RTI एक्टिविस्ट महेश को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को पत्र लिखना पड़ा महंगा, झेल रहे हैं मुकदमा, मिली अग्रिम जमानत
एक आरटीआई एक्टिविस्ट को कितना दर्द झेलना पड़ता है, कितना झूठा केस झेलना पड़ता है और उससे उसकी जिंदगी कितनी तबाह होती है, वो कोई बाघमारा के आरटीआई एक्टिविस्ट महेश कुमार से जाकर पूछे। धनबाद के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत ने महेश को एक केस में अग्रिम जमानत दी है। ये अग्रिम जमानत उसे उस केस में लेनी पड़ी है, जिसकी सच्चाई से कोई वास्ता ही नहीं, दरअसल महेश ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को पोषाहार मामले पर एक पत्र भेजा था,
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