राजनीति

बिरंची नारायण मिले मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से बोकारो की वर्तमान विधायक श्वेता सिंह के खिलाफ की शिकायत, सदस्यता रद्द करने की मांग

बोकारो के पूर्व भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने झारखण्ड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार को बोकारो की ही वर्तमान कांग्रेस विधायक श्वेता सिंह के खिलाफ एक ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में इस बात का उल्लेख है कि वर्तमान विधायक श्वेता सिंह ने विधानसभा चुनाव 2024 के दौरान अपने शपथ पत्र पर नामांकन पत्र फॉर्म 26 में गलत सूचना दी हैं और सूचना को छुपाई भी हैं, जिसके कारण उनकी सदस्यता रद्द हो जानी चाहिए।

बिरंची नारायण ने अपने आवेदन में लिखा है कि श्वेता सिंह ने 2024 के अपने विधानसभा चुनाव के नामांकन पत्र भरने के समय गलत शपथ पत्र समर्पित किया है और उसमें उन्होंने कई तथ्यों को छुपाया है, जो कि एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। बिरंची नारायण ने जो आरोप लगाये हैं, वो इस प्रकार है।

बिरंची नारायण के अनुसार दो सरकारी क्वार्टर श्वेता सिंह के नाम से आवंटित होने के बावजूद उनका विवरण, उनकी बकाया राशि नामांकन पत्र भरने के समय छिपाई गई और न ही नो ड्यूज सर्टिफिकेट ही संलग्न किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि श्वेता सिंह विधायक पद के लाभ के साथ-साथ भारत सरकार के स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के अतंर्गत संचालित बीएसएल के दोनों सरकारी आवास का लाभ ले रही है, जिसकी सूचना उन्होंने नामांकन पत्र फॉर्म 26 में संपादित शपथ पत्र में छिपाया है।

बिरंची नारायण ने यह भी कहा है कि दो-दो क्वार्टर श्वेता सिंह के नाम से आवंटित है और जैसी उन्हें जानकारी मिली है कि 2024 में विधानसभा चुनाव के नामांकन के समय भी बीएसएल के दोनों सरकारी क्वार्टर की किराये की राशि बकाया थी। जिसके संदर्भ में उन्होंने नो ड्यूज सर्टिफिकेट नहीं संलग्न किया। यह एक गंभीर प्रकृति का अपराध है और इस संदंर्भ में भारत का संविधान का अनुच्छेद 191(1), 191(1)(a) और अनुच्छेद – 192 के तहत यह मामला लाभ का पद का मामला बनता है और इस संवैधानिक उपबंध के तहत इनकी सदस्यता रद्द किये जाने का स्पष्ट प्रावधान है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को सौंपे अपने आवेदन में बिरंची नारायण ने यह भी कहा है कि द रिप्रेजेन्टेशन ऑफ द पीपुल एक्ट, 1951 के सेक्शन 125 ए के तहत श्वेता सिंह ने गलत शपथ पत्र दिया है। जिसमें उनके द्वारा फाल्स एफिडिविट देने पर दंड का भी प्रावधान है। बिरंची नारायण ने अपने ज्ञापन में श्वेता सिंह के चार वोटर आईडी कार्ड व दो पैन कार्ड होने का भी जिक्र किया है। इन दोनों पैन कार्डों में पिता के नाम अलग-अलग बताये गये हैं।

बिरंची नारायण ने इस बात का भी जिक्र किया है कि श्वेता सिंह ने अपने शपथ पत्र में बैंक से लिये गये 79,344 रुपये के कन्ज्यूमर लोन का भी उल्लेख नहीं किया हैं। साथ ही यूनियन बैंक के ऑटो लोन पर्सनल 28 लाख रुपये का भी उल्लेख नहीं किया। इस प्रकार उन्होंने ऋण की जानकारी छिपाई, जो द रिप्रेजेन्टेशन ऑफ द पिपुल एक्ट, 1951 के सेक्शन 33ए के तहत एक गंभीर चूक है। बिरंची नारायण ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से अनुरोध किया कि इन सारी बातों को ध्यान में रखते हुए बोकारो की कांग्रेस विधायक श्वेता सिंह की झारखण्ड विधानसभा की सदस्यता रद्द की जाय।

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