानेंगे।

मुख्यमंत्री ने इस फ्लाईओवर का नामकरण झारखंड के सपूत दिवंगत कार्तिक उरांव जी के नाम पर करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने वन भवन, डोरंडा, रांची में विश्व पर्यावरण दिवस समारोह में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया। मुख्यमंत्री ने  सिरमटोली सरना स्थल में पूजा-अर्चना कर राज्य के सर्वांगीण विकास, सुख-समृद्धि और शांति की कामना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरों के व्यवस्थित विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इस दिशा में कई योजनाएं धरातल पर उतर चुकी है और कई योजनाओं का क्रियान्वयन जल्द होगा। उन्होंने कहा कि राजधानी रांची को ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए सरकार लगातार कार्य कर रही है। इस फ्लाईओवर के चालू होने से राजधानीवासियों को काफी हद तक ट्रैफिक जाम से निजात मिलेगी । इससे यातायात व्यवस्था सुगम होगा और परिवहन में समय के साथ ईंधन की बचत होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार को आपका बड़ा सहयोग मिला है। ऐसे में हमारी सरकार राज्य की जनता के प्रति जिम्मेदारियों को पूरी  संवेदनशीलता के साथ निभा रही है।  एक जिम्मेदार सरकार होने के नाते हम शहर से लेकर गांव तक हर व्यक्ति, वर्ग, समुदाय और तबके के हितों को ध्यान में रखते हुए कार्य योजनाओं को धरातल पर उतार रहे हैं, ताकि इस राज्य को पूरी मजबूती के साथ आगे ले जा सकें। इस कड़ी में जहां बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं, वहीं मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के जरिए नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। ऐसी ही कई और योजनाएं हैं,  जिनसे लोगों को सशक्त  बनाने का प्रयास निरंतर जारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी देश और राज्य से अपने राज्य की तुलना करना उचित नहीं है। हर देश की अपनी अलग-अलग व्यवस्थाएं, वातावरण, रहन-सहन और माहौल होते हैं, जिसे अपने प्रदेश में लागू करना उचित नहीं है। लेकिन, हम वहां की बेहतर व्यवस्था को अपने राज्य के वातावरण, जरूरतों और परिस्थितियों के अनुरूप अपना सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड वीरों-वीरांगनाओं की धरती है। हमारे पूर्वजों ने देश की आजादी की लड़ाई में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था।  संविधान निर्माण समिति में भी हमारे राज्य के कई व्यक्तित्व शामिल थे। ऐसे में अपने इन वीर शहीदों, और शख्सियतों को सम्मान देने की परंपरा कभी नहीं रुकेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ लगातार हो रहा है । पर्यावरण पर हो रहा यह हमला मानव जीवन और जीव जंतुओं के लिए खतरा बनता जा रहा है। आज पर्यावरण पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन चुका है। अगर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में आगे नहीं आएं तो हम सभी को इसके गंभीर परिणाम भुगतने से कोई रोक नहीं सकता। ऐसे में पर्यावरण को बचाने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति का सीधा संबंध हमारे जीवन से जुड़ा है।  पर्यावरण सुरक्षित रहेगा, तभी मानव जीवन और अन्य जीव जंतु सुरक्षित रहेंगे। ऐसे में वनों को बढ़ाने का प्रयास करना है। उन्होंने लोगों से कहा कि इसके लिए हम सभी सिर्फ एक-एक पेड़ भी लगाएं तो निश्चित तौर पर बदलाव देखने को मिलेगा और यह पर्यावरण के लिए काफी निर्णायक साबित होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड का नाम ही हरियाली का प्रतीक है। जल, जंगल और जमीन इस राज्य की पहचान है। इतना ही नहीं, किसी ना किसी माध्यम से हम सदियों से प्रकृति की पूजा करते आ रहे हैं। हमें  ना सिर्फ प्रकृति के साथ जुड़ा रहना है, बल्कि इसे और समृद्ध करने के लिए पहल करना है । इस दिशा में हमारी सरकार ने प्रयोग किये हैं। अब सरकारी समारोहों में अतिथियों को पौधा प्रदान करने की परंपरा को शुरू किया है। इसका मकसद पर्यावरण के प्रति लोगों को सजग और सतर्क करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें विकास की नई ऊंचाइयों को छूना है। पर्यावरण का भी ख्याल रखना है। मानव जीवन और जीव जंतुओं को भी सुरक्षित करना है। ऐसे में पर्यावरण के साथ तालमेल स्थापित करना आज की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संतुलित विकास से ही संभव है। ऐसे में पर्यावरण को  बिना नुकसान पहुंचाते हुए विकास की दिशा में आगे बढ़ना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार के स्तर पर कई  नियम- कानून और नीतियां बनाई गई है, लेकिन इन नियमों और नीतियों से बेहतर है कि हम सभी दृढ़ संकल्प और इच्छा शक्ति के साथ पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए कार्य करें। जब हर व्यक्ति पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक होगा ,तभी प्रकृति को सुरक्षित रख सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि हमें ऐसी चीजों से दोस्ती करना चाहिए, जिससे पर्यावरण को खतरा नहीं हो। उन्होंने कहा कि आज प्लास्टिक पर्यावरण के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है। एक छोटा सा प्लास्टिक का बैग आपकी जिंदगी को खतरे में डाल सकता है। इसी वजह से  प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाए जा रहे हैं। लेकिन, इसका कोई अंतिम परिणाम अभी तक सामने नहीं आ पाया है।

उन्होंने कहा कि प्लास्टिक आने के पूर्व भी हमारी जिंदगी चल रही थी। हम एनवायरमेंट फ्रेंडली सामानों का इस्तेमाल कर रहे थे और प्रकृति का बचाव भी हो रहा था। ऐसे में आज एक बार फिर हमें वैसी चीजों के इस्तेमाल के लिए आगे आना होगा, जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचे।

इस अवसर पर मंत्री सुदिव्य कुमार, मंत्री संजय प्रसाद यादव, मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, विधायक अमित कुमार महतो, विधायक सुरेश बैठा, राज्य समन्वय समिति के सदस्य राजेश ठाकुर, मुख्य सचिव अलका तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार,  प्रधान सचिव सुनील कुमार, पुलिस महानिदेशक अनुराग गुप्ता, प्रधान मुख्य वन संरक्षक अशोक कुमार औऱ रांची रेल मंडल के डीआरएम सहित कई वरीय अधिकारी मौजूद थे।

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