विवाह जैसी पवित्र बंधन को इवेन्ट्स बना, अनैतिक रूप से कमाए हुए धन का, विवाह में प्रदर्शन करनेवालों, तुम्हारी इन हरकतों से देश नीचे जा रहा है, खुद में परिवर्तन लाओ, नहीं तो ईश्वर तुम्हें माफ करने नहीं जा रहा
विवाह या अन्य पारिवारिक धार्मिक अनुष्ठानों के अवसर पर अपने धन-वैभव का प्रदर्शन करना/कराना मूर्खता के सिवा कुछ और हो
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