अपनी बात

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अपने पिता शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर को पारंपरिक रीति- रिवाज के साथ दी मुखाग्नि, पूरा नेमरा शोक में डूबा, घरों में चूल्हे तक नहीं जले

रामगढ़ के गोला प्रखण्ड में स्थित नेमरा गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ झारखण्ड के महान आंदोलनकारी व पूरे देश में दिशोम गुरु के नाम से विख्यात शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर आज पंचतत्व में विलीन हो गया। राज्य के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने अपने पिता के पार्थिव शरीर को पारम्परिक रीति-रिवाज के साथ मुखाग्नि दी। इस दौरान सभी की आंखे नम दिखी।

इसके पूर्व आज रांची स्थित मोराबादी आवास में बड़ी संख्या में लोग अपने प्रिय नेता को अंतिम श्रद्धाजंलि देने पहुंचे। जिसमें हर वर्ग व समुदाय के लोग थे। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को विधानसभा ले जाया गया। जहां राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार के साथ-साथ कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर पर फूल-मालाएं चढ़ाई और उन्हें अपनी श्रद्धाजंलि अर्पित की।

विधानसभा के बाद शिबू सोरेन के पार्थिव शरीर को नेमरा ले जाया गया। नेमरा जाने के क्रम में कई स्थानों पर लोगों ने अपने प्रिय नेता के अंतिम दर्शन और उन्हें श्रद्धाजंलि देने के लिए सजग दिखे। हर जगह यही नारा गूंजता रहा – वीर शिबू सोरेन अमर रहे। जैसे ही शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर उनके गांव नेमरा पहुंचा। वहां जन सैलाब उमड़ पड़ा। अंतिम दर्शन के लिए राज्य के कोने-कोने से लोग आये थे।

यूँ तो दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी के निधन की जानकारी मिलने के बाद से ही उनके पैतृक गांव नेमरा में उदासी और सन्नाटा पसर चुका था। हर कोई गमगीन था। घरों में चूल्हे तक नहीं जले थे। वहीं, आज जैसे ही दिशोम गुरु जी का पार्थिव शरीर  पैतृक आवास पहुंचा, पूरा नेमरा रो उठा। परिजन एवं सगे- संबंधी समेत राज्य के दूर दराज से आए लोगों की आंखों से आंसू छलक रहे थे। सभी ने दिशोम गुरु जी को  नमन कर अन्तिम विदाई दी।

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