खूंटी, चाईबासा एवं चांडिल में प्रस्तावित विधिज्ञ परिषद भवन का शिलान्यास किया CM हेमन्त सोरेन ने, कहा आधारभूत संरचनाओं को मजबूत कर रही राज्य सरकार
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन, मुख्य न्यायाधीश, झारखंड उच्च न्यायालय, न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान एवं न्यायाधीशगण, झारखंड उच्च न्यायालय की गरिमामयी उपस्थिति में आज कचहरी परिसर खूंटी में आयोजित खूंटी, चाईबासा एवं चांडिल के प्रस्तावित विधिज्ञ परिषद भवन (Bar Council Building) का शिलान्यास कार्यक्रम विधिवत रूप से संपन्न हुआ। चाईबासा एवं चांडिल में बनने वाले बार भवन का ऑनलाइन शिलान्यास किया गया।
इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि यूं तो आज एक छोटा सा शिलान्यास समारोह आयोजित है, लेकिन इसके मायने बहुत बड़े हैं, इसके कार्य भी बड़े हैं, जिसके माध्यम से राज्य के आम जनों को न्याय प्राप्त होता है। इस प्रक्रिया को चलाने के कई पायदान हैं, कई लोग कार्य करते हैं।
आज उसी कड़ी में खूंटी, चाईबासा एवं चांडिल में बार भवन का शिलान्यास संपन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की योजना है कि झारखंड के सभी जिलों में एक सुंदर, स्वच्छ एवं सुव्यवस्थित बार भवन का निर्माण की जाए। आने वाले तीन वर्ष के अंदर सभी जिलों में बार भवन बनकर तैयार हो। इसी लक्ष्य के साथ कार्य योजना को मूर्त रूप देने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सिर्फ न्यायालय नहीं, बल्कि एक ऐसा मंदिर है जहां कि बिना किसी भेदभाव के सभी लोगों को न्याय प्रदान किया जाता है। यह स्वतंत्र रूप से अपने कार्यों को अंजाम देते हुए हमारी संवैधानिक व्यवस्था को और मजबूत बनाती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायिक व्यवस्था में बेंच एवं बार अभिन्न अंग के रूप में कार्य करते हैं एवं आम जन को सुलभ एवं त्वरित न्याय दिलाने तथा उनके मौलिक अधिकारों की रक्षा में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार न्यायिक आधारभूत संरचना के सुदृढ़ीकरण हेतु निरंतर कार्य कर रही है। न्यायिक पदाधिकारी एवं कर्मचारियों के लिए आवास की सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा यहां के अधिवक्ताओं के लिए कई महत्वाकांक्षी योजनाएं संचालित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड देश में पहला राज्य है जहां अधिवक्ताओं को पेंशन देने का कार्य उनकी सरकार कर रही है तथा अधिवक्ताओं के स्वास्थ्य बीमा और स्टाइपेंड की व्यवस्था भी कर रही है। उन्होंने कहा कि जिला न्यायालयों में व्यक्तिगत रूप से कई बार आने जाने का मौका मुझे भी मिला है। उनकी सरकार की सोच है कि न्यायालय परिसर की समस्याओं का समाधान तुरंत होना चाहिए। सरकार इसके लिए कटिबद्ध है। आने वाले समय में स्वतंत्र रूप से न्याय व्यवस्था अपने कार्यों में आगे बढ़े इस निमित्त राज्य सरकार पूर्ण सहयोग करने को सदैव तत्पर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि आज भगवान बिरसा मुंडा जी की पवित्र धरती से खूंटी, चाइबासा एवं चांडिल में बार भवन के निर्माण हेतु किया जा रहा शिलान्यास कार्य न्यायिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने में मील का पत्थर साबित होगा। इस अवसर पर सांसद कालीचरण मुंडा, विधायक राम सूर्या मुंडा, विधायक सुदीप गुड़िया, महाधिवक्ता राजीव रंजन, न्यायिक एवं प्रशासनिक पदाधिकारीगण, गणमान्य अतिथिगण सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।